बेंगलुरु : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ( Former Karnataka cm Basavaraj Bommai) ने राज्य में सत्ता में आने के पहले दिन अपनी पांच गारंटी को पूरा नहीं करने को लेकर शनिवार को कांग्रेस की आलोचना की. नवनियुक्त मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनके नेतृत्व में कर्नाटक मंत्रिमंडल ने आज अपनी पहली बैठक में कांग्रेस पार्टी की पांच गारंटी लागू करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी और शुरुआती अनुमानों से संकेत मिलता है कि इससे सरकारी खजाने पर वर्ष 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री, डी के शिवकुमार के उपमुख्यमंत्री और आठ विधायकों के मंत्री के रूप में के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद पहली कैबिनेट बैठक हुई. मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस पर सहमति बन गई है. हम (वादों से) पीछे नहीं हटेंगे.' उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि काफी संभावना है कि चुनाव से पहले किए गए वादे कैबिनेट की अगली बैठक के बाद लागू हो जाएंगे. बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के लोगों को नई सरकार से काफी उम्मीदें थीं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.
उन्होंने कहा, 'सरकार कहती है कि अगली कैबिनेट बैठक में इसे लागू किया जाएगा. हमें नहीं पता कि अगली कैबिनेट बैठक में इसे कब लागू किया जाएगा या नहीं. इस सरकार के असली रंग आदेश पारित होने के बाद ही पता चलेंगे.'
वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से राज्य को 5,495 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि 15वें वित्त आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में उल्लिखित विशेष वैध अनुदान नहीं दिया गया. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ घंटे बाद सिद्धरमैया ने कहा कि राज्य की पिछली भाजपा सरकार ने भी कर्नाटक का बकाया प्राप्त करने के लिए कुछ नहीं किया. सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा, '15वें वित्त आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में, यह सिफारिश की गई थी कि कर्नाटक को 5,495 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान मिलना चाहिए, जो कर्नाटक की भाजपा सरकार ने नहीं लिया.'
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(पीटीआई-भाषा)