अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 156 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी का सबसे ज्यादा सीट जीतने का रिकॉर्ड टूट गया है. हालांकि वोट शेयर की बात करें तो 1985 के विधानसभा चुनाव में माधवसिंह सोलंकी को मिले 55 फीसदी वोट शेयर के रिकॉर्ड को बीजेपी नहीं तोड़ पाई. 1995 से 2022 तक के चुनावों की तुलना करें तो 1995 में 15.82 प्रतिशत वोट शेयर की वृद्धि हुई थी. तब बीजेपी की 54 सीटें बढ़ी थीं, जबकि 2022 में 3.37 प्रतिशत वोट शेयर की वृद्धि के साथ 57 सीटों की भारी वृद्धि हुई है.
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की है. बीजेपी ने 57 सीटों के इजाफे के साथ विधानसभा की कुल 156 सीटों पर जीत हासिल की हैं. हालांकि उसके वोट शेयर में सिर्फ 3.37 फीसदी का इजाफा हुआ है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 49.97 फीसदी था, जबकि इस बार 53.34 फीसदी वोट शेयर बीजेपी के खाते में आया है (vote share record is still intact).
अतीत में बीजेपी के वोट शेयर में भारी बढ़ोतरी के बाद भी इतनी सीटों में बढ़ोतरी नहीं देखी गई थी. 1995 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर में भारी इजाफा हुआ था. 1995 में बीजेपी का वोट शेयर 15.87 फीसदी बढ़ा था. हालांकि उस वक्त भी बीजेपी को 56 सीटों का इजाफा हुआ था. 1990 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. इससे पहले यानी 1985 में बीजेपी 11 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
सबसे ज्यादा सीट बढ़त: 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों में 57 का इजाफा हुआ है. 1990 में ऐसा पहली बार हुआ था जब बीजेपी को 56 सीटों का इजाफा हुआ था, हालांकि उस समय वोट शेयर में भी 11.73 फीसदी का इजाफा हुआ था. इसके अलावा 2002 में बीजेपी के वोट शेयर में 5.04 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन उस बार यह सिर्फ 10 सीटें बढ़ी थीं. हालांकि बाद के दो विधानसभा चुनावों में बीजेपी के वोट शेयर में कमी आई. 2007 और 2012 के विधानससभा चुनावों के दौरान, बीजेपी के वोट शेयर में क्रमशः 0.73 और 1.27 प्रतिशत की कमी आई है. इस बीच, बीजेपी को 2007 में 10 और 2012 में 2 सीटों का नुकसान हुआ.
2017 में वोट शेयर बढ़ा लेकिन सीटें घटीं : गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 की बात करें तो बीजेपी के वोट शेयर में 2.12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. चौंकाने वाली बात यह है कि वोट शेयर बढ़ने के बावजूद बीजेपी को 17 सीटों का नुकसान हुआ. 2017 में बीजेपी सरकार के खिलाफ आंदोलन के चलते बीजेपी को भारी नुकसान हुआ था. 1995 के बाद पहली बार बीजेपी दहाई के आंकड़े पर पहुंची. बीजेपी को सिर्फ 99 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
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