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राजस्थान : आजादी के बाद अब डूंगरपुर में छंटा अंधेरा....बिजली से रोशन हुए 1.31 लाख घर - Electricity in tribal areas in Dungarpur

जिले में केंद्र सरकार की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय न्यू स्कीम और सौभाग्य स्कीम की शुरुआत की गई. इन तीनों ही योजनाओं में जिले के उन गरीब परिवारों का चयन किया गया जो अब तक बिजली से वंचित थे. इन परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने का काम पूरा कर लिया गया है.

Dungarpur Free Electricity Connection
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Published : Apr 4, 2021, 7:56 PM IST

जयपुर : राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले के 1 लाख 31 हजार परिवारों ने आजादी के बाद नया सवेरा देखा. अंधेरे में जीवन बिता रहे इन परिवारों को बिजली कनेक्शन मिलने के बाद अब ये परिवार उजाला देख रहे हैं.

पहली बार घर में बिजली की रोशनी पाकर इन परिवारों के चेहरों पर अमूल्य खुशी है. मानों घर में होली या दिवाली हो. हो भी क्यों न, क्योंकि यहां कई घर ऐसे हैं जहां आजादी के बाद पहली बार बिजली आई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

राजस्थान के दक्षिणांचल में स्थित है आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला. यहां की कुल आबादी करीब 14 लाख है. आर्थिक और विकास की दृष्टि से ये इलाका काफी पिछड़ा हुआ है. इस क्षेत्र के विकास को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं. इसमें से खास है केंद्र सरकार की विद्युतीकरण योजना. जिसमें गरीबी रेखा से निचे जीवनयापन करने वाले बीपीएल परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने की योजना शुरू की गई है.

पढ़ें-बीकानेर के प्रधानाध्यापक ने आपदा को अवसर में बदलने का किया नवाचार, देखें स्पेशल रिपोर्ट...

केंद्र सरकार की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय न्यू स्कीम और सौभाग्य स्कीम की शुरुआत की गई. इन तीनों ही योजनाओं के तहत डूंगरपुर जिले में आजादी के बाद से अब तक बिजली कनेक्शन से वंचित रहे गरीब परिवारों का चयन किया गया. इन परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने का काम शुरू किया गया. इस योजना के तहत 1 लाख 31 हजार 864 गरीब परिवारों के घरों में पहली बार बिजली पंहुचाई गई है. जिससे ये परिवार अब अंधेरे की जिंदगी से बाहर निकलकर उजाले की जिंदगी बसर कर रहे हैं.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना में 71047 घरों तक बिजली पहुंचाई गई है. इसके अलावा पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण न्यू स्कीम में 26248 घरों को बिजली कनेक्शन दिए गए. वहीं सौभाग्य स्कीम के तहत 34569 परिवारों की जिंदगी रोशन हुई है. इस तरह कुल विद्युतीकरण के तहत 1 लाख 31 हजार 864 घर लाभान्वित हुए हैं.

सुदूर पहाड़ियों पर पहुंची बिजली, जिंदगी हुई आसान
ईटीवी भारत ने बिजली कनेक्शन पंहुचने के बाद लोगों की जिंदगी में आए फर्क को जानने की कोशिश की. हालांकि इन इलाकों में बिजली पहुंचाना आसान काम नहीं था. एक घर इस पहाड़ी था तो दूसरा दूसरी पहाड़ी पर. इस बीच कई दर्रे, नाले, पहाड़ियां और जंगल थे. योजना के तहत हर जगह बिजली के पोल डालकर हर घर तक बिजली पंहुचाई गई.

बिछीवाड़ा क्षेत्र के चुंडावाड़ा, मोदर, तलैया, छापी गांव के सैकड़ो घरों में आजादी के बाद पहली बार बिजली पंहुची. कच्चे और केलुपोष मकानों में अब बिजली के बल्ब जल रहे हैं. पंखे की हवा भी मिल रही है. घरों में पानी की मोटरें चलने लगी हैं. ऐसे में इन परिवारों की जिन्दगी में काफी कुछ बदलाव आया है.

पढ़ें-डूंगरपुर : स्कूलों में बच्चों को अच्छा वातावरण देने की कवायद, गहलोत सरकार ने दिया 1 करोड़ 68 लाख का बजट

लोगों ने बताया कि वे कई साल से बिजली कनेक्शन का इंतजार कर रहे थे. बरसों में उनका ये सपना अब पूरा हुआ है. लोगों की आंखों में खुशी की चमक साफ झलक रही है. लोगों ने बताया कि पहले अंधेरे में जिंदगी बिताना मजबूरी था. अब रात के समय भी उजाले में अपने परिवार के साथ रहना एक अलग ही खुशी का अहसास दे रहा है.

अब चिमनी नहीं, बिजली की रोशनी में पढ़ाई
गांव के लोगों ने बताया कि पहले उनके बच्चे दिन के उजाले में ही पढ़ाई कर पाते थे. रात के समय पढ़ाई करने के लिए चिमनी या लालटेन जलाना पड़ता था. अब बिजली आ जाने से उनके बच्चे रात के समय भी देर तक पढ़ाई कर सकते हैं. इससे उनकी आंखों पर भी असर नहीं पड़ेगा. बच्चों के अच्छे भविष्य को लेकर भी ये परिवार खुश हैं.

