नई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को लेकर किए गए एक दावे पर पूर्व सांसद संजय निरुपम से पूर्व नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक (CAG) विनोद राय के माफी मांगने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि 'संप्रग सरकार को बदनाम करने और एक मजबूत अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के षड्यंत्र' में राय एक 'मुख्य कठपुतली' थे और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि 'इस साजिश की अन्य कठपुतलियों' अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, बाबा रामदेव, वीके सिंह और कुछ अन्य लोगों को भी क्षमा मांगनी चाहिए. कांग्रेस के दावे पर फिलहाल राय और अन्य व्यक्तियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, 'मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को बदनाम करने का एक आपराधिक षड्यंत्र था जिससे पर्दा धीरे-धीरे उठ रहा है. पहली बार इस पर से पर्दा उस समय उठा था जब सीबीआई की विशेष अदालत ने 21 सितंबर, 2017 को अपना फैसला सुनाया था जिसमें सभी आरोपों की धज्जियां उड़ाई गई थीं. दूसरी बार पर्दा उस समय उठा था जब सीबीआई के वकील ने कोयला आवंटन मामले में मनमोहन सिंह को क्लीन चिट दी थी.'
उन्होंने दावा किया, 'अब तीसरी बार पर्दा खुद विनोद राय ने उठाया है जो खुद इस मामले में मुख्य कठपुतली थे. राय ने स्वीकार किया कि उन्होंने झूठ बोला था, अपनी किताब बेचने के लिए बार-बार झूठ बोला और संजय निरुपम का नाम लिया. निरुपम उनको अदालत में ले गए और फिर राय ने माफी मांग ली.' कांग्रेस नेता ने राय पर निशाना साधते हुए सवाल किया, 'जो आम आदमी किताब बेचने के लिए इतना बड़ा झूठ बोल सकता है, वह अपने आकाओं का एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए क्या-क्या कर सकता है?'
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खेड़ा ने दावा किया, 'इसमें राय इकलौते षड़यंत्रकारी नहीं थे. कई और थे जो आज विभिन्न पदों पर हैं. वीके सिंह मोदी सरकार में सात साल से मंत्री हैं. अरविंद केजरीवाल, जो कहते थे कि राजनीति में नहीं आऊंगा, वो आज पीएम मोदी के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार चला रहे हैं. किरण बेदी को पहले दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने का प्रयास हुआ और बाद में पुडुचेरी का उप राज्यपाल बनाया गया. बाबा रामदेव एक समृद्ध व्यापारी बन गए. स्वयं विनोद राय को कई तरह से उपकृत किया गया.'
उन्होंने आरोप लगाया, 'अब तो सीएजी की रिपोर्ट पर मीडिया में चर्चा तो छोड़ दीजिए, संसद के भीतर भी चर्चा नहीं होती. क्या ये षड़्यंत्रकारी एक चुनी हुई सरकार को बदनाम करने और मजबूत अर्थव्यवस्था को उतारने के षड्यंत्रकारी थे.' खेड़ा ने कहा, 'कठपुतली नंबर एक-विनोद राय से हमारा यह कहना है कि वह अब पूरे देश से माफी मांगें. अगर थोड़ा ईमान बचा है तो अपना मेहनताना सरकारी खजाने में लौटा दें. बाकी कठपुतलियों से भी कहना है कि वो भी इस देश से माफी मांगें. आका को जवाब देने के लिए जनता तैयार है.'
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गौरतलब है कि विनोद राय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सीएजी रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम शामिल न करने के लिए दबाव बनाने वालों में कांग्रेस नेता संजय निरुपम के नाम के उल्लेख पर बिना शर्त उनसे माफी मांग ली है. राय ने अपनी किताब में निरुपम के नाम का उल्लेख उन सांसदों के साथ किया था, जिन्होंने कैग की रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम नहीं लेने के लिए उन पर कथित तौर पर दबाव डाला था.
साल 2014 में पूर्व सीएजी ने अपनी किताब में आरोप लगाए थे और मीडिया को दिए साक्षात्कारों में इसे दोहराया था, जिसके बाद निरुपम ने राय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. पटियाला हाउस में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने राय की माफी स्वीकार करते हुए निरुपम का बयान दर्ज कर मामले का निपटारा कर दिया है.