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सुनिश्चित हो कि सभी वयस्कों को 'हर घर दस्तक' अभियान के दौरान कोविड टीके की पहली खुराक मिले : मंडाविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी वयस्कों को 'हर घर दस्तक' अभियान के दौरान कोविड टीके की पहली खुराक मिले. मंडाविया ने 'हर घर दस्तक' अभियान को मजबूत करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की रणनीतियों को दोहराया, जिसमें 'प्रचार टोली' को गांवों में तैनात करना शामिल है. उधर, असम के सीएम ने कहा है कि फरवरी 2022 तक टीकाकरण अभियान पूरा कर लेंगे.

मनसुख मंडाविया
मनसुख मंडाविया
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Published : Nov 11, 2021, 5:43 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 6:07 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी वयस्कों को 'हर घर दस्तक' अभियान के दौरान कोविड टीके की पहली खुराक मिले.

उन्होंने कहा कि 12 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक लगनी है. उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पूरी वयस्क आबादी को 'हर घर दस्तक' अभियान के तहत पहली खुराक दी जाये.

मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ डिजिटल तरीके से हुई बातचीत के दौरान कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा, 'टीकाकरण के दो हथियार और सीएबी (कोविड-19-उपयुक्त व्यवहार) इसके खिलाफ हमारी सबसे बड़ी रक्षा होगी और हमें इसे पूरी तरह खत्म होने से पहले अपने सुरक्षा उपायों को कम नहीं करना चाहिए.'

79 प्रतिशत वयस्क आबादी को लग चुका पहला डोज
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 79 प्रतिशत वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है और 38 प्रतिशत को दूसरी खुराक भी मिल चुकी है. उन्होंने कहा, 'बहु-हितधारकों के प्रयास हैं कि देश में कोई भी पात्र नागरिक कोविड-19 टीके के 'सुरक्षा कवच' के बिना न रहे. आइए, हम देशभर के कोने-कोने तक पहुंचें और लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हर घर दस्तक' अभियान के तहत दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित करें.'

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जहां टीकाकरण रोग की गंभीरता को कम करता है, वहीं कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि देश द्वारा अब तक सामूहिक रूप से किए गए लाभ व्यर्थ नहीं जाये और कोविड-19 मामलों में कोई अन्य वृद्धि नहीं हो.

सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा
बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा की गई. मंडाविया ने कहा कि व्यवहार परिवर्तन के लिए बच्चे सबसे अच्छे दूत हो सकते हैं. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पूर्ण टीकाकरण के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें (बच्चों) शामिल करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, 'बच्चों को अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को टीके की दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए.'

बयान के अनुसार मंडाविया ने 'हर घर दस्तक' अभियान को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतियों को दोहराया, जिसमें 'प्रचार टोली' को गांवों में तैनात करना शामिल है. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि सभी पात्र नागरिकों को टीका लगाया जाये.

कुछ राज्यों ने शुरू किया है 'रोको और टोको' अभियान
मंडाविया ने कहा, 'आइए, हम बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों आदि पर, विशेष रूप से बड़े महानगरों में कोविड टीकाकरण केंद्र शुरू करें, क्योंकि ये बड़ी संख्या में लोगों के शहर में प्रवेश करने के प्राथमिक बिंदु हैं. कुछ राज्यों ने 'रोको और टोको' अभियान शुरू किया है, जहां बसों, ट्रेनों, रिक्शा आदि से उतरने वाले यात्रियों को टीके की खुराक लेने के लिए प्रेरित किया जाता है.'

सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस और चीन में बढ़ रहे मामले
उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आगाह किया कि कोविड-19 खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, 'हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि कोविड खत्म हो गया है. विश्व स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं. सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस और चीन में 80 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण के बावजूद मामले फिर से बढ़ रहे हैं. टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार को साथ-साथ चलना चाहिए.'

बयान के अनुसार, राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए टीकों, दवाओं, वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की आपूर्ति के लिए मंडाविया का आभार व्यक्त किया. इसके अनुसार, मंडाविया ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और उनसे दूसरों द्वारा किए जा रहे सर्वोत्तम उपायों को अपनाने का आग्रह किया.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कई जिले हैं जहां दूसरी खुराक का 33 प्रतिशत से भी कम टीकाकरण दर्ज किया गया है.

असम में फरवरी 2022 तक पूरा हो जाएगा टीकाकरण : सरमा

उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि उनका राज्य अगले साल फरवरी तक टीकाकरण अभियान पूरा कर लेगा. उनका कहना है कि नवंबर तक पहली खुराक और अगले तीन महीनों में हम टीकाकरण की दूसरी खुराक पूरी करेंगे.'

मुख्यमंत्री सरमा ने नई दिल्ली में पत्रकारों के साथ एक अनौपचारिक बैठक में दावा किया कि असम संपूर्ण टीकाकरण प्रक्रिया में अच्छा कर रहा है. सरमा ने कहा, '28 नवंबर को मैं और अन्य अधिकारी टीकाकरण के पूरा होने पर जमीनी रिपोर्ट लेने के लिए कई घरों का दौरा करेंगे.'

(एजेंसी इनपुट के साथ)

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी वयस्कों को 'हर घर दस्तक' अभियान के दौरान कोविड टीके की पहली खुराक मिले.

उन्होंने कहा कि 12 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक लगनी है. उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पूरी वयस्क आबादी को 'हर घर दस्तक' अभियान के तहत पहली खुराक दी जाये.

मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ डिजिटल तरीके से हुई बातचीत के दौरान कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा, 'टीकाकरण के दो हथियार और सीएबी (कोविड-19-उपयुक्त व्यवहार) इसके खिलाफ हमारी सबसे बड़ी रक्षा होगी और हमें इसे पूरी तरह खत्म होने से पहले अपने सुरक्षा उपायों को कम नहीं करना चाहिए.'

79 प्रतिशत वयस्क आबादी को लग चुका पहला डोज
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 79 प्रतिशत वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है और 38 प्रतिशत को दूसरी खुराक भी मिल चुकी है. उन्होंने कहा, 'बहु-हितधारकों के प्रयास हैं कि देश में कोई भी पात्र नागरिक कोविड-19 टीके के 'सुरक्षा कवच' के बिना न रहे. आइए, हम देशभर के कोने-कोने तक पहुंचें और लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हर घर दस्तक' अभियान के तहत दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित करें.'

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जहां टीकाकरण रोग की गंभीरता को कम करता है, वहीं कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि देश द्वारा अब तक सामूहिक रूप से किए गए लाभ व्यर्थ नहीं जाये और कोविड-19 मामलों में कोई अन्य वृद्धि नहीं हो.

सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा
बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा की गई. मंडाविया ने कहा कि व्यवहार परिवर्तन के लिए बच्चे सबसे अच्छे दूत हो सकते हैं. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पूर्ण टीकाकरण के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें (बच्चों) शामिल करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, 'बच्चों को अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को टीके की दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए.'

बयान के अनुसार मंडाविया ने 'हर घर दस्तक' अभियान को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतियों को दोहराया, जिसमें 'प्रचार टोली' को गांवों में तैनात करना शामिल है. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि सभी पात्र नागरिकों को टीका लगाया जाये.

कुछ राज्यों ने शुरू किया है 'रोको और टोको' अभियान
मंडाविया ने कहा, 'आइए, हम बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों आदि पर, विशेष रूप से बड़े महानगरों में कोविड टीकाकरण केंद्र शुरू करें, क्योंकि ये बड़ी संख्या में लोगों के शहर में प्रवेश करने के प्राथमिक बिंदु हैं. कुछ राज्यों ने 'रोको और टोको' अभियान शुरू किया है, जहां बसों, ट्रेनों, रिक्शा आदि से उतरने वाले यात्रियों को टीके की खुराक लेने के लिए प्रेरित किया जाता है.'

सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस और चीन में बढ़ रहे मामले
उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आगाह किया कि कोविड-19 खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, 'हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि कोविड खत्म हो गया है. विश्व स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं. सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस और चीन में 80 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण के बावजूद मामले फिर से बढ़ रहे हैं. टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार को साथ-साथ चलना चाहिए.'

बयान के अनुसार, राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए टीकों, दवाओं, वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की आपूर्ति के लिए मंडाविया का आभार व्यक्त किया. इसके अनुसार, मंडाविया ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और उनसे दूसरों द्वारा किए जा रहे सर्वोत्तम उपायों को अपनाने का आग्रह किया.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कई जिले हैं जहां दूसरी खुराक का 33 प्रतिशत से भी कम टीकाकरण दर्ज किया गया है.

असम में फरवरी 2022 तक पूरा हो जाएगा टीकाकरण : सरमा

उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि उनका राज्य अगले साल फरवरी तक टीकाकरण अभियान पूरा कर लेगा. उनका कहना है कि नवंबर तक पहली खुराक और अगले तीन महीनों में हम टीकाकरण की दूसरी खुराक पूरी करेंगे.'

मुख्यमंत्री सरमा ने नई दिल्ली में पत्रकारों के साथ एक अनौपचारिक बैठक में दावा किया कि असम संपूर्ण टीकाकरण प्रक्रिया में अच्छा कर रहा है. सरमा ने कहा, '28 नवंबर को मैं और अन्य अधिकारी टीकाकरण के पूरा होने पर जमीनी रिपोर्ट लेने के लिए कई घरों का दौरा करेंगे.'

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Last Updated : Nov 11, 2021, 6:07 PM IST
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