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छत्तीसगढ़ में धान की बंपर पैदावार, सरकार के लिए बनी मुसीबत

छत्तीसगढ़ में इस बार रिकॉर्ड तोड़ धान खरीदी का सपना तो पूरा हुआ है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के बीच धान उठाव को लेकर बनी खींचतान और धान का ओवर प्रोडक्शन राज्य सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है.

छत्तीसगढ़ में धान की बंपर पैदावार
छत्तीसगढ़ में धान की बंपर पैदावार
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Published : Mar 13, 2021, 8:02 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में धान की बंपर पैदावार हुई. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का बीते 20 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया है. राज्य सरकार अपनी पीठ जरूर थपथपा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि जरूरत से ज्यादा धान की खरीदी शासन-प्रशासन के लिए मुसीबत बन चुकी है.

नीलामी के तहत सरप्लस धान की बिक्री शुरू

विपणन अधिकारी की मानें तो इस साल किसानों का रकबा और क्षेत्र बढ़ने की वजह से धान की बंपर पैदावार हुई है. यह अब सरकार पर भारी पड़ती नजर आ रही है.

रिकॉर्ड तोड़ धान खरीदी का सपना अब सरकार के लिए बड़ी मुश्किल साबित हो रहा है. यही वजह है कि इस बार धान और चावल का अब नीलामी के जरिए फ्री सेल किया जा रहा है.

अकेले बिलासपुर जिले की बात करें तो यहां मिलर के बाद नान और एफसीआई को चावल देने के बाद भी 69 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा धान बच रहा है. इसलिए अब शासन के निर्देश के मुताबिक एकमात्र नीलामी उपाय के तहत मिलरों को खरीदी की अनुमति दी गई है. यह तीन मार्च से लगातार जारी है.

इस व्यवस्था के तहत राइस मिलरों द्वारा कस्टम मिलिंग के साथ-साथ फ्री होल्ड चावल की खरीदी की जा रही है. प्रशासन ने इसके लिए नीलामी जारी किया है. 18 फरवरी से क्रेता पंजीयन का काम शुरू हो चुका है.

बिलासपुर जिले के महत्वपूर्ण आंकड़े

  • जिले में पंजीकृत किसान- 1,05,582
  • रकबा- 2,55,818.32 हेक्टेयर
  • 96.59 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा
  • उत्पादन- 45 लाख 11 हजार 422 क्विंटल

पिछले 6 सालों के पंजीकृत किसान, धान बेचने वाले किसान, धान खरीदी और भुगतान के तुलनात्मक तथ्य

साल 2015-16 के आंकड़े
साल 2015-16 के आंकड़े
साल 2016-17 के आंकड़े
साल 2016-17 के आंकड़े
साल 2017-18 के आंकड़े
साल 2017-18 के आंकड़े
साल 2018-19 के आंकड़े
साल 2018-19 के आंकड़े
साल 2019-20 के आंकड़े
साल 2019-20 के आंकड़े
साल 2020-21 के आंकड़े
साल 2020-21 के आंकड़े

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में धान की बंपर पैदावार हुई. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का बीते 20 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया है. राज्य सरकार अपनी पीठ जरूर थपथपा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि जरूरत से ज्यादा धान की खरीदी शासन-प्रशासन के लिए मुसीबत बन चुकी है.

नीलामी के तहत सरप्लस धान की बिक्री शुरू

विपणन अधिकारी की मानें तो इस साल किसानों का रकबा और क्षेत्र बढ़ने की वजह से धान की बंपर पैदावार हुई है. यह अब सरकार पर भारी पड़ती नजर आ रही है.

रिकॉर्ड तोड़ धान खरीदी का सपना अब सरकार के लिए बड़ी मुश्किल साबित हो रहा है. यही वजह है कि इस बार धान और चावल का अब नीलामी के जरिए फ्री सेल किया जा रहा है.

अकेले बिलासपुर जिले की बात करें तो यहां मिलर के बाद नान और एफसीआई को चावल देने के बाद भी 69 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा धान बच रहा है. इसलिए अब शासन के निर्देश के मुताबिक एकमात्र नीलामी उपाय के तहत मिलरों को खरीदी की अनुमति दी गई है. यह तीन मार्च से लगातार जारी है.

इस व्यवस्था के तहत राइस मिलरों द्वारा कस्टम मिलिंग के साथ-साथ फ्री होल्ड चावल की खरीदी की जा रही है. प्रशासन ने इसके लिए नीलामी जारी किया है. 18 फरवरी से क्रेता पंजीयन का काम शुरू हो चुका है.

बिलासपुर जिले के महत्वपूर्ण आंकड़े

  • जिले में पंजीकृत किसान- 1,05,582
  • रकबा- 2,55,818.32 हेक्टेयर
  • 96.59 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा
  • उत्पादन- 45 लाख 11 हजार 422 क्विंटल

पिछले 6 सालों के पंजीकृत किसान, धान बेचने वाले किसान, धान खरीदी और भुगतान के तुलनात्मक तथ्य

साल 2015-16 के आंकड़े
साल 2015-16 के आंकड़े
साल 2016-17 के आंकड़े
साल 2016-17 के आंकड़े
साल 2017-18 के आंकड़े
साल 2017-18 के आंकड़े
साल 2018-19 के आंकड़े
साल 2018-19 के आंकड़े
साल 2019-20 के आंकड़े
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साल 2020-21 के आंकड़े
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