हैदराबाद : किसानों की भूमि पर अतिक्रमण करने के आरोप से घिरे स्वास्थ्य मंत्री ई. राजेंदर को तेलंगाना मंत्रिमंडल से हटा दिया गया. मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार इस मुद्दे पर राज्यपाल के कार्यालय को पत्र भेजा गया था. राज्यपाल ने इसकी मंजूरी दी है.
आरोप है कि ई. राजेंदर ने एक मुर्गी पालन उद्योग शुरू करने के लिए 100 एकड़ से अधिक भूमि को जबरन अपने कब्जे में ले लिया है.
तेलंगाना में विजिलेंस और प्रवर्तन अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री ई. राजेंदर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच शुक्रवार को शुरू की थी. उनके खिलाफ मेडक जिले में किसानों की भूमि का अतिक्रमण करने का आरोप है.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की ओर से जांच का आदेश देने के बाद जांच अधिकारी संबंधित जमुना हैचरी की भूमि और आसपास के किसानों की जमीनों का सर्वेक्षण करने के लिए आचमपेट और हाकिमपेट गांव पहुंचे थे.
उन्होंने भूमि का डिजिटल सर्वेक्षण करने पीड़ितों से जानकारी लेने और भूमि रिकॉर्ड की जांच करने के लिए टीमों का गठन किया है.
अधिकारियों की छह टीमें, तोप्रण के राजस्व विभागीय अधिकारी भूमि सर्वेक्षण कर रही हैं.
मेडक जिला कलेक्टर हरीश ने भी गांवों का दौरा किया था. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि सौंपी गई भूमि का अतिक्रमण किया गया था, लेकिन वे अब 117 एकड़ भूमि के सर्वेक्षण सहित एक विस्तृत जांच कर रहे हैं.
बताया जाता है कि अधिकारियों ने निष्कर्ष निकाला कि ई. राजेंदर की पत्नी के नाम पर 66 एकड़ सीलिंग की जमीन थी. मेडक कलेक्टर ने सीएस को एक रिपोर्ट सौंपी है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के खिलाफ आरोपों की जांच के उस समय आदेश दिए, जब पीड़ितों ने उनके पास अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री ने एक मुर्गी पालन उद्योग शुरू करने के लिए 100 एकड़ से अधिक भूमि को जबरन अपने कब्जे में ले लिया है.
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हालांकि राजेंद्र का कहना था कि 'उनका परिवार तीन दशकों से ईमानदारी के साथ मुर्गी पालन का व्यवसाय चला रहा था और कभी भी किसी भी गलत काम में लिप्त नहीं रहा. उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी पद उनके स्वाभिमान के लिए महत्वपूर्ण नहीं है.'