मुश्किल भरा काम समय पर किया पूरा
विद्युतीकरण योजना के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि जिले में सभी जगह भौगोलिक परिस्थितियां अलग-अलग हैं. ऐसे में बिजली लाइन खींचना सबसे मुश्किल भरा काम रहा. लेकिन सरकार की योजना के मुताबिक समय रहते 100 प्रतिशत बिजली कनेक्शन के टारगेट को पूरा कर लिया गया है. योजना के तहत 1 लाख 31 हजार परिवारों का बिजली कनेक्शन कर दिया गया है. इतना ही नहीं बल्कि योजना के लिए जो बजट निर्धारित था उसमें भी 22 करोड़ रुपये बचा लिए गए हैं. यह बड़ी उपलब्धि है.

जयपुर : राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले के 1 लाख 31 हजार परिवारों ने आजादी के बाद नया सवेरा देखा. अंधेरे में जीवन बिता रहे इन परिवारों को बिजली कनेक्शन मिलने के बाद अब ये परिवार उजाला देख रहे हैं.

पहली बार घर में बिजली की रोशनी पाकर इन परिवारों के चेहरों पर अमूल्य खुशी है. मानों घर में होली या दिवाली हो. हो भी क्यों न, क्योंकि यहां कई घर ऐसे हैं जहां आजादी के बाद पहली बार बिजली आई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

राजस्थान के दक्षिणांचल में स्थित है आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला. यहां की कुल आबादी करीब 14 लाख है. आर्थिक और विकास की दृष्टि से ये इलाका काफी पिछड़ा हुआ है. इस क्षेत्र के विकास को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं. इसमें से खास है केंद्र सरकार की विद्युतीकरण योजना. जिसमें गरीबी रेखा से निचे जीवनयापन करने वाले बीपीएल परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने की योजना शुरू की गई है.

पढ़ें-बीकानेर के प्रधानाध्यापक ने आपदा को अवसर में बदलने का किया नवाचार, देखें स्पेशल रिपोर्ट...

केंद्र सरकार की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय न्यू स्कीम और सौभाग्य स्कीम की शुरुआत की गई. इन तीनों ही योजनाओं के तहत डूंगरपुर जिले में आजादी के बाद से अब तक बिजली कनेक्शन से वंचित रहे गरीब परिवारों का चयन किया गया. इन परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने का काम शुरू किया गया. इस योजना के तहत 1 लाख 31 हजार 864 गरीब परिवारों के घरों में पहली बार बिजली पंहुचाई गई है. जिससे ये परिवार अब अंधेरे की जिंदगी से बाहर निकलकर उजाले की जिंदगी बसर कर रहे हैं.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना में 71047 घरों तक बिजली पहुंचाई गई है. इसके अलावा पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण न्यू स्कीम में 26248 घरों को बिजली कनेक्शन दिए गए. वहीं सौभाग्य स्कीम के तहत 34569 परिवारों की जिंदगी रोशन हुई है. इस तरह कुल विद्युतीकरण के तहत 1 लाख 31 हजार 864 घर लाभान्वित हुए हैं.

सुदूर पहाड़ियों पर पहुंची बिजली, जिंदगी हुई आसान
ईटीवी भारत ने बिजली कनेक्शन पंहुचने के बाद लोगों की जिंदगी में आए फर्क को जानने की कोशिश की. हालांकि इन इलाकों में बिजली पहुंचाना आसान काम नहीं था. एक घर इस पहाड़ी था तो दूसरा दूसरी पहाड़ी पर. इस बीच कई दर्रे, नाले, पहाड़ियां और जंगल थे. योजना के तहत हर जगह बिजली के पोल डालकर हर घर तक बिजली पंहुचाई गई.

बिछीवाड़ा क्षेत्र के चुंडावाड़ा, मोदर, तलैया, छापी गांव के सैकड़ो घरों में आजादी के बाद पहली बार बिजली पंहुची. कच्चे और केलुपोष मकानों में अब बिजली के बल्ब जल रहे हैं. पंखे की हवा भी मिल रही है. घरों में पानी की मोटरें चलने लगी हैं. ऐसे में इन परिवारों की जिन्दगी में काफी कुछ बदलाव आया है.

पढ़ें-डूंगरपुर : स्कूलों में बच्चों को अच्छा वातावरण देने की कवायद, गहलोत सरकार ने दिया 1 करोड़ 68 लाख का बजट

लोगों ने बताया कि वे कई साल से बिजली कनेक्शन का इंतजार कर रहे थे. बरसों में उनका ये सपना अब पूरा हुआ है. लोगों की आंखों में खुशी की चमक साफ झलक रही है. लोगों ने बताया कि पहले अंधेरे में जिंदगी बिताना मजबूरी था. अब रात के समय भी उजाले में अपने परिवार के साथ रहना एक अलग ही खुशी का अहसास दे रहा है.

अब चिमनी नहीं, बिजली की रोशनी में पढ़ाई
गांव के लोगों ने बताया कि पहले उनके बच्चे दिन के उजाले में ही पढ़ाई कर पाते थे. रात के समय पढ़ाई करने के लिए चिमनी या लालटेन जलाना पड़ता था. अब बिजली आ जाने से उनके बच्चