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कर्नाटक : पानी में डूब रहे पर्यटकों की जान बचाते हैं 'ईश्वर' - पर्यटकों की जान

कर्नाटक के उडुपी समुद्र तट पर कई पर्यटक आते हैं जो लापरवही के चलते अपनी जान को संकट में डाल देते हैं. ऐसे पर्यटकों की मदद के लिए सामने आते हैं ईश्वर, जो कई वर्षों से लोगों की जान बचा रहे हैं.

ईश्वर
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Published : Jan 8, 2021, 12:01 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के उडुपी में रहने वाले ईश्वर पिछले 20 वर्षों से उडुपी के समुद्र तट पर कई पर्यटकों की जान बचा रहे हैं.

कई पर्यटक उडुपी समुद्र तट पर छुट्टियां मनाने आते हैं. ऐसे वक्त पानी के आस-पास खतरा हो जाता है. लोग लापरवाही के चलते पानी में डूबने लगते हैं जिसके बाद ईश्वर लोगों को बचाने पानी में कूद जाते हैं. वैसे तो ईश्वर का काम नावों से पानी की आपूर्ति करना है लेकिन वह इस कार्य को एक सेवा के रूप में करते हैं.

पानी में डूब रहे पर्यटकों की जान बचाते हैं

कई बार ईश्वर को समुद्र से लोगों के शवों को भी बाहर निकालना पड़ता है. ईश्वर (41) पिछले 20 सालों से लोगों की जान बचा रहे हैं. जब पर्यटक समुद्र के बीच मदद के लिए संघर्ष करते हैं, जब कोई पानी में गोते लगाता है, जब कोई पानी में कीद कर अपनी जान देता ह, तो पुलिस विभाग या स्थानीय लोग ईश्वर को बुला लेते हैं.

पढ़ें :- शराब की खाली बोतलों पर पेंटिंग कर उन्हें उपयोगी बना रहीं दिव्या

ईश्वर के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उनके तीन बच्चे हैं जिसमें से दो दिव्यांग हैं. ईश्वर को इस सेवा के लिए पैसे मिलते हैं लेकिन उनका कहना है कि सरकार सेवा के लिए उन्हें ऑक्सीजन किट मुहैया कराए तो बेहतर होगा.

बेंगलुरु : कर्नाटक के उडुपी में रहने वाले ईश्वर पिछले 20 वर्षों से उडुपी के समुद्र तट पर कई पर्यटकों की जान बचा रहे हैं.

कई पर्यटक उडुपी समुद्र तट पर छुट्टियां मनाने आते हैं. ऐसे वक्त पानी के आस-पास खतरा हो जाता है. लोग लापरवाही के चलते पानी में डूबने लगते हैं जिसके बाद ईश्वर लोगों को बचाने पानी में कूद जाते हैं. वैसे तो ईश्वर का काम नावों से पानी की आपूर्ति करना है लेकिन वह इस कार्य को एक सेवा के रूप में करते हैं.

पानी में डूब रहे पर्यटकों की जान बचाते हैं

कई बार ईश्वर को समुद्र से लोगों के शवों को भी बाहर निकालना पड़ता है. ईश्वर (41) पिछले 20 सालों से लोगों की जान बचा रहे हैं. जब पर्यटक समुद्र के बीच मदद के लिए संघर्ष करते हैं, जब कोई पानी में गोते लगाता है, जब कोई पानी में कीद कर अपनी जान देता ह, तो पुलिस विभाग या स्थानीय लोग ईश्वर को बुला लेते हैं.

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ईश्वर के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उनके तीन बच्चे हैं जिसमें से दो दिव्यांग हैं. ईश्वर को इस सेवा के लिए पैसे मिलते हैं लेकिन उनका कहना है कि सरकार सेवा के लिए उन्हें ऑक्सीजन किट मुहैया कराए तो बेहतर होगा.

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