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ओमीक्रोन से निपटने के लिए कितना तैयार है झारखंड ? स्वास्थ्य मंत्री ने दिया ये जवाब

देशभर में ओमीक्रोन संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से जुड़े आंकड़े आशंकाओं को और बढ़ा रहे हैं. जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट आने बाद ही ओमीक्रोन संक्रमण की पुष्टि हो रही है. इसमें थोड़ा समय भी लग रहा है. पिछले कुछ दिनों में आए ओमीक्रोन के आंकड़ों के बीच झारखंड में ओमीक्रोन के खतरे से निपटने की क्या तैयारियां हैं ? आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग में क्या काम करने वाला है ? ऐसे कई और सवालों पर ईटीवी भारत ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बात की.

Health Minister Banna Gupta
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता
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Published : Dec 28, 2021, 8:02 PM IST

रांची : झारखंड के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में ओमीक्रोन की एंट्री हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में ओमीक्रोन के 6 मामले सामने आ चुके हैं. देशभर में ओमीक्रोन के 578 मामले आ चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से देशभर में बढ़ रही संक्रमण की रफ्तार के बीच झारखंड में भी आशंकाएं बढ़ रही हैं. ओमीक्रोन संक्रमण की पुष्टि के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाती है, जो झारखंड के लिए फिलहाल संभव नहीं है. क्योंकि यहां अब तक लैब स्थापित नहीं हो पाया है. टीकाकरण की रफ्तार भी सवालों के घेरे में है. ऐसे में कोरोना को लेकर आने वाली चुनौतियों और तैयारियों के बाबत ईटीवी भारत की टीम ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बातचीत की.

स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. लिहाजा, पुराने अनुभव को ध्यान में रखकर पहल किए जाने की जरूरत है. चुनौतियों को लेकर सरकार पूरी तरह तैयार हैं. यह पूछे जाने पर कि अभी भी 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के 58 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहला डोज भी नहीं मिला है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि झारखंड का भौगोलिक बनावट एक कारण है. दूसरा कारण पलायन और तीसरा है लोगों में जागरूकता की कमी. इसी वजह से रफ्तार प्रभावित हुई है. सरकार डोर टू डोर जाकर भी वैक्सीन देने की कोशिश कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वैक्सीनेशन की जब शुरुआत हुई, तभी केंद्र ने कई ऐसे नियम बना रखे थे जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से विशेष बातचीत.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस महामारी को राजनैतिक अवसर के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि जब केरल में सौ फीसदी दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में वहां बुस्टर डोज क्यों नहीं दिया जा रहा है.

जीनोम सिक्वेंसिंग लैब और टीकाकरण पर फोकस

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार एक आरटीपीसीआर मशीन भी नहीं लगवा पाई थी. लेकिन हेमंत सरकार ने आठ आरटीपीसीआर मशीन स्थापित किए. कोबास मशीन भी स्थापित की गई. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन स्थापित हो जाएगी. हालाकि उन्होंने इसके लिए कोई समय नहीं बताया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हाईलेबर मीटिंग के दौरान सभी जिलों को उपायुक्तों को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश दिया जा चुका है.

यह भी पढ़ें- CM Hemant Soren Exclusive: ईटीवी भारत से बोले सीएम हेमंत सोरेन- सामाजिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता, समाज में जहर घोलती है बीजेपी

क्या सख्ती बरतने का समय आ गया है ?

इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार तैयार है. पिछले दो वेव से सरकार बहुत कुछ सीख चुकी है. संक्रमण के नेचर पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. जरूरत पड़ी तो सख्ती भी बरती जाएगी. उन्होंने लोगों से एहतियात के साथ नववर्ष का जश्न मनाने की अपील की है.

रांची : झारखंड के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में ओमीक्रोन की एंट्री हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में ओमीक्रोन के 6 मामले सामने आ चुके हैं. देशभर में ओमीक्रोन के 578 मामले आ चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से देशभर में बढ़ रही संक्रमण की रफ्तार के बीच झारखंड में भी आशंकाएं बढ़ रही हैं. ओमीक्रोन संक्रमण की पुष्टि के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाती है, जो झारखंड के लिए फिलहाल संभव नहीं है. क्योंकि यहां अब तक लैब स्थापित नहीं हो पाया है. टीकाकरण की रफ्तार भी सवालों के घेरे में है. ऐसे में कोरोना को लेकर आने वाली चुनौतियों और तैयारियों के बाबत ईटीवी भारत की टीम ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बातचीत की.

स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. लिहाजा, पुराने अनुभव को ध्यान में रखकर पहल किए जाने की जरूरत है. चुनौतियों को लेकर सरकार पूरी तरह तैयार हैं. यह पूछे जाने पर कि अभी भी 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के 58 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहला डोज भी नहीं मिला है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि झारखंड का भौगोलिक बनावट एक कारण है. दूसरा कारण पलायन और तीसरा है लोगों में जागरूकता की कमी. इसी वजह से रफ्तार प्रभावित हुई है. सरकार डोर टू डोर जाकर भी वैक्सीन देने की कोशिश कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वैक्सीनेशन की जब शुरुआत हुई, तभी केंद्र ने कई ऐसे नियम बना रखे थे जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से विशेष बातचीत.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस महामारी को राजनैतिक अवसर के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि जब केरल में सौ फीसदी दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में वहां बुस्टर डोज क्यों नहीं दिया जा रहा है.

जीनोम सिक्वेंसिंग लैब और टीकाकरण पर फोकस

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार एक आरटीपीसीआर मशीन भी नहीं लगवा पाई थी. लेकिन हेमंत सरकार ने आठ आरटीपीसीआर मशीन स्थापित किए. कोबास मशीन भी स्थापित की गई. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन स्थापित हो जाएगी. हालाकि उन्होंने इसके लिए कोई समय नहीं बताया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हाईलेबर मीटिंग के दौरान सभी जिलों को उपायुक्तों को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश दिया जा चुका है.

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क्या सख्ती बरतने का समय आ गया है ?

इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार तैयार है. पिछले दो वेव से सरकार बहुत कुछ सीख चुकी है. संक्रमण के नेचर पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. जरूरत पड़ी तो सख्ती भी बरती जाएगी. उन्होंने लोगों से एहतियात के साथ नववर्ष का जश्न मनाने की अपील की है.

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