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जेईई मेन टॉपर : कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनने का सपना, कैंब्रिज से भी मिला ऑफर - जेईई मेन टॉपर

जेईई मेन फरवरी के टॉपर सिद्धांत मुखर्जी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में अपनी सफलता पर कहा कि कोटा की कोचिंग और पढ़ाई के जरिए ही वह सफल हो पाए हैं. कोटा में जो पढ़ाई का माहौल मिलता है, उसके बदौलत उनको अच्छी सफलता मिली है. सिद्धांत का कहना है कि उनका अभी तो टारगेट आईआईटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस ब्रांच है. इसके लिए जेईई एडवांस में भी अच्छे नंबर लाने होंगे और वह इसके लिए मेहनत कर रहे हैं.

सिद्धांत मुखर्जी
सिद्धांत मुखर्जी
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Published : Mar 9, 2021, 8:23 PM IST

कोटा : जेईई मेन फरवरी 2021 परीक्षा में छह अभ्यर्थी 100 परसेंटाइल हासिल कर टॉपर रहे हैं. इनमें मुंबई के रहने वाले सिद्धांत मुखर्जी भी शामिल हैं, जो 2019 से ही कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने अपनी सफलता का राज बताया है.

उन्होंने कहा कि कोटा की कोचिंग और पढ़ाई के जरिए ही वह सफल हो पाए हैं. कोटा में जो पढ़ाई का माहौल मिलता है, उसी की बदौलत उनको अच्छी सफलता मिल पाई.

सिद्धांत ने बताया कि उनके पास कैंब्रिज और इंपीरियल से स्टडी का ऑफर लेटर आया हुआ है. सिद्धांत का कहना है कि उनका अभी तो टारगेट आईआईटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस ब्रांच है. इसके लिए जेईई एडवांस में भी अच्छे नंबर लाने होंगे. इसके लिए वह मेहनत कर रहे हैं.

समय की कीमत समझी
सिद्धांत ने कहा कि कोटा में स्टडी के लिए फैकल्टी भी काफी अच्छे हैं, यहां पीयर ग्रुप जो मिलता है, वह भी काफी अच्छा रहता है. पीयर ग्रुप में भी हमारा परफॉर्मेंस लगातार मॉनिटरिंग होता है. हम अपने दोस्तों के बीच जो कंपटीशन करते हैं, उससे भी मदद मिलती है. सिद्धांत का कहना है कि कभी-कभी परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं आए, लेकिन वह हताश नहीं हुए और लगातार मेहनत की. उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान दो साल में हर दिन कीमती था, इसलिए समय बर्बाद नहीं किया.

मुंबई के बड़े स्कूल से कोटा आना मुश्किल था
सिद्धांत के पिता संदीप का कहना है कि वह पहले काफी डरे हुए थे, क्योंकि सिद्धांत मुंबई के एक बड़े स्कूल में पढ़ता है और वहां से जो बच्चे पढ़ते हैं, वे विदेश की पढ़ाई के लिए आगे जाते हैं. कोटा को लेकर काफी गलत बातें उन्होंने सुनी थी, लेकिन जब कोटा आकर बच्चे ने पढ़ाई की तो यहां के माहौल से संतुष्ट हुए.

उनका कहना है कि देशभर में ऐसा माहौल कहीं भी नहीं है. जिस तरह यहां लोग सहयोग करके बच्चे को आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं, वैसा कहीं भी नहीं है. उनका कहना है कि पढ़ाई के दौरान ही कोविड-19 आ गया और लॉकडाउन लग गया. इस दौरान वह सिद्धांत को मुंबई ले गए और उनकी बुक कोटा में ही छूट गई, लेकिन उन्हें कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी. क्योंकि, यहां के लोगों ने उनका पूरा सहयोग किया और उनकी बुक्स कोरियर करके पहुंचा दी.

पढ़ें- जेईई मेन परीक्षा के नतीजे घोषित , 6 छात्रों ने हासिल किए शत प्रतिशत अंक

सिद्धांत की मां नबनीता का कहना है कि लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लासेज में थोड़ी समस्या आई, लेकिन सिद्धांत ने काफी मेहनत की और कोटा की कोचिंग संस्थान से जो उसे मदद मिली, इसके चलते ही यह सफलता मिली है.

कोटा को संबल दिलाएगी मेरिट
कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के निदेशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि लॉकडाउन में कोटा से ही देशभर में ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की गईं. इस बार उनके कोचिंग संस्थान के चार बच्चे 100 परसेंटाइल लेकर आए हैं, जो काफी अच्छा परिणाम है. पहले भी एकाध बच्चे के इस तरह के नंबर आते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कोटा में बच्चों को संभाला है. उन्हें घरों पर वापस सुरक्षित भेजा है, आज उसी का फल मिला है. कोटा की कोचिंग को जो कुछ नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई और संबल जरूर इससे मिलेगा.

कोटा : जेईई मेन फरवरी 2021 परीक्षा में छह अभ्यर्थी 100 परसेंटाइल हासिल कर टॉपर रहे हैं. इनमें मुंबई के रहने वाले सिद्धांत मुखर्जी भी शामिल हैं, जो 2019 से ही कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने अपनी सफलता का राज बताया है.

उन्होंने कहा कि कोटा की कोचिंग और पढ़ाई के जरिए ही वह सफल हो पाए हैं. कोटा में जो पढ़ाई का माहौल मिलता है, उसी की बदौलत उनको अच्छी सफलता मिल पाई.

सिद्धांत ने बताया कि उनके पास कैंब्रिज और इंपीरियल से स्टडी का ऑफर लेटर आया हुआ है. सिद्धांत का कहना है कि उनका अभी तो टारगेट आईआईटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस ब्रांच है. इसके लिए जेईई एडवांस में भी अच्छे नंबर लाने होंगे. इसके लिए वह मेहनत कर रहे हैं.

समय की कीमत समझी
सिद्धांत ने कहा कि कोटा में स्टडी के लिए फैकल्टी भी काफी अच्छे हैं, यहां पीयर ग्रुप जो मिलता है, वह भी काफी अच्छा रहता है. पीयर ग्रुप में भी हमारा परफॉर्मेंस लगातार मॉनिटरिंग होता है. हम अपने दोस्तों के बीच जो कंपटीशन करते हैं, उससे भी मदद मिलती है. सिद्धांत का कहना है कि कभी-कभी परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं आए, लेकिन वह हताश नहीं हुए और लगातार मेहनत की. उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान दो साल में हर दिन कीमती था, इसलिए समय बर्बाद नहीं किया.

मुंबई के बड़े स्कूल से कोटा आना मुश्किल था
सिद्धांत के पिता संदीप का कहना है कि वह पहले काफी डरे हुए थे, क्योंकि सिद्धांत मुंबई के एक बड़े स्कूल में पढ़ता है और वहां से जो बच्चे पढ़ते हैं, वे विदेश की पढ़ाई के लिए आगे जाते हैं. कोटा को लेकर काफी गलत बातें उन्होंने सुनी थी, लेकिन जब कोटा आकर बच्चे ने पढ़ाई की तो यहां के माहौल से संतुष्ट हुए.

उनका कहना है कि देशभर में ऐसा माहौल कहीं भी नहीं है. जिस तरह यहां लोग सहयोग करके बच्चे को आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं, वैसा कहीं भी नहीं है. उनका कहना है कि पढ़ाई के दौरान ही कोविड-19 आ गया और लॉकडाउन लग गया. इस दौरान वह सिद्धांत को मुंबई ले गए और उनकी बुक कोटा में ही छूट गई, लेकिन उन्हें कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी. क्योंकि, यहां के लोगों ने उनका पूरा सहयोग किया और उनकी बुक्स कोरियर करके पहुंचा दी.

पढ़ें- जेईई मेन परीक्षा के नतीजे घोषित , 6 छात्रों ने हासिल किए शत प्रतिशत अंक

सिद्धांत की मां नबनीता का कहना है कि लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लासेज में थोड़ी समस्या आई, लेकिन सिद्धांत ने काफी मेहनत की और कोटा की कोचिंग संस्थान से जो उसे मदद मिली, इसके चलते ही यह सफलता मिली है.

कोटा को संबल दिलाएगी मेरिट
कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के निदेशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि लॉकडाउन में कोटा से ही देशभर में ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की गईं. इस बार उनके कोचिंग संस्थान के चार बच्चे 100 परसेंटाइल लेकर आए हैं, जो काफी अच्छा परिणाम है. पहले भी एकाध बच्चे के इस तरह के नंबर आते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कोटा में बच्चों को संभाला है. उन्हें घरों पर वापस सुरक्षित भेजा है, आज उसी का फल मिला है. कोटा की कोचिंग को जो कुछ नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई और संबल जरूर इससे मिलेगा.

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