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सैन्य अधिकारियों के लिए शिक्षण व प्रशिक्षण प्रारूप को उन्नत बनाने की जरूरत: वायु सेना प्रमुख

चुनौतीपूर्ण सुरक्षा परिदृश्यों में सेना के अफसरों के शिक्षण और ट्रेनिंग पैटर्न को और अपडेट करने की जरूरत है. उक्त बातें वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने आज कही.

Air Chief Marshal VR Chaudhari
वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी
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Published : Aug 10, 2022, 4:20 PM IST

Updated : Aug 10, 2022, 10:51 PM IST

गांधीनगर : वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Chaudhari) ने बुधवार को कहा कि चुनौतीपूर्ण सुरक्षा परिदृश्यों में सैन्य अधिकारियों के शिक्षण और प्रशिक्षण प्रारूप को अद्यतन और उन्नत करने की जरूरत है. एयर चीफ मार्शल चौधरी वायु सेना और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के बीच एक सहमति-पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर करने के लिए गांधीनगर में थे. एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद उन्होंने कहा, संघर्ष के पारंपरिक क्षेत्र लगातार विकसित हो रहे हैं, वहीं युद्ध के नए गैर-गतिज और गैर-घातक साधनों का भी उपयोग किया जा रहा है.जब किसी राष्ट्र को प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाइयों के अलावा अन्य माध्यमों (दुष्प्रचार अभियान, साइबर हमले और आर्थिक जासूसी आदि) से परेशान किया जाता है तो इसे गैर-गतिज (नॉन काइनेटिक) युद्ध के रूप में जाना जाता है.

उन्होंने कहा कि सूचना के इस युग में ज्ञान एक केंद्रीय संसाधन बन रहा है और रणनीति तथा भू-राजनीति पर सूचना का असर तेजी से पड़ रहा है. एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, हमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अनुसंधान को मजबूत करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और उभरती प्रौद्योगिकियों को आकार देने का समर्थन करने के लिए एक रूपरेखा बनाने की आवश्यकता है, जो सैन्य, शिक्षा और उद्योग राष्ट्रीय सुरक्षा के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ, को साझा मंच पर लाने का आह्वान करती हो.

वायु सेना प्रमुख ने कहा, सुरक्षा खतरों की प्रकृति में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है और रणनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए नए तरीके सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और शिक्षा भविष्य की किसी जंग के लिए एक सैन्य अधिकारी तैयार करने में महत्वपूर्ण आयाम हैं. एयर चीफ मार्शल ने कहा, ऐसे परिदृश्य में हमारे शिक्षण और प्रशिक्षण प्रारूप को अद्यतन तथा उन्नत करने की जरूरत है.

गांधीनगर : वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Chaudhari) ने बुधवार को कहा कि चुनौतीपूर्ण सुरक्षा परिदृश्यों में सैन्य अधिकारियों के शिक्षण और प्रशिक्षण प्रारूप को अद्यतन और उन्नत करने की जरूरत है. एयर चीफ मार्शल चौधरी वायु सेना और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के बीच एक सहमति-पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर करने के लिए गांधीनगर में थे. एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद उन्होंने कहा, संघर्ष के पारंपरिक क्षेत्र लगातार विकसित हो रहे हैं, वहीं युद्ध के नए गैर-गतिज और गैर-घातक साधनों का भी उपयोग किया जा रहा है.जब किसी राष्ट्र को प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाइयों के अलावा अन्य माध्यमों (दुष्प्रचार अभियान, साइबर हमले और आर्थिक जासूसी आदि) से परेशान किया जाता है तो इसे गैर-गतिज (नॉन काइनेटिक) युद्ध के रूप में जाना जाता है.

उन्होंने कहा कि सूचना के इस युग में ज्ञान एक केंद्रीय संसाधन बन रहा है और रणनीति तथा भू-राजनीति पर सूचना का असर तेजी से पड़ रहा है. एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, हमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अनुसंधान को मजबूत करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और उभरती प्रौद्योगिकियों को आकार देने का समर्थन करने के लिए एक रूपरेखा बनाने की आवश्यकता है, जो सैन्य, शिक्षा और उद्योग राष्ट्रीय सुरक्षा के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ, को साझा मंच पर लाने का आह्वान करती हो.

वायु सेना प्रमुख ने कहा, सुरक्षा खतरों की प्रकृति में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है और रणनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए नए तरीके सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और शिक्षा भविष्य की किसी जंग के लिए एक सैन्य अधिकारी तैयार करने में महत्वपूर्ण आयाम हैं. एयर चीफ मार्शल ने कहा, ऐसे परिदृश्य में हमारे शिक्षण और प्रशिक्षण प्रारूप को अद्यतन तथा उन्नत करने की जरूरत है.

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 10, 2022, 10:51 PM IST
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