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तेदेपा के तीन सदस्यों ने आंध्र प्रदेश विधानसभा परिषद का सदस्य बने रहने के लिए दी याचिका

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Published : Jul 1, 2021, 9:41 PM IST

आंध्र प्रदेश विधानपरिषद के कम से कम तीन सदस्यों ने विधानमंडल सचिव को आवेदन देकर मांग की कि भारत निर्वाचन आयोग की नोटिस के मुताबिक उन्हें 11 अगस्त पर सदन का सदस्य बने रहने दिया जाए. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

तेदेपा
तेदेपा

अमरावती : आंध्र प्रदेश विधानपरिषद (Andhra Pradesh Legislative Council ) के कम से कम तीन सदस्यों ने गुरुवार को विधानमंडल सचिव को आवेदन देकर मांग की कि भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) (ईसीआई) की नोटिस के मुताबिक उन्हें 11 अगस्त पर सदन का सदस्य बने रहने दिया जाए.

विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (Telugu Desam Party ) (तेदेपा) के ये तीनों सदस्य मूलरूप से पांच अन्य सदस्यों के साथ ही 18 जून को ही विधानपरिषद में छह साल अपना कार्यकाल पूरा कर चुके थे और सेवानिवृत हो चुके थे.

इन तीनों द्वारा विधानमंडल सचिव के सामने याचिका दायर करने की वजह ईसीआई द्वारा सात जून को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजा गया वह पत्र है जिसमें कहा गया है कि सत्तारूढ़ वाएसआर कांग्रेस के एक सदस्य समेत विधानपरिषद के आठ सदस्य , जो स्थानीय प्राधिकर निर्वाचनक्षेत्र (एलएसी) से निर्वाचित हुए थे, 11 अगस्त, 2021 सदन से (इस कार्यकाल के लिए) सेवानिवृत होने वाले हैं.

ईसीआई ने इन सीटों के वास्ते एलएसी से परिषद का चुनाव कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी से जरूरी सूचनाएं मांगी है. इसी पत्राचार के आधार पर तेदेपा के सदस्यों -रेड्डी सुब्रमण्यम , वाई वी बी राजेंद्र प्रसाद (Y V B Rajendra Prasad) और डी जगदीश्वर राव ( D Jagadeeswara Rao ) ने विधानमंडल सचिव को याचिका देकर कहा है कि 18 जून को सदन से उनकी सेवानिवृति ईसीआई की घोषणा के विरूद्ध है. रेड्डी सुब्रमध्यम विधानपरिषद के उपसभापति हैं.

यह भी पढ़ें- आंध्र प्रदेश : विधानसभा स्पीकर ने निलंबित किए तेलुगू देशम पार्टी के 10 विधायक

तीनों ने दलील दी, 'सेवानिवृति संबंधी आदेश चुनाव आयोग की घोषणा के विरूद्ध है और यह अवैध, मनमानापूर्ण एवं असंवैधानिक है. अस्थायी सभापति की नियुक्ति भी अवैध है. उन्हें 11 अगस्त तक विधापरिषद का सदस्य रहने दिया जाए.'

(पीटीआई भाषा)

अमरावती : आंध्र प्रदेश विधानपरिषद (Andhra Pradesh Legislative Council ) के कम से कम तीन सदस्यों ने गुरुवार को विधानमंडल सचिव को आवेदन देकर मांग की कि भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) (ईसीआई) की नोटिस के मुताबिक उन्हें 11 अगस्त पर सदन का सदस्य बने रहने दिया जाए.

विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (Telugu Desam Party ) (तेदेपा) के ये तीनों सदस्य मूलरूप से पांच अन्य सदस्यों के साथ ही 18 जून को ही विधानपरिषद में छह साल अपना कार्यकाल पूरा कर चुके थे और सेवानिवृत हो चुके थे.

इन तीनों द्वारा विधानमंडल सचिव के सामने याचिका दायर करने की वजह ईसीआई द्वारा सात जून को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजा गया वह पत्र है जिसमें कहा गया है कि सत्तारूढ़ वाएसआर कांग्रेस के एक सदस्य समेत विधानपरिषद के आठ सदस्य , जो स्थानीय प्राधिकर निर्वाचनक्षेत्र (एलएसी) से निर्वाचित हुए थे, 11 अगस्त, 2021 सदन से (इस कार्यकाल के लिए) सेवानिवृत होने वाले हैं.

ईसीआई ने इन सीटों के वास्ते एलएसी से परिषद का चुनाव कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी से जरूरी सूचनाएं मांगी है. इसी पत्राचार के आधार पर तेदेपा के सदस्यों -रेड्डी सुब्रमण्यम , वाई वी बी राजेंद्र प्रसाद (Y V B Rajendra Prasad) और डी जगदीश्वर राव ( D Jagadeeswara Rao ) ने विधानमंडल सचिव को याचिका देकर कहा है कि 18 जून को सदन से उनकी सेवानिवृति ईसीआई की घोषणा के विरूद्ध है. रेड्डी सुब्रमध्यम विधानपरिषद के उपसभापति हैं.

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तीनों ने दलील दी, 'सेवानिवृति संबंधी आदेश चुनाव आयोग की घोषणा के विरूद्ध है और यह अवैध, मनमानापूर्ण एवं असंवैधानिक है. अस्थायी सभापति की नियुक्ति भी अवैध है. उन्हें 11 अगस्त तक विधापरिषद का सदस्य रहने दिया जाए.'

(पीटीआई भाषा)

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