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भोपाल : हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड की बत्ती गुल, तड़पते रहे मरीज - हमीदिया अस्पताल

भोपाल के हमीदिया के D ब्लॉक के कोविड-19 वार्ड में बार-बार बिजली सप्लाई बंद हो रही है. ऑक्सीजन सेचुरेशन की स्थिति भी गंभीर है. वार्ड में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन चाहिए लेकिन यहां कोई सुनने वाला ही नहीं है.

हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड की बत्ती गुल
हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड की बत्ती गुल
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Published : May 14, 2021, 3:08 PM IST

भोपाल : कोरोना वायरस बहुत ही तेजी से अपना कहर बरपा रहा है. वहीं भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मरीज को आईसीयू (ICU) में बिजली और ऑक्सीजन सप्लाई जैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.

बता दें भोपाल के हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड में पॉवर कट हो जा रहा है जिस कारण आईसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों को परेशानी हो रही है. वार्ड में भर्ती मरीज, डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के रहमोकरम पर हैं, जब मरीज डॉक्टर से शिकायत करता है तो उनका कहना है कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, अस्पताल प्रबंधन ने जो व्यवस्थाएं दी हैं इनके बीच ही हमें मरीज का इलाज करना है. वहीं मरीजों के परिजन भी अस्पताल प्रबंधन की नाकामी से परेशान हैं, वह अपनो को तड़पता देखकर भी असहाय हैं.

हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड की बत्ती गुल

मरीज परेशान, भगवान भरोसे काम

एक मामला ऐसा ही सामने आया है जिसमें मरीज के तीमारदार ने कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर से बार-बार बिजली जाने की शिकायत की, तो डॉक्टर ने कहा इसमें हम कुछ नहीं कर सकते. वायरिंग खुली पड़ी है इसलिए बार-बार बिजली जा रही है.

मामले का ऑडियो, परिजन के मोबाइल में रिकॉर्ड है. जिसमें डॉक्टर और परिजन की पूरी बातचीत है. ऐसे में मरीज के परिजन अस्पताल प्रबंधन से लेकर नेताओं तक अपनी गुहार लगा चुके हैं और लगा रहे हैं. लेकिन उनकी सुनवाई और मरीज की समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. मरीज के परिजन कह रहे हैं हमीदिया में जो भी हो रहा है अब सब भगवान के भरोसे है, यहां कोई हमारी सुनने वाला ही नहीं है.

बार-बार बंद हो रही है बिजली सप्लाई

हमीदिया के D ब्लॉक के कोविड-19 वार्ड में बार-बार बिजली सप्लाई बंद हो रही है और ऑक्सीजन सेचुरेशन की स्थिति भी गंभीर है. यहां कोई सुनने वाला नहीं है. वार्ड में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन चाहिए लेकिन यहां सुनने वाला ही नहीं है. बिजली भी जा रही है, मरीजों की ऑक्सीजन कम हो रही है और उन्हें तकलीफ हो रही है.

मेडिकल स्टाफ 'गायब'

अस्पताल में भर्ती ब्रह्मेश्वर भार्गव ने अपने भाई लोकेश भार्गव को फोन पर पीड़ा बताई, जिसका ऑडियो 'ईटीवी भारत' के पास है. बता दें ब्रह्मेश्वर 5a बेड नंबर 622 में भर्ती है. उसे 7 मई को इस वार्ड में शिफ्ट किया गया है. इससे पहले ब्रह्मेश्वर को C ब्लॉक टीवी अस्पताल के पास भर्ती कराया गया था. वहां स्थिति गंभीर होने के बाद, उसे यहां D ब्लॉक में लाया गया है. जहां पर उसकी हालत पहले से और गिरती जा रही है.

ब्रह्मेश्वर ने अपने भाई को बताया है कि 'यहां पर कोई देखरेख नहीं हो रही है. डॉक्टर आते हैं, इलाज कर चले जाते हैं लेकिन यहां मौजूद मेडिकल स्टाफ मरीज की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. पानी तक पिलाने वाला कोई नहीं है. जो दवाएं यहां रखी रहती हैं वह नहीं दी जा रही हैं. रात में कोई भी मेडिकल स्टाफ 'आपातकाल' के लिए नहीं रहता है, मरीज चिल्लाते और तड़पते रहते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.'

बार-बार जाती है लाइट

D ब्लॉक में भर्ती ब्रह्मेश्वर के भाई लोकेश ने बताया कि 7 तारीख से अभी तक उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया है. वेंटिलेटर पर उसकी स्थिति खराब होती जा रही है. ऑक्सीजन की कमी है, अब तो उसको बात करने में भी परेशानी होती है. बार-बार लाइट जाती है, जिससे ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो रही है और मरीजों की जान आफत में पड़ जाती है. रात में कोई स्टाफ नहीं होने के कारण मरीज चिल्लाते रहते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं रहता. भाई ने बताया है कि यहां कई मरीज इलाज और देखरेख के अभाव में दम तोड़ चुके हैं.

कोरोना पीड़ितों का सरकार ने थामा हाथ: बेसहारा हुए परिवारों को हर महीने मिलेगी 5000 रुपए पेंशन

हम व्यवस्थाएं ठीक कराएंगे

'ईटीवी भारत' ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन जितेन शुक्ला से बात की. उन्होंने फोन पर बताया कि D ब्लॉक में जनरेटर की व्यवस्था है. जिससे बिजली जाने पर बैकअप मिलता है, लेकिन बार-बार बिजली जाने से समस्या बन रही है हम इसको ठीक करवाएंगे. जबकि लोकेश और डॉक्टर के बीच हुई बातचीत में स्पष्ट है कि बिल्डिंग वायरिंग खुली पड़ी है. सुधार करवाने का प्रयास किया जा रहा है. इस बीच बिजली गुल हो रही है. वहीं डॉक्टर का कहना है कि हम इसमें कुछ नहीं कर पा रहे हैं, जो व्यवस्थाएं हमें दी गई हैं, उनके बीच इलाज करना पड़ रहा है.

भोपाल : कोरोना वायरस बहुत ही तेजी से अपना कहर बरपा रहा है. वहीं भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मरीज को आईसीयू (ICU) में बिजली और ऑक्सीजन सप्लाई जैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.

बता दें भोपाल के हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड में पॉवर कट हो जा रहा है जिस कारण आईसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों को परेशानी हो रही है. वार्ड में भर्ती मरीज, डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के रहमोकरम पर हैं, जब मरीज डॉक्टर से शिकायत करता है तो उनका कहना है कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, अस्पताल प्रबंधन ने जो व्यवस्थाएं दी हैं इनके बीच ही हमें मरीज का इलाज करना है. वहीं मरीजों के परिजन भी अस्पताल प्रबंधन की नाकामी से परेशान हैं, वह अपनो को तड़पता देखकर भी असहाय हैं.

हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड की बत्ती गुल

मरीज परेशान, भगवान भरोसे काम

एक मामला ऐसा ही सामने आया है जिसमें मरीज के तीमारदार ने कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर से बार-बार बिजली जाने की शिकायत की, तो डॉक्टर ने कहा इसमें हम कुछ नहीं कर सकते. वायरिंग खुली पड़ी है इसलिए बार-बार बिजली जा रही है.

मामले का ऑडियो, परिजन के मोबाइल में रिकॉर्ड है. जिसमें डॉक्टर और परिजन की पूरी बातचीत है. ऐसे में मरीज के परिजन अस्पताल प्रबंधन से लेकर नेताओं तक अपनी गुहार लगा चुके हैं और लगा रहे हैं. लेकिन उनकी सुनवाई और मरीज की समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. मरीज के परिजन कह रहे हैं हमीदिया में जो भी हो रहा है अब सब भगवान के भरोसे है, यहां कोई हमारी सुनने वाला ही नहीं है.

बार-बार बंद हो रही है बिजली सप्लाई

हमीदिया के D ब्लॉक के कोविड-19 वार्ड में बार-बार बिजली सप्लाई बंद हो रही है और ऑक्सीजन सेचुरेशन की स्थिति भी गंभीर है. यहां कोई सुनने वाला नहीं है. वार्ड में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन चाहिए लेकिन यहां सुनने वाला ही नहीं है. बिजली भी जा रही है, मरीजों की ऑक्सीजन कम हो रही है और उन्हें तकलीफ हो रही है.

मेडिकल स्टाफ 'गायब'

अस्पताल में भर्ती ब्रह्मेश्वर भार्गव ने अपने भाई लोकेश भार्गव को फोन पर पीड़ा बताई, जिसका ऑडियो 'ईटीवी भारत' के पास है. बता दें ब्रह्मेश्वर 5a बेड नंबर 622 में भर्ती है. उसे 7 मई को इस वार्ड में शिफ्ट किया गया है. इससे पहले ब्रह्मेश्वर को C ब्लॉक टीवी अस्पताल के पास भर्ती कराया गया था. वहां स्थिति गंभीर होने के बाद, उसे यहां D ब्लॉक में लाया गया है. जहां पर उसकी हालत पहले से और गिरती जा रही है.

ब्रह्मेश्वर ने अपने भाई को बताया है कि 'यहां पर कोई देखरेख नहीं हो रही है. डॉक्टर आते हैं, इलाज कर चले जाते हैं लेकिन यहां मौजूद मेडिकल स्टाफ मरीज की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. पानी तक पिलाने वाला कोई नहीं है. जो दवाएं यहां रखी रहती हैं वह नहीं दी जा रही हैं. रात में कोई भी मेडिकल स्टाफ 'आपातकाल' के लिए नहीं रहता है, मरीज चिल्लाते और तड़पते रहते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.'

बार-बार जाती है लाइट

D ब्लॉक में भर्ती ब्रह्मेश्वर के भाई लोकेश ने बताया कि 7 तारीख से अभी तक उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया है. वेंटिलेटर पर उसकी स्थिति खराब होती जा रही है. ऑक्सीजन की कमी है, अब तो उसको बात करने में भी परेशानी होती है. बार-बार लाइट जाती है, जिससे ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो रही है और मरीजों की जान आफत में पड़ जाती है. रात में कोई स्टाफ नहीं होने के कारण मरीज चिल्लाते रहते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं रहता. भाई ने बताया है कि यहां कई मरीज इलाज और देखरेख के अभाव में दम तोड़ चुके हैं.

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हम व्यवस्थाएं ठीक कराएंगे

'ईटीवी भारत' ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन जितेन शुक्ला से बात की. उन्होंने फोन पर बताया कि D ब्लॉक में जनरेटर की व्यवस्था है. जिससे बिजली जाने पर बैकअप मिलता है, लेकिन बार-बार बिजली जाने से समस्या बन रही है हम इसको ठीक करवाएंगे. जबकि लोकेश और डॉक्टर के बीच हुई बातचीत में स्पष्ट है कि बिल्डिंग वायरिंग खुली पड़ी है. सुधार करवाने का प्रयास किया जा रहा है. इस बीच बिजली गुल हो रही है. वहीं डॉक्टर का कहना है कि हम इसमें कुछ नहीं कर पा रहे हैं, जो व्यवस्थाएं हमें दी गई हैं, उनके बीच इलाज करना पड़ रहा है.

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