ऋषिकेश: अंकिता भंडारी अब इस दुनिया में नहीं रहीं. अंकिता के जाने के बाद जंगलों के बीच में बने रिजॉर्ट के काले कारनामों का पूरा पुलिंदा बाहर आ रहा है. ईटीवी भारत भी मामले में पल-पल की अपडेट दे रहा है. रिजॉर्ट हो या फैक्ट्री, वहां पर कुछ ऐसे साजो सामान पड़े हुए हैं, जो तस्दीक कर रहे हैं इस चारदीवारी में क्या आखिर होता था? हमारी टीम जब मौके पर पहुंची तो पुलिस की मौजूदगी में हमने पाया कि कुछ पेपर वहां पर पड़े हुए हैं. पेपरों को जांचने के बाद हमारी आंखें भी खुली की खुली रह गईं.
दरअसल, अंकिता ही एक ऐसी लड़की नहीं थी, जो पुलकित और उसके स्टाफ के दूसरे लोगों से परेशान थी. बल्कि ऐसे दर्जनों लोग यहां से नौकरी छोड़ कर जा चुके हैं, जिन पर बेवजह का आरोप या प्रेशर दिया जाता था. कुछ ऐसी शिकायतें और माफी नामें भी फैक्ट्री में पड़े हुए हैं, जो यह बता रहे हैं कि कैसे तनख्वाह ना देना और अपनी मनमानी करने के एवज में पहले कर्मचारियों के ऊपर पुलकित आर्य और अंकित उन पर झूठे आरोप लगाता था.
उन आरोपों में चोरी सहित दूसरे अन्य आरोप भी होते थे. आरोप लगाने के बाद पटवारी और राजस्व पुलिस के दूसरे कर्मचारियों से उन्हें हटाया जाता था. उनका करियर तबाह करने की बात की जाती थी. इससे डरकर कर्मचारी या तो बिना पैसे के वहां पर काम करता रहता था या फिर वहां से भाग जाता था. ऐसे बहुत से कर्मचारी हैं, जिनके ऊपर इस तरह के आरोप लगाए गए.
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इतना ही नहीं कागज भी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि कई लोगों का हिसाब किताब भी इसमें हो सकता है. बहरहाल, पुलिस की टीम के सामने हमें जो दस्तावेज मिले, उसको देखने के बाद तो यही लगता है इस रिजॉर्ट में पुलकित आर्य लोगों के साथ कैसे नाइंसाफी कर रहा था.