हैदराबाद : मेडक जिला में दशहरे का दिन एक परिवार के लिए खास बन गया जब लोगों की मदद से उसे छत नसीब हुई. इस खुशी के पीछे वर्षों का संघर्ष और दुख भरी कहानी है.
दरअसल निजामपेट पेंटम्मा, बुदम्मा और सत्तेम्मा जन्मजात अनुवांशिक बीमारी से ग्रस्त हैं. माता-पिता की मृत्यु के बाद करीबी रिश्तेदार ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह तीनों बहनों से शादी करेगा, उनकी देखभाल भी करेगा. लेकिन यह भरोसा धोखा साबित हुआ.
उसने बच्चे पैदा होने के बाद उन्हें छोड़ दिया क्योंकि उनमें भी आनुवंशिक समस्याओं के लक्षण दिखाई दिए थे. इन बहनों से पैदा हुए तीन बच्चों में से केवल तीसरी संतान भाग्यलक्ष्मी स्वस्थ हैं. उनके अन्य दो भाई-बहन दिव्यांग हैं. पति ने छोड़ दिया तो परिवार काफी आर्थिक संकट में चला गया था. किसी का साथ न मिलने के कारण भाग्यलक्ष्मी परिवार की एकमात्र केयरटेकर बन गई. ईटीवी भारत ने 'पुत्तेदु दुखम' नाम से उनके पारिवारिक संकट के बारे में स्टोरी प्रकाशित की.
फिल्म निर्देशक राव ने भी की मदद
देश-विदेश के करीब 300 दानदाता मदद को आगे आए. दान की रकम से 25 लाख रुपये जमा हुए. उस पैसे से परिवार घर बनाना चाहता था. प्रमुख फिल्म निर्देशक और निर्माता चडालवाड़ा श्रीनिवास राव (Chadalwada Srinivasa Rao) ने भी पैसे दान किए और यहां तक कि घर के निर्माण में भी मदद की.
पिछले साल दशहरे के दौरान राव ने घर निर्माण के लिए भूमि पूजा किया था. इस बार वह परिवार के सदस्यों के साथ गृह प्रवेश समारोह में शामिल हुए. इस दौरान फिल्म इंडस्ट्री की कई हस्तियां भी मौजूद रहीं. दशहरे के दिन घर का सपना पूरा हुआ और परिवार में खुशी का माहौल था.
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