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तमिलनाडु में ईडी अधिकारी 20 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार, मदुरै ईडी दफ्तर पर छापेमारी

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 1, 2023, 7:36 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 10:20 PM IST

तमिलनाडु के भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय ने ईडी के अफसर को 20 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. ईडी अफसर के द्वारा एक डॉक्टर से कार्यवाही को बंद करने के एवज में यह रकम की मांग की गई थी. मामले में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की ओर से पहली बार मदुरै प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में छापेमारी से हड़कंप मच गया है. Enforcement Directorate official, Tamil Nadu ED officer arrest, ED officer arrested, Dindigul Tamil Nadu

ED officer arrested for taking bribe of Rs 20 lakh
ईडी अधिकारी 20 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार

डिंडीगुल: तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी को एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई. नकदी के साथ उसके पास से केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी किया गया उसका एक आधिकारिक पहचान पत्र भी बरामद किया गया. उसके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति पांच साल से अधिक समय से ईडी के साथ काम कर रहा है. केंद्रीय एजेंसी में शामिल होने से पहले उसने बिग फोर अकाउंटिंग फर्मों में से एक में काम किया है. भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की ओर से पहली बार मदुरै प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में छापेमारी से हड़कंप मच गया है. छापेमारी के चलते सौ से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ ही भारत-तिब्बत अर्धसैनिक बल के 50 सदस्यों को सुरक्षा में लगाया गया है. ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डिंडीगुल में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के लिए डीवीएसी कार्यालय से ले जाया गया.

  • #WATCH | Tamil Nadu | ED officer Ankit Tiwari taken from the DVAC office to be produced before a judicial magistrate in Dindigul.

    He was caught red-handed while accepting a bribe of Rs 20 lakhs from a doctor in Dindigul. He along with his team of ED officers had been… pic.twitter.com/F8JTReQnQq

    — ANI (@ANI) December 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बताया जाता है कि अंकित तिवारी ने डिंडीगुल सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुरेश बाबू को केस से बचाने के लिए तीन करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी और कहा था कि इसे प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दिया जाएगा. बताया जाता है कि डॉ. सुरेश इस पर सहमत नहीं हुए और अंतत: 51 लाख का समझौता हुआ, जिसमें से 20 लाख रुपये डॉ. सुरेश बाबू ने पिछले 1 नवंबर को दे दिये. अंकित तिवारी ने 30 नवंबर को व्हाट्सएप कॉल के जरिए डॉक्टर से बाकी रकम मांगी. इस पर डॉ. सुरेश बाबू ने 30 नवंबर को डिंडीगुल एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में, रिश्वत विरोधी पुलिस द्वारा दी गई सलाह के अनुसार उन्होंने 1 दिसंबर को डिंडीगुल में मदुरै बाईपास रोड पर अधिकारी की कार में 20 लाख रुपये रखे.

इसी दौरान सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) की टीम ने उन्हें घेर लिया. इस पर ईडी अधिकारी ने भागने की कोशिश की, तब डिंडीगुल से मदुरै जाने वाली सड़क पर कोडाई रोड पर टोल गेट को सूचित किए जाने के साथ ही कार जब्त कर ली गई. वहीं ईडी अधिकारी को गिरफ्तार करने उसके पास से 20 लाख रुपये जब्त कर लिए गए. इसी कड़ी में डिंडीगुल जिले के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अधिकारियों ने जांच के लिए मदुरै थबल थांथी नगर क्षेत्र में प्रवर्तन विभाग के सहायक जोनल कार्यालय का दौरा किया. इस पर प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे प्रवर्तन विभाग कार्यालय में शीर्ष अधिकारी की अनुपस्थिति में रिश्वत विरोधी विभाग को तलाशी लेने की अनुमति नहीं दे सकते.

मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी काफी देर तक इंतजार करते रहे. तब तक 100 से अधिक पुलिसकर्मी एकत्र हो गए. साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अधिकारियों ने गिरफ्तार प्रवर्तन अधिकारी द्वारा इस्तेमाल किए गए कमरों की तलाशी लेने की अनुमति मांगी क्योंकि वह मदुरै उप-जोनल कार्यालय में कार्यरत थे. इस बीच, प्रवर्तन विभाग के वकील भी प्रवर्तन विभाग कार्यालय गये. वहीं छापेमारी की अनुमति मिलने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस मदुरै प्रवर्तन निदेशालय के सहायक क्षेत्रीय कार्यालय में छापेमारी शुरू की.

ये भी पढ़ें - मणिपुर में पंजाब नेशनल बैंक से 19 करोड़ रुपये की लूट, नकाबपोश बदमाशों ने की वारदात

डिंडीगुल: तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी को एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई. नकदी के साथ उसके पास से केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी किया गया उसका एक आधिकारिक पहचान पत्र भी बरामद किया गया. उसके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति पांच साल से अधिक समय से ईडी के साथ काम कर रहा है. केंद्रीय एजेंसी में शामिल होने से पहले उसने बिग फोर अकाउंटिंग फर्मों में से एक में काम किया है. भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की ओर से पहली बार मदुरै प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में छापेमारी से हड़कंप मच गया है. छापेमारी के चलते सौ से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ ही भारत-तिब्बत अर्धसैनिक बल के 50 सदस्यों को सुरक्षा में लगाया गया है. ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डिंडीगुल में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के लिए डीवीएसी कार्यालय से ले जाया गया.

  • #WATCH | Tamil Nadu | ED officer Ankit Tiwari taken from the DVAC office to be produced before a judicial magistrate in Dindigul.

    He was caught red-handed while accepting a bribe of Rs 20 lakhs from a doctor in Dindigul. He along with his team of ED officers had been… pic.twitter.com/F8JTReQnQq

    — ANI (@ANI) December 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बताया जाता है कि अंकित तिवारी ने डिंडीगुल सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुरेश बाबू को केस से बचाने के लिए तीन करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी और कहा था कि इसे प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दिया जाएगा. बताया जाता है कि डॉ. सुरेश इस पर सहमत नहीं हुए और अंतत: 51 लाख का समझौता हुआ, जिसमें से 20 लाख रुपये डॉ. सुरेश बाबू ने पिछले 1 नवंबर को दे दिये. अंकित तिवारी ने 30 नवंबर को व्हाट्सएप कॉल के जरिए डॉक्टर से बाकी रकम मांगी. इस पर डॉ. सुरेश बाबू ने 30 नवंबर को डिंडीगुल एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में, रिश्वत विरोधी पुलिस द्वारा दी गई सलाह के अनुसार उन्होंने 1 दिसंबर को डिंडीगुल में मदुरै बाईपास रोड पर अधिकारी की कार में 20 लाख रुपये रखे.

इसी दौरान सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) की टीम ने उन्हें घेर लिया. इस पर ईडी अधिकारी ने भागने की कोशिश की, तब डिंडीगुल से मदुरै जाने वाली सड़क पर कोडाई रोड पर टोल गेट को सूचित किए जाने के साथ ही कार जब्त कर ली गई. वहीं ईडी अधिकारी को गिरफ्तार करने उसके पास से 20 लाख रुपये जब्त कर लिए गए. इसी कड़ी में डिंडीगुल जिले के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अधिकारियों ने जांच के लिए मदुरै थबल थांथी नगर क्षेत्र में प्रवर्तन विभाग के सहायक जोनल कार्यालय का दौरा किया. इस पर प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे प्रवर्तन विभाग कार्यालय में शीर्ष अधिकारी की अनुपस्थिति में रिश्वत विरोधी विभाग को तलाशी लेने की अनुमति नहीं दे सकते.

मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी काफी देर तक इंतजार करते रहे. तब तक 100 से अधिक पुलिसकर्मी एकत्र हो गए. साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अधिकारियों ने गिरफ्तार प्रवर्तन अधिकारी द्वारा इस्तेमाल किए गए कमरों की तलाशी लेने की अनुमति मांगी क्योंकि वह मदुरै उप-जोनल कार्यालय में कार्यरत थे. इस बीच, प्रवर्तन विभाग के वकील भी प्रवर्तन विभाग कार्यालय गये. वहीं छापेमारी की अनुमति मिलने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस मदुरै प्रवर्तन निदेशालय के सहायक क्षेत्रीय कार्यालय में छापेमारी शुरू की.

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Last Updated : Dec 1, 2023, 10:20 PM IST
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