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बिल्डर संजय छाबड़िया, DHFL के प्रमोटर कपिल वाधवान के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज : EOW

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Published : Jun 15, 2022, 12:32 PM IST

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बिल्डर संजय छाबड़िया और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर कपिल वाधवान के खिलाफ एक रियल एस्टेट फर्म के साथ 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने केे आरोप में मुकदमा दर्ज किया है.

मुंबई पुलिस
मुंबई पुलिस

मुंबई: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार को बिल्डर संजय छाबड़िया और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर कपिल वाधवान के खिलाफ एक रियल एस्टेट फर्म के साथ 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का नया मुकदमा दर्ज किया है. छाबड़िया की फर्म इंडो ग्लोबल सॉफ्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने वाधवान की डीएचएफएल के साथ मिलकर कथित तौर पर गलत लाभ के लिए 150 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया.

ईओडब्ल्यू के अनुसार, धन का उपयोग महालक्ष्मी, मुंबई में एक पुनर्विकास परियोजना के लिए किया जाना था, लेकिन धन की कथित हेराफेरी के कारण, परियोजना अभी भी अधूरी है. छाबड़िया के खिलाफ ईओडब्ल्यू द्वारा दायर यह तीसरा मामला है, जिसे यस बैंक मामले में अप्रैल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था. ईओडब्ल्यू की बैंकिंग -2 इकाई ने हाल ही में छाबड़िया, वाधवान और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 409 (लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भारतीय दंड संहिता की 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है.

हाल ही में मुंबई की एक विशेष अदालत ने डीएचएफएल-यस बैंक मामले में एबीआईएल समूह के अध्यक्ष अविनाश भोसले को 8 जून तक सीबीआई की हिरासत में भेजा था. अविनाश भोंसले पुणे में अविनाश भोसले इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (ABIL) समूह के संस्थापक हैं. इस बीच, उन्होंने अपनी सीबीआई गिरफ्तारी को अवैध करार दिया. जांच में, सीबीआई ने पाया कि डीएचएफएल को राणा कपूर के नेतृत्व वाले यस बैंक से कुछ साल पहले निवेश के रूप में प्राप्त 3,000 करोड़ रुपये का एक बड़ा हिस्सा रेडियस समूह को दिया गया था.

संघीय एजेंसी ने पिछले महीने, यस बैंक और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) घोटाला मामले से संबंधित धोखाधड़ी के मामले में शनिवार को पुणे और मुंबई में बिल्डरों अविनाश भोसले, विनोद गोयनका और शाहिद बलवा के परिसरों पर छापा मारा. विनोद गोयनका डीबी रियल्टी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं वहीं शाहिद बलवा उसी समूह के उपाध्यक्ष हैं जिसका मुख्यालय मुंबई में है. रियल्टी कंपनी ने उपनगरीय मुंबई में एक आवासीय परियोजना के वित्तपोषण के लिए डीएचएफएल से उधार लिया था.

यह भी पढ़ें-Yes Bank-DHFL scam case : एबीआईएल समूह के अध्यक्ष अविनाश भोसले गिरफ्तार

एएनआई

मुंबई: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार को बिल्डर संजय छाबड़िया और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर कपिल वाधवान के खिलाफ एक रियल एस्टेट फर्म के साथ 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का नया मुकदमा दर्ज किया है. छाबड़िया की फर्म इंडो ग्लोबल सॉफ्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने वाधवान की डीएचएफएल के साथ मिलकर कथित तौर पर गलत लाभ के लिए 150 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया.

ईओडब्ल्यू के अनुसार, धन का उपयोग महालक्ष्मी, मुंबई में एक पुनर्विकास परियोजना के लिए किया जाना था, लेकिन धन की कथित हेराफेरी के कारण, परियोजना अभी भी अधूरी है. छाबड़िया के खिलाफ ईओडब्ल्यू द्वारा दायर यह तीसरा मामला है, जिसे यस बैंक मामले में अप्रैल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था. ईओडब्ल्यू की बैंकिंग -2 इकाई ने हाल ही में छाबड़िया, वाधवान और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 409 (लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भारतीय दंड संहिता की 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है.

हाल ही में मुंबई की एक विशेष अदालत ने डीएचएफएल-यस बैंक मामले में एबीआईएल समूह के अध्यक्ष अविनाश भोसले को 8 जून तक सीबीआई की हिरासत में भेजा था. अविनाश भोंसले पुणे में अविनाश भोसले इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (ABIL) समूह के संस्थापक हैं. इस बीच, उन्होंने अपनी सीबीआई गिरफ्तारी को अवैध करार दिया. जांच में, सीबीआई ने पाया कि डीएचएफएल को राणा कपूर के नेतृत्व वाले यस बैंक से कुछ साल पहले निवेश के रूप में प्राप्त 3,000 करोड़ रुपये का एक बड़ा हिस्सा रेडियस समूह को दिया गया था.

संघीय एजेंसी ने पिछले महीने, यस बैंक और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) घोटाला मामले से संबंधित धोखाधड़ी के मामले में शनिवार को पुणे और मुंबई में बिल्डरों अविनाश भोसले, विनोद गोयनका और शाहिद बलवा के परिसरों पर छापा मारा. विनोद गोयनका डीबी रियल्टी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं वहीं शाहिद बलवा उसी समूह के उपाध्यक्ष हैं जिसका मुख्यालय मुंबई में है. रियल्टी कंपनी ने उपनगरीय मुंबई में एक आवासीय परियोजना के वित्तपोषण के लिए डीएचएफएल से उधार लिया था.

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