ETV Bharat / bharat

इसरो जासूसी मामले में आईबी ने नारायणन को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया था : मैथ्यूज - नारायणन को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया था

केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज ने दावा किया है कि खुफिया विभाग ने इसरो के तत्कालीन वैज्ञानिक नम्बी नारायणन को गिरफ्तार करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव बनाया था. इसरो जासूसी मामले में उनकी अर्जी बुधवार को यहां प्रधान सत्र न्यायाधीश अदालत में सुनवाई होने की संभावना है.

पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज
पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज
author img

By

Published : Jul 6, 2021, 9:47 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यूज ने दावा किया है कि खुफिया विभाग ने इसरो (isro) के तत्कालीन वैज्ञानिक नम्बी नारायणन को 1994 के जासूसी मामले में गिरफ्तार करने के लिए उन पर और राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव बनाया था.

मैथ्यूज ने उनके और 17 अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, अपहरण, साक्ष्य गढ़ने सहित विभिन्न अपराधों के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए यह दावा किया है.

उनकी अर्जी पर बुधवार को यहां प्रधान सत्र न्यायाधीश अदालत में सुनवाई होने की संभावना है.

मामले में 18 आरोपी

इस मामले में आईबी अधिकारियों सहित 18 आरोपी हैं. आरोपियों के खिलाफ दर्ज 10 आरोपों में साजिश, सबूतों को गढ़ना, हिरासत में प्रताड़ना और मानहानि शामिल हैं. यह मामला 1994 में दर्ज किया गया था जब के करुणाकरण केरल के मुख्यमंत्री थे.

वैज्ञानिक नंबी नारायणन और अन्य पर भारतीय रॉकेट तकनीक को लीक करने का आरोप लगाया गया था. मामले के पहले आरोपी और तिरुवनंतपुरम के पूर्व सीआई एस विजयन (S Vijayan) और वंचियूर एसआई थंपी एस दुर्गादथ (Thampi S Durgadath) पहले ही उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत दाखिल कर चुके हैं.

यह है मामला

यह मामला 1994 में दर्ज किया गया था जब के करुणाकरण केरल के मुख्यमंत्री थे. वैज्ञानिक नंबी नारायणन (Nambi Narayanan) और अन्य पर भारतीय रॉकेट तकनीक को लीक करने का आरोप लगाया गया था. बाद में सीबीआई जांच में यह पूरा मामवा झूठा निकला था. 1998 में खुद के बेदाग साबित होने के बाद नारायण ने उन्हें फंसाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. तीन सदस्यीय जांच समिति ने हाल ही में शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी थी.

पढ़ें- ISRO साजिश मामला : आरोपियों की अग्रिम जमानत पर सुनवाई टली

तिरुवनंतपुरम : केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यूज ने दावा किया है कि खुफिया विभाग ने इसरो (isro) के तत्कालीन वैज्ञानिक नम्बी नारायणन को 1994 के जासूसी मामले में गिरफ्तार करने के लिए उन पर और राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव बनाया था.

मैथ्यूज ने उनके और 17 अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, अपहरण, साक्ष्य गढ़ने सहित विभिन्न अपराधों के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए यह दावा किया है.

उनकी अर्जी पर बुधवार को यहां प्रधान सत्र न्यायाधीश अदालत में सुनवाई होने की संभावना है.

मामले में 18 आरोपी

इस मामले में आईबी अधिकारियों सहित 18 आरोपी हैं. आरोपियों के खिलाफ दर्ज 10 आरोपों में साजिश, सबूतों को गढ़ना, हिरासत में प्रताड़ना और मानहानि शामिल हैं. यह मामला 1994 में दर्ज किया गया था जब के करुणाकरण केरल के मुख्यमंत्री थे.

वैज्ञानिक नंबी नारायणन और अन्य पर भारतीय रॉकेट तकनीक को लीक करने का आरोप लगाया गया था. मामले के पहले आरोपी और तिरुवनंतपुरम के पूर्व सीआई एस विजयन (S Vijayan) और वंचियूर एसआई थंपी एस दुर्गादथ (Thampi S Durgadath) पहले ही उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत दाखिल कर चुके हैं.

यह है मामला

यह मामला 1994 में दर्ज किया गया था जब के करुणाकरण केरल के मुख्यमंत्री थे. वैज्ञानिक नंबी नारायणन (Nambi Narayanan) और अन्य पर भारतीय रॉकेट तकनीक को लीक करने का आरोप लगाया गया था. बाद में सीबीआई जांच में यह पूरा मामवा झूठा निकला था. 1998 में खुद के बेदाग साबित होने के बाद नारायण ने उन्हें फंसाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. तीन सदस्यीय जांच समिति ने हाल ही में शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी थी.

पढ़ें- ISRO साजिश मामला : आरोपियों की अग्रिम जमानत पर सुनवाई टली

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.