हल्द्वानी (उत्तराखंड): टांडा रेंज में फिर एक हाथी की ट्रेन के इंजन की चपेट में आने से मौत हो गई है. हाथी का एक बच्चा घायल भी हुआ है. ट्रेन के इंजन से हाथी की कटकर मौत होने के बाद वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. सूचना के बाद मौके पर रेल प्रशासन के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारी मौजूद हैं. लालकुआं- बरेली और रामपुर रेलवे ट्रैक पर लगातार हो रही हाथियों की मौत के बाद वन विभाग और रेल प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
ट्रेन के इंजन की चपेट में आकर हाथी की मौत: बताया जा रहा है कि लालकुआं कोतवाली क्षेत्र के लालकुआं बरेली रेलवे ट्रैक पर श्मशान घाट के पास तेज गति से जा रहे इलेक्ट्रिक पावर इंजन की चपेट में आने से रेल पटरी क्रॉस कर रहे एक नर हाथी की दर्दनाक मौत हो गई. जबकि उसके साथ चल रहा सात माह का हाथी का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया है. मौके पर पहुंचे गौला रेंज के वन क्षेत्र अधिकारी चन्दन सिंह अधिकारी ने वन विभाग की टीम के साथ रेस्क्यू अभियान चलाते हुए घायल हाथी के बच्चे का रेस्क्यू किया है. घायल हाथी के बच्चे का उपचार किया जा रहा है. मृतक हाथी तराई केन्द्रीय की टांडा रेंज में होने के कारण विभाग की टीम मौके पर तैनात है. वहीं विभाग द्वारा हाथी के शव का पोस्टमार्टम की तैयारी की जा रही है.
एक हफ्ते पहले भी हुई थी हाथी की मौत: लगातार हो रही हाथियों की मौत के बाद रेलवे प्रशासन और वन विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि इस रेलवे लाइन पर ट्रेन की स्पीड की सीमा निर्धारित की गई है. जबकि वन विभाग कर्मियों को गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं. उसके बावजूद भी हाथियों की लगातार मौत हो रही है. एक सप्ताह पहले भी ट्रेन की चपेट में आने से एक हाथी की मौत हुई थी.
ट्रेन इंजन के पाइलट पर होगा मुकदमा: वन विभाग ने इस मामले में ट्रेन का इंजन चला रहे पाइलट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर ली है. वन अधिकारी का कहना है कि इंजन का नंबर भी नोट कर लिया गया है. अधिकारी ने कहा कि ट्रेनों की रफ्तार इस रेंज में तय की गई है. लेकिन उसका पालन नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में हम रेलवे के अधिकारियों से बात करेंगे.
23 साल में 13 हाथियों ने हादसे में गंवाई जान: उत्तराखंड वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार तराई केंद्रीय वन प्रभाग अंतर्गत लालकुआं -रुद्रपुर रेलमार्ग पर पिछले 23 सालों में 11 हाथियों की ट्रेन से कटकर मौत हुई है. जबकि लालकुआं- बरेली मार्ग पर दो हाथियों की ट्रेन से कटकर मौत हुई है. इस तरह इस इलाके में पिछले 23 साल में 13 हाथी रेलवे की लापरवाही से असमय जान गंवा चुके हैं.
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