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अरुणाचल पूर्व विधायक हत्या मामला: NSCN मास्टरमाइंड के खिलाफ नकद इनाम की घोषणा - अरुणाचल विधायक हत्या

NSCN KILLING REWARD: अरुणाचल में पूर्व विधायक हत्या मामले में सरकार ने कड़ा कदम उठाया है. सरकार ने हत्या के पीछे का मास्टरमाइंड का पता बताने वाले को इनाम देने की घोषणा की है.

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एनएससीएनअरुणाचल पूर्व विधायक हत्या मामला: NSCN मास्टरमाइंड के खिलाफ नकद इनाम की घोषणा
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By PTI

Published : Dec 30, 2023, 10:05 AM IST

ईटानगर: अरुणाचल में पूर्व विधायक हत्या मामले में राज्य सरकार ने इस हत्याकांड के पीछे का मास्टरमाइंड का पता बताने वाले को इनाम देने की घोषणा की है. प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एनएससीएन-के के युंग आंग गुट द्वारा इस महीने की शुरुआत में पूर्व विधायक युमसेन माटे की हत्या की जिम्मेदारी ली है. पूर्व कांग्रेस विधायक की 16 दिसंबर को भारत-म्यांमार सीमा पर तिरप जिले के राहो गांव में बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

अरुणाचल पूर्व विधायक हत्या मामला
अरुणाचल पूर्व विधायक हत्या मामला

तिरप के एसपी राहुल गुप्ता ने शुक्रवार को टोंग्लू अखम हासिक के ठिकाने की जानकारी देने वाले को 2.5 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की. संगठन का नगा आर्मी नंबर 130076 का स्वयंभू ब्रिगेडियर कथित तौर पर मैटी की जघन्य हत्या में शामिल है. गुरुवार को एक बयान में संगठन ने दावा किया कि मैटी की हत्या 'एनएससीएन विरोधी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी' के कारण की गई थी.

बयान में आगे बताया गया, 'वह अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में एनएससीएन विरोधी प्रचार की साजिश रच रहा था. उसने एनएससीएन/जीपीआरएन के खिलाफ साजिश रची. संगठन ने स्पष्ट किया कि यह मामला किसी भी तरह से आगामी अरुणाचल प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव से संबंधित नहीं है, जैसा कि कुछ लोगों को संदेह है, क्योंकि एनएससीएन/जीपीआरएन राज्य की राजनीति में कभी हस्तक्षेप नहीं करेगा.

माटे अपने तीन समर्थकों के साथ किसी निजी काम से गांव गए थे तभी किसी ने पूर्व विधायक को लालच देकर जंगल की ओर ले गया और गोली मार दी. माटे 2009 में कांग्रेस के टिकट पर खोंसा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में चुने गये थे. वह 2015 में भाजपा में शामिल हो गए और इस साल की शुरुआत में 2024 में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की.

राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने चांगलांग जिले में एक वयस्क शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्य किया था. 21 दिसंबर को राज्य सरकार ने मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित करने का फैसला किया. इसके बाद राज्य के गृह विभाग ने इस मामले में एनआईए को उचित निर्देश देने के लिए मामले को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2000 के बाद से राज्य में उग्रवाद से संबंधित 239 मौतों में से 183 तिराप-चांगलांग-लोंगडिंग (टीसीएल) क्षेत्र में दर्ज की गई हैं.

ये भी पढ़ें- अरुणाचल प्रदेश : संदिग्ध उग्रवादियों ने एक पेट्रोल पंप कैशियर का अपहरण किया, एक को गोली मारी

ईटानगर: अरुणाचल में पूर्व विधायक हत्या मामले में राज्य सरकार ने इस हत्याकांड के पीछे का मास्टरमाइंड का पता बताने वाले को इनाम देने की घोषणा की है. प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एनएससीएन-के के युंग आंग गुट द्वारा इस महीने की शुरुआत में पूर्व विधायक युमसेन माटे की हत्या की जिम्मेदारी ली है. पूर्व कांग्रेस विधायक की 16 दिसंबर को भारत-म्यांमार सीमा पर तिरप जिले के राहो गांव में बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

अरुणाचल पूर्व विधायक हत्या मामला
अरुणाचल पूर्व विधायक हत्या मामला

तिरप के एसपी राहुल गुप्ता ने शुक्रवार को टोंग्लू अखम हासिक के ठिकाने की जानकारी देने वाले को 2.5 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की. संगठन का नगा आर्मी नंबर 130076 का स्वयंभू ब्रिगेडियर कथित तौर पर मैटी की जघन्य हत्या में शामिल है. गुरुवार को एक बयान में संगठन ने दावा किया कि मैटी की हत्या 'एनएससीएन विरोधी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी' के कारण की गई थी.

बयान में आगे बताया गया, 'वह अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में एनएससीएन विरोधी प्रचार की साजिश रच रहा था. उसने एनएससीएन/जीपीआरएन के खिलाफ साजिश रची. संगठन ने स्पष्ट किया कि यह मामला किसी भी तरह से आगामी अरुणाचल प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव से संबंधित नहीं है, जैसा कि कुछ लोगों को संदेह है, क्योंकि एनएससीएन/जीपीआरएन राज्य की राजनीति में कभी हस्तक्षेप नहीं करेगा.

माटे अपने तीन समर्थकों के साथ किसी निजी काम से गांव गए थे तभी किसी ने पूर्व विधायक को लालच देकर जंगल की ओर ले गया और गोली मार दी. माटे 2009 में कांग्रेस के टिकट पर खोंसा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में चुने गये थे. वह 2015 में भाजपा में शामिल हो गए और इस साल की शुरुआत में 2024 में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की.

राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने चांगलांग जिले में एक वयस्क शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्य किया था. 21 दिसंबर को राज्य सरकार ने मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित करने का फैसला किया. इसके बाद राज्य के गृह विभाग ने इस मामले में एनआईए को उचित निर्देश देने के लिए मामले को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2000 के बाद से राज्य में उग्रवाद से संबंधित 239 मौतों में से 183 तिराप-चांगलांग-लोंगडिंग (टीसीएल) क्षेत्र में दर्ज की गई हैं.

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