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सोशल मीडिया पर प्यार के ट्रैप में फंसकर युवा हो रहे डिप्रेशन का शिकार

सोशल मीडिया लोगों से जुड़ने का सबसे तेज और सुलभ साधन तो है, लेकिन इसमें खतरे भी बड़े हैं. मौजूदा समय सोशल मीडिया ने युवाओं को बुरी तरह अपनी गिरफ्त में ले रखा है. ऐसे में सोशल मीडिया के माध्यम से प्यार में पड़े युवा धोखा मिलने के बाद डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं और इमोशनली कमजोर होते जा रहे हैं.

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Published : Aug 5, 2023, 6:24 PM IST

लखनऊ : राजधानी में रहने वाला एक युवक बीकॉम की पढ़ाई कर रहा था. इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक लड़की से चैट शुरू हुई. कुछ ही दिनों में प्यार हो गया. लड़की का धर्म अलग होने के कारण बाद में विवाद हुआ तो उसने शादी से इंकार कर दिया. तब से युवक डिप्रेशन में है. दो बार घर से भाग चुका है. एक बार बिहार में मिला तो दूसरी बार नेपाल में. एक बार हाथ की नस काट ली. अब युवा का इलाज बलरामपुर अस्पताल के मनोरोग विभाग में चल रहा है. इसी तरह अस्पताल में अन्य केस भी हैं.

कैंसर संस्थान के एमएस और वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला.
कैंसर संस्थान के एमएस और वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला.

कैंसर संस्थान के एमएस और वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला के अनुसार अस्पताल की ओपीडी में रोजाना इस तरह के 10 से 12 केस आते हैं. जिसमें युवा डिप्रेशन के शिकार होते हैं वह भी सोशल मीडिया में हुए चार के कारण होते हैं. मौजूदा समय में हर कोई सोशल मीडिया चला रहा है और सोशल मीडिया से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानते हुए भी अंजान बने रहते हैं. बहुत से किस अस्पताल में इस तरह से आते हैं कि युवा के पास कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट आई उसने फॉलो किया बातचीत शुरू हुई और फ्रेंडशिप हो गई फ्रेंडशिप के बाद मामला लव में बदल गया फिर प्रॉब्लम होती है. डिप्रेशन की उस समय जब लड़की मूव ऑन करती है या फिर लड़का मूव ऑन करता है तो दिक्कत सिर्फ एक को होती है.

सोशल मीडिया पर प्यार के ट्रैप में फंसकर युवा हो रहे डिप्रेशन का शिकार.
सोशल मीडिया पर प्यार के ट्रैप में फंसकर युवा हो रहे डिप्रेशन का शिकार.



डॉ. देवाशीष शुक्ला ने बताया कि ऐसे बहुत से मरीजों की मैं काउंसिलिंग कर रहा हूं जो डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं. उनकी मोहब्बत सोशल मीडिया से शुरू हुई और सोशल मीडिया पर ही खत्म हो गई और उसके बाद फिर डिप्रेशन में चले गए. क्योंकि उनका साथी अब उनसे बात नहीं करता है. चैटिंग नहीं करता है बाद में पता चलता है वह फेक आईडी थी या फिर वह लड़की चीट करके चली गई थी. ऐसा नहीं है कि सिर्फ लड़कों के साथ ही ऐसे केस होते हैं. लड़कियों के साथ भी ऐसे ही होता है. इस तरह के केस ज्यादा सामने नहीं आते हैं, क्योंकि लड़कियां अपनी बातों को परिजनों के सामने रखने से डरती हैं. जब उनके साथ इस तरह का कोई हादसा होता है तो वह अपने किसी दोस्त मित्र से शेयर करती हैं, लेकिन कभी विशेषज्ञ के पास नहीं जाती हैं. कुछ मामले महिलाओं के भी आते हैं जो ओपन माइंडेड होती हैं. वे अपनी समस्या को सुलझाना चाहती हैं और बीती बातों से उबरना चाहती हैं.

बेशक सोशल मीडिया चलाइए, लेकिन इन बातों का रखें ख्याल

  • सोशल मीडिया के कुछ प्लेटफार्म ऐसे हैं जहां पर फॉलोअर्स की गिनती होती है. ऐसे में हर कोई अधिक फॉलोअर वाली प्रोफाइल अपनी बनाना चाहता है. लोग अपना अकाउंट पब्लिक करते हैं. जिस चक्कर में अनजान लोग भी उसे फॉलो करते हैं और मैसेज करते हैं. ऐसे में अनजान लोगों के मैसेज का जवाब न दें.
  • अगर आपके सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर कोई वीडियो कॉल आ रही है तो उसे बिल्कुल भी न उठाएं हाल ही में कुछ मामले ऐसे देखने को मिले हैं जिसमें वीडियो कॉल उठाते हैं यूजर्स की फोटो क्लिक हो जाती है और उसके बाद उसके चेहरे को अश्लील फोटो व वीडियो में लगाकर वायरल कर देते हैं. इस ट्रैप से बचने के लिए बिल्कुल भी अंजान वीडियो कॉल न उठाएं.
  • इस मामले में माता-पिता और घर के बड़े सदस्य भाई बहन को भी अपने बच्चों अपने से छोटे भाई बहनों का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है उन्हें समझाएं उन्हें बताएं कि मौजूदा समय में सोशल मीडिया की जिंदगी क्या है? और किस तरह से लड़के लड़कियों को ट्रैप में फसाया जाता है?
  • अधिक से अधिक समय परिवार वालों के साथ बिताएं. पढ़ाई करते हैं या नौकरी करते हैं उसके बाद जब आप खाली होते हैं तो अपने परिजनों के साथ बैठे अपने दोस्तों के साथ बैठे और उनसे बातें करें.
  • अगर कभी आपके साथ इस तरह का कोई टाइप हुआ है और आप किसी सदमे में है तो सबसे पहले अपने परिजनों को बताएं कि आपके साथ क्या हुआ है और उसके बाद अगर आपको लग रहा है कि आपकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है आप उस चीज से नहीं निकल पा रहे हैं तो उसके लिए मनोरोग विशेषज्ञ से जरूर परामर्श लें.

डॉ. देवाशीष शुक्ला के अनुसार अलीगंज निवासी एक युवती काॅरपोरेट सेक्टर में नौकरी करती हैं और लखनऊ में अकेले रहती हैं. काउंसिलिंग के दौरान बताया कि किस तरह से वह सोशल मीडिया ट्रैप में फंस गई थी. उनके पास एक लड़के का फेसबुक पर मैसेज आता था और वह अच्छे-अच्छे कमेंट और लाइक किया करता था. धीरे-धीरे बातचीत शुरू हुई और दोस्ती हो गई. दोस्ती के बाद प्यार परवान चढ़ा. दो महीना समय बीता. फेसबुक पर चैटिंग हुआ करती थी. फिर उसके बाद नंबर एक्सचेंज किए और फोन पर बात होने लगी. इसके बाद उसने कुछ पैसों की डिमांड की तो दे दिए, लेकिन कुछ समय बाद फिर पैसों की डिमांड की. दूसरी बार पैसा नहीं मिलने पर लड़के ने बातचीत बंद कर दी. लड़की का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा है और फेसबुक आईडी भी इनवेलिड दिखा रही है. इस स्थिति में युवती पूरी तरह से टूट गई और डिप्रेशन में चली गई. पिछले सात महीने से उसका इलाज और काउंसिलिंग बलरामपुर अस्पताल में चल रही है. फिलहाल अभी वह ठीक है और चीजों को समझ भी चुकी है.



यह भी पढ़ें : केरल: नर्स के भेष में प्रेमी की पत्नी की जान लेने की कोशिश, गिरफ्तार

लखनऊ : राजधानी में रहने वाला एक युवक बीकॉम की पढ़ाई कर रहा था. इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक लड़की से चैट शुरू हुई. कुछ ही दिनों में प्यार हो गया. लड़की का धर्म अलग होने के कारण बाद में विवाद हुआ तो उसने शादी से इंकार कर दिया. तब से युवक डिप्रेशन में है. दो बार घर से भाग चुका है. एक बार बिहार में मिला तो दूसरी बार नेपाल में. एक बार हाथ की नस काट ली. अब युवा का इलाज बलरामपुर अस्पताल के मनोरोग विभाग में चल रहा है. इसी तरह अस्पताल में अन्य केस भी हैं.

कैंसर संस्थान के एमएस और वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला.
कैंसर संस्थान के एमएस और वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला.

कैंसर संस्थान के एमएस और वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला के अनुसार अस्पताल की ओपीडी में रोजाना इस तरह के 10 से 12 केस आते हैं. जिसमें युवा डिप्रेशन के शिकार होते हैं वह भी सोशल मीडिया में हुए चार के कारण होते हैं. मौजूदा समय में हर कोई सोशल मीडिया चला रहा है और सोशल मीडिया से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानते हुए भी अंजान बने रहते हैं. बहुत से किस अस्पताल में इस तरह से आते हैं कि युवा के पास कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट आई उसने फॉलो किया बातचीत शुरू हुई और फ्रेंडशिप हो गई फ्रेंडशिप के बाद मामला लव में बदल गया फिर प्रॉब्लम होती है. डिप्रेशन की उस समय जब लड़की मूव ऑन करती है या फिर लड़का मूव ऑन करता है तो दिक्कत सिर्फ एक को होती है.

सोशल मीडिया पर प्यार के ट्रैप में फंसकर युवा हो रहे डिप्रेशन का शिकार.
सोशल मीडिया पर प्यार के ट्रैप में फंसकर युवा हो रहे डिप्रेशन का शिकार.



डॉ. देवाशीष शुक्ला ने बताया कि ऐसे बहुत से मरीजों की मैं काउंसिलिंग कर रहा हूं जो डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं. उनकी मोहब्बत सोशल मीडिया से शुरू हुई और सोशल मीडिया पर ही खत्म हो गई और उसके बाद फिर डिप्रेशन में चले गए. क्योंकि उनका साथी अब उनसे बात नहीं करता है. चैटिंग नहीं करता है बाद में पता चलता है वह फेक आईडी थी या फिर वह लड़की चीट करके चली गई थी. ऐसा नहीं है कि सिर्फ लड़कों के साथ ही ऐसे केस होते हैं. लड़कियों के साथ भी ऐसे ही होता है. इस तरह के केस ज्यादा सामने नहीं आते हैं, क्योंकि लड़कियां अपनी बातों को परिजनों के सामने रखने से डरती हैं. जब उनके साथ इस तरह का कोई हादसा होता है तो वह अपने किसी दोस्त मित्र से शेयर करती हैं, लेकिन कभी विशेषज्ञ के पास नहीं जाती हैं. कुछ मामले महिलाओं के भी आते हैं जो ओपन माइंडेड होती हैं. वे अपनी समस्या को सुलझाना चाहती हैं और बीती बातों से उबरना चाहती हैं.

बेशक सोशल मीडिया चलाइए, लेकिन इन बातों का रखें ख्याल

  • सोशल मीडिया के कुछ प्लेटफार्म ऐसे हैं जहां पर फॉलोअर्स की गिनती होती है. ऐसे में हर कोई अधिक फॉलोअर वाली प्रोफाइल अपनी बनाना चाहता है. लोग अपना अकाउंट पब्लिक करते हैं. जिस चक्कर में अनजान लोग भी उसे फॉलो करते हैं और मैसेज करते हैं. ऐसे में अनजान लोगों के मैसेज का जवाब न दें.
  • अगर आपके सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर कोई वीडियो कॉल आ रही है तो उसे बिल्कुल भी न उठाएं हाल ही में कुछ मामले ऐसे देखने को मिले हैं जिसमें वीडियो कॉल उठाते हैं यूजर्स की फोटो क्लिक हो जाती है और उसके बाद उसके चेहरे को अश्लील फोटो व वीडियो में लगाकर वायरल कर देते हैं. इस ट्रैप से बचने के लिए बिल्कुल भी अंजान वीडियो कॉल न उठाएं.
  • इस मामले में माता-पिता और घर के बड़े सदस्य भाई बहन को भी अपने बच्चों अपने से छोटे भाई बहनों का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है उन्हें समझाएं उन्हें बताएं कि मौजूदा समय में सोशल मीडिया की जिंदगी क्या है? और किस तरह से लड़के लड़कियों को ट्रैप में फसाया जाता है?
  • अधिक से अधिक समय परिवार वालों के साथ बिताएं. पढ़ाई करते हैं या नौकरी करते हैं उसके बाद जब आप खाली होते हैं तो अपने परिजनों के साथ बैठे अपने दोस्तों के साथ बैठे और उनसे बातें करें.
  • अगर कभी आपके साथ इस तरह का कोई टाइप हुआ है और आप किसी सदमे में है तो सबसे पहले अपने परिजनों को बताएं कि आपके साथ क्या हुआ है और उसके बाद अगर आपको लग रहा है कि आपकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है आप उस चीज से नहीं निकल पा रहे हैं तो उसके लिए मनोरोग विशेषज्ञ से जरूर परामर्श लें.

डॉ. देवाशीष शुक्ला के अनुसार अलीगंज निवासी एक युवती काॅरपोरेट सेक्टर में नौकरी करती हैं और लखनऊ में अकेले रहती हैं. काउंसिलिंग के दौरान बताया कि किस तरह से वह सोशल मीडिया ट्रैप में फंस गई थी. उनके पास एक लड़के का फेसबुक पर मैसेज आता था और वह अच्छे-अच्छे कमेंट और लाइक किया करता था. धीरे-धीरे बातचीत शुरू हुई और दोस्ती हो गई. दोस्ती के बाद प्यार परवान चढ़ा. दो महीना समय बीता. फेसबुक पर चैटिंग हुआ करती थी. फिर उसके बाद नंबर एक्सचेंज किए और फोन पर बात होने लगी. इसके बाद उसने कुछ पैसों की डिमांड की तो दे दिए, लेकिन कुछ समय बाद फिर पैसों की डिमांड की. दूसरी बार पैसा नहीं मिलने पर लड़के ने बातचीत बंद कर दी. लड़की का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा है और फेसबुक आईडी भी इनवेलिड दिखा रही है. इस स्थिति में युवती पूरी तरह से टूट गई और डिप्रेशन में चली गई. पिछले सात महीने से उसका इलाज और काउंसिलिंग बलरामपुर अस्पताल में चल रही है. फिलहाल अभी वह ठीक है और चीजों को समझ भी चुकी है.



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