पुणे/देहरादूनः कहते हैं डर के आगे जीत है. ऐसा ही कुछ जीत यानी कारनामा कर दिखाया है रिटायर कर्नल गिरिजा शंकर मुंगली ने. कर्नल मुंगली ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने 70 साल की उम्र में 16000 फीट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग कर नया कीर्तिमान बनाया है. उम्र के इस पड़ाव में भी जोश से लबरेज गिरिजा शंकर मुंगली से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सेवानिवृत कर्नल गिरिजा शंकर मुंगली ने कहा कि उन्होंने 70 साल के उम्र में पैरा जंपिंग की है. उन्होंने ये जंपिंग स्कूली बच्चों के लिए की है. उन्होंने कहा कि हमें जीवन में बिना डरे जीना चाहिए. तभी हम अपने जीवन का आनंद ले सकते हैं. पैरा जंपिंग करने से डर नहीं लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसी डर को दूर करने के लिए उन्होंने पैरा जंपिंग की है.
कर्नल मुंगली ने कहा कि यह पैरा जंपिंग उन्होंने अपने स्कूली बच्चों के अलावा अन्य बच्चों में खेलों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए की है. उन्हें उम्मीद है कि पैरा जंपिंग करने से बच्चों को प्रेरणा जरूर मिलेगी. उन्होंने कहा कि कम ऊंचाई से पैरा जंपिंग करना मुश्किल माना जाता है. ऐसे में सही समय पर पैराशूट खुलना महत्वपूर्ण है. आगे भी मौका मिलेगा तो वो फिर से पैरा जंपिंग करेंगे.
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उन्होंने कहा कि किसी भी फील्ड में जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए. लक्ष्य के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होने चाहिए. हम खुद अपने भाग्य बनाते हैं. ऐसे में अपने जीवन को भयहीन बनाने चाहिए. जिंदगी एक अनुभवों से जुड़ा सीरीज है. सेवानिवृत्त कर्नल डॉ. गिरिजा शंकर मुंगली ने एक संस्कृति विद्यालय शुरू किया है. वर्तमान में इसमें विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित किया जा रहा है.
कौन हैं गिरिजा शंकर मुंगली? बता दें कि डॉ. गिरिजा शंकर मुंगली (Retired Colonel Girija Shankar Mungali) मूल रूप से नैनीताल के निवासी हैं. फिलहाल, वे बीते 25 साल से परिवार समेत महाराष्ट्र के पुणे में रहते हैं. नैनीताल में दो भाई सतीश और अनिल अपने परिवार के साथ रहते हैं और उनके बच्चे विदेश में हैं.
कर्नल मुंगली ने साल 2002 में सेना से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया था. भारतीय सेना से कर्नल के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद गिरिजा शंकर मुंगली सेना के साहसिक विभाग के प्रमुख थे. उन्होंने सेना में कई अहम भूमिका निभाकर मिशन पूरे किए हैं. उन्होंने सेना में रेड कैप के लिए पैरा जंपिंग शुरू की. सेना में रहते हुए उन्होंने 100 से ज्यादा पैरा जंपिंग की.
डॉ गिरिजा शंकर मुंगली भारत और बांग्लादेश के बीच संयुक्त राफ्टिंग अभियान में शामिल रहे. सेना में रहते हुए साहसिक विभाग के प्रमुख होने के नाते उन्होंने हिमालय में कई ऊंची चोटियों का आरोहण और उनके अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया. डॉ. मुंगली वर्तमान में एशियाई फुटबॉल परिसंघ के टास्क फोर्स के सदस्य हैं.
70 साल की उम्र में 16000 फीट की ऊंचाई से की थी पैरा जंपिंगः रिटायर्ड कर्नल डॉ. गिरिजा शंकर मुंगली ने 70 साल की उम्र में 16000 फीट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग (Para jumping from 1600 feet at age of 70) कर एक नया कीर्तिमान हासिल किया है. जिसके बाद कर्नल मुंगली सुर्खियों में आ गए थे.
दरअसल, बीते 15 अक्टूबर को वायु सेना के पैराशूट ब्रिगेड महोत्सव के रियूनियन 2022 के दौरान आगरा में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने वायु सेना के प्रशिक्षण विमान से 16000 फीट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग की. इसमें उनके साथ 35 अन्य लोग भी शामिल थे, जो टीम में सबसे उम्रदराज थे. उन्होंने बताया प्लेन से कूदने के बाद जमीन पर सुरक्षित लैंड करने में बहुत खतरा होता है. जब तक आपका पैराशूट पूरी तरह से खुल नहीं जाता, तब तक सब कुछ ठीक नहीं होता.