देहरादून (उत्तराखंड): आगामी 22 जनवरी को रामलला अपने मंदिर में विराजमान हो रहे हैं. जिसे लेकर देश के कोने-कोने में उत्साह का माहौल है. ऐसे में आज आपको एक ऐसे अधिकारी से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिन्होंने फैजाबाद अब अयोध्या में बतौर कमिश्नर अपनी सेवाएं दी. जिन्हें खुद अटल बिहारी वाजपेयी ने अयोध्या में शांति बहाल और समन्वय बनाने के लिए भेजा था. अयोध्या राम मंदिर या कहें राम जन्मभूमि पर पहली बार पहुंचने के बाद उनकी जिंदगी में बड़े बदलाव भी आए. ये अधिकारी हैं शत्रुघ्न सिंह.
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अयोध्या में जन्म भूमि स्थित राम- मन्दिर में आज दिन में 12:30 बजे के बाद राममूर्ति का प्रवेश हुआ। दोपहर 1:20 बजे यजमान द्वारा प्रधानसंकल्प होने पर वेदमन्त्रों की ध्वनि से वातावरण मंगलमय हुआ। मूर्ति के जलाधिवास तक के कार्य गुरुवार को संपन्न हुए।
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दिनांक 19 जनवरी शुक्रवार को प्रातः… pic.twitter.com/F6E9IAoyLM
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फैजाबाद के कमिश्नर पद पर तैनात रहे आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह आगे चलकर उत्तराखंड के मुख्य सचिव बनाए गए. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने फैजाबाद से लेकर उत्तराखंड और फिर अयोध्या में मौजूदा समय में दे रहे अपनी सेवाओं के बारे में खुलकर बात की. राम जन्मभूमि और मंदिर से जुड़े तमाम किस्से एवं हकीकत भरी कहानियों के बारे में आपको बताएं, उससे पहले पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह के बारे में आपको बताते हैं.
बता दें कि शत्रुघ्न सिंह साल 1983 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं. वे उत्तराखंड के 13 वें मुख्य सचिव बने. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में लंबी सेवाओं में रहे शत्रुघ्न सिंह साल 2000 में फैजाबाद के कमिश्नर बने. जबकि, जिस वक्त राम मंदिर का आंदोलन हुआ, उस वक्त यानी साल 1991 में वे मुजफ्फरनगर में तैनात थे. ऐसे में उन्होंने राम जन्मभूमि से जुड़े आंदोलन और विवाद को करीब से देखा. ऐसे में फैजाबाद तैनाती के दौरान उनके अनुभवों लेकर उत्तराखंड के ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरणकांत शर्मा ने उनसे फोन पर बातचीत की. जिसमें कई रोचक बातें भी सामने आई.
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सवाल- आप जब फैजाबाद में कमिश्नर थे, तब आपकी क्या भूमिका थी?
जवाब- बात साल 2000 की है, जब वो फैजाबाद में बतौर कमिश्नर के रूप में तैनात हुए थे. उस वक्त कमिश्नर का सबसे ज्यादा काम बाबरी मस्जिद और राम मंदिर के आसपास की व्यवस्था को देखना था. उन्हें याद हैं कि आज से करीब 24 साल पहले उनकी वहां पर तैनात थी.
उस दौरान ज्यादातर मामले जमीन से संबंधित, बीएचपी और दूसरे संगठनों के आते थे. इसमें सबसे ज्यादा विवाद तथाकथित बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि का ही था. मेरा काम यही था कि दोनों ही समुदायों में समन्वय बना कर रखा जाए. उस वक्त भारत सरकार ने एक तरह से रिसीवर के तौर पर मुझे वहां पर तैनात किया था. वो अपनी पूरी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को दिया करते थे.
खास बात ये थी कि उन्हें उस वक्त एक अहम जिम्मेदारी दी गई थी. जिसे याद कर गौरवान्वित महसूस करते हैं. उन्हें रामलाल की पूजा पाठ, भोग प्रसाद और यात्रियों की देखरेख की जिम्मेदारी मिली थी. ऐसे में बतौर एक कमिश्नर उनका एक कर्तव्य था कि वहां की व्यवस्थाओं को अच्छी तरह से चलाया जाए. उनके रहते हुए वहां पर इस तरह की कोई भी घटना नहीं हुई.
सवाल- क्या आपकी तैनाती के दौरान अयोध्या के लोगों के बीच कभी विवाद हुआ?
जवाब: शत्रुघ्न सिंह बताते हैं कि, उन्हें पहली बार किसी संत से बात करने का भी अवसर मिला. दिगंबर अखाड़े के रामचंद्र परमहंस और नृत्य गोपाल दास ये दो ऐसे नाम थे, जिनके संघर्ष के बारे में सुना ही था. जब उनसे मुलाकात हुई तो कई तरह की चर्चाएं की. जिस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी. उस दौरान वो तनावपूर्ण माहौल में ड्यूटी के दौरान दोनों पक्षों के साथ उठता बैठते थे. क्योंकि, यह उनका काम था.
आगे शत्रुघ्न सिंह ने बड़ी रोचक बात बताई. उन्होंने कहा कि 'असल में अयोध्या में कभी दो पक्षों में विवाद हुआ ही नहीं. अयोध्या के अंदर रहने वाले लोग बेहद मिलजुल कर रहा करते थे. कभी भी वहां पर दो समुदायों के बीच कोई झगड़ा नहीं हुआ. हां इतना जरूर है कि भले ही वो हिंदू हो या मुसलमान. वो बाहर से आने वाले लोगों को लेकर थोड़े चिंतित जरूर रहते थे. वरना अयोध्या के स्थानीय लोग आपस में कभी नहीं झगड़े.'
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सवाल- कभी आपके मन में ऐसा आया कि रिटायरमेंट के बाद भी आपको उसी जगह पर जाने और वहां पर काम करने का मौका मिलेगा?
जवाब- इस पर पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह कहते हैं कि, देखिए जब आप किसी जगह पर पोस्टेड होते हैं तो आपको ये पता नहीं पता होता कि अगली नियुक्ति कहां पर होगी? उन्होंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि अपनी ड्यूटी के दौरान दोबारा से फैजाबाद या अयोध्या में तैनात किया जाएगा. ऐसा हुआ भी नहीं.
इतना जरूर है कि अब उन्हें एक बार फिर से उसी जगह पर राम मंदिर के निर्माण समिति के सदस्य के तौर पर काम करने का मौका मिल रहा है. शत्रुघ्न सिंह बताते हैं कि, मुझे याद है कि जब सुप्रीम कोर्ट का एक जजमेंट आया था. उसके बाद परिस्थितियां ऐसी बनी कि उन्हें भी सदस्य समिति में रखा गया. तब अंदर से भाव जरूर आया कि शायद कुछ ऊपर वाले की ही इच्छा है, जो उन्हें दोबारा से अयोध्या में काम करने का मौका मिल रहा है.
सवाल- कभी आपको ऐसा कोई अनुभव या कोई ऐसी अलौकिक शक्ति का एहसास हुआ?
जवाब- इस पर पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह कहते हैं कि, देखिए अब क्योंकि वो रिटायर हो चुके हैं. यहां पर एक आम आदमी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. यह गर्व की बात है कि भगवान श्री राम ने दोबारा से उस धरती पर बुलाकर उनसे छोटा-मोटा काम ले रहे हैं. जब वो फैजाबाद में तैनात थे और पहली बार उस जगह पर गए, जिस जगह पर रामलला विराजमान थे.
उस दिन के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई थी. शत्रुघ्न सिंह बताते हैं कि वो आध्यात्मिक रूप से पूरी तरह से बदल गए थे. आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन जब उन्होंने वहां पर कदम रखा और दर्शन किए, तब उनके शरीर में एक अजीब सा करंट दौड़ गया था. जब वो घर वापस आया तो कुछ अलग महसूस हो रहा था. उस दिन के बाद उनके कार्यशैली, रहन-सहन और खानपान में काफी बदलाव आए.
शत्रुघ्न सिंह ने साफ तौर पर कहा कि वो जिस अलौकिक अनुभूति से उस वक्त गुजर रहे थे, उस पर यकीन करना मुश्लिक है. क्योंकि, आज भी वो इस अनुभूति से गुजर रहे हैं. इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं फैजाबाद में कमिश्नर पद के बाद उनका आगे का कार्यकाल बेहतर और संतोषजनक रहा. आज वो एक आम नागरिक के नाते इतनी बड़ी समिति का सदस्य हैं. जो उनके लिए गर्व की बात है.
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सवाल- अन्य मंदिरों से कितना अलग होगा अयोध्या का राम मंदिर?
जवाब- शत्रुघ्न सिंह कहते हैं कि, यह देश और दुनिया के तमाम मंदिरों से बिल्कुल अलग मंदिर होगा. वो निर्माण समिति का सदस्य हैं. वो हर एक मीटिंग में मौजूद रहे. ऐसे में वो दावे के साथ कह सकते हैं कि यह मंदिर 50 या 100 साल के लिए नहीं बन रहा, बल्कि आने वाले 1000 साल के लिए इस मंदिर को बनाया जा रहा है.
मंदिर में किसी तरह की कोई कोर कसर और कमी नहीं छोड़ी जा रही है. पूरी तरह से मंदिर की मजबूती का ध्यान रखा जा रहा है. क्योंकि, उनके पास केदारनाथ पुनर्निर्माण का एक्सपीरियंस है. इसलिए वो उस लिहाज से भी कह सकते हैं कि यह खास होगा. उनकी जितनी भी ड्यूटी या अनुभव हैं, उन्हें राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य के तौर पर दे रहे हैं. ऐसे में उन्हें गर्व भी है और संतुष्टि की अनुभूति भी हो रही है.
इन पदों पर तैनात रहे शत्रुघ्न सिंह
- केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में 5 साल तक संयुक्त सचिव रहे.
- उत्तराखंड में ऊर्जा, सिंचाई, उच्च शिक्षा समेत तमाम विभागों के प्रमुख सचिव रहे.
- फैजाबाद कमिश्नर, दिल्ली केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री के संयुक्त सचिव और अपर सचिव रहे.
- मोदी सरकार में उद्योग के लिए पॉलिसी बनाने वाले विभाग में अपर सचिव रहे.
- उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव के स्टाफ ऑफिसर रहे.
- मंडलायुक्त फैजाबाद कमिश्नर रहे.
- उत्तर प्रदेश में सेल्स टैक्स कमिश्नर रहे.
- डिप्टी कलेक्टर मुजफ्फरनगर रहे.
- पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के प्रमुख सचिव रहे.