नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में खराब होती सुरक्षा स्थिति के बीच भारत ने रविवार को वहां फंसे 392 लोगों को निकाला. इन लोगों में महिला अफगान सांसद अनारकली कौर भी शामिल हैं. भारत पहुंची अनारकली ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां की स्थिति को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, 'हमने कभी नहीं सोचा था कि हम अफगानिस्तान में ऐसे दिन देखेंगे. उन्होंने कहा कि जिस देश में सरकार नहीं है, वहां अब कुछ भी हो सकता है. महिलाओं के अधिकार (rights of women) खतरे में हैं और हम नहीं जानते कि वहां भविष्य क्या है?'
हालांकि, तालिबान का कहना है कि 20 साल पहले जैसा कुछ नहीं होगा, लेकिन इस बारे में इसके बारे में कुछ भी निश्चित नहीं है क्योंकि अमेरिकी सैनिकों (US troops) को अभी पूरी तरह से वापस लेना बाकी है.
उन्होंने कहा कि एक बार वापसी पूरी हो जाने के बाद- जिसकी समय सीमा कुछ ही दिन दूर है, हमें पता चल जाएगा कि तालिबान आगे क्या करेगा.
अनारकली ने कहा कि वहां के हालात में यह सोचा भी नहीं जा सकता कि अगले पल में क्या होने वाला है? उन्होंने कहा कि अफगान शांति प्रक्रिया से उन्हें बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन इसका कोई उल्लेखनीय असर नहीं देखने को मिला.
कौर ने आगे आशा व्यक्त की कि अफगानिस्तान पिछले 20 वर्षों की सभी उपलब्धियां को सहेज कर रखेगा. इस दौरान उन्होंने मैंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान का साथ कभी नहीं छोड़ने और देश का समर्थन जारी रखने का आग्रह किया.
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उल्लेखनीय है कि होनारयार उन 168 लोगों में शामिल थी, जिन्हें काबुल से एयरलिफ्ट (airlifted from Kabul ) करके गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस (Hindon airbase in Ghaziabad) लाया गया था.
बता दें कि वह एक महिला अधिकार कार्यकर्ता (women's rights activist ) के साथ एक डेन्टिस्ट भी हैं.