शिलांग : मेघालय के पूर्व विधायक जूलियस डोरफांग (Julius Dorphang) को 2017 में एक लड़की से दुष्कर्म के जुर्म में री-भोई जिले की एक विशेष अदालत ने 25 साल की जेल की सजा सुनाई है. घटना के समय जूलियस डोरफांग विधायक थे.
विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) फेब्रोनियस सिल्कम संगमा ने डोरफांग पर 15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. डोरफांग उग्रवादी समूह एचएनएलसी के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं.
डोरफांग ने एचएनएलसी अध्यक्ष के तौर पर 2007 में आत्मसमर्पण किया और 2013 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मावहाटी सीट से चुनाव जीता.
अदालत ने 13 अगस्त को डोरफांग को दोषी ठहराया था और मंगलवार को सजा सुनाई. विशेष अदालत के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, जूलियस डोरफांग को 25 साल की जेल की सजा सुनाई गई. उससे 15 लाख रुपये का जुर्माना देने को भी कहा गया है.
अदालत ने तीन और लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. डेरिशा मैरी खारबामोन, मामोनी परवीन और उसके पति संदीप बिस्व पर लड़की को अपराध के लिए लाने और उससे वेश्यावृत्ति कराने का आरोप है.
डोरफांग के वकील किशोर सी. गौतम ने कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ मेघालय हाई कोर्ट का रुख करेंगे.
डोरफांग को दिसंबर 2016 में पूर्वी खासी हिल्स जिला पुलिस ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) द्वारा दर्ज कराई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था.
जनवरी 2017 में एससीपीसीआर ने री-भोई में एक अन्य शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि डोरफांग ने जिले के एक रिजॉर्ट में भी एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था.
इन शिकायतों के आधार पर डोरफांग के खिलाफ दो अलग मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद वह लापता हो गए. डोरफांग को पड़ोसी असम राज्य में एक बस टर्मिनल से सात जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें पांच जनवरी 2017 को दायर एक मामले में पॉक्सो अदालत ने दोषी ठहराया था.
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दूसरे मामले में सुनवाई जोवई की एक विशेष अदालत में चल रही है.
डोरफांग उच्च न्यायालय से जमानत मिलने से पहले नोंगपोह जिले की जेल में बंद थे. उसे पिछले साल चिकित्सा आधार पर जमानत दी गई थी. पूर्व विधायक को 13 अगस्त को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था.
(पीटीआई-भाषा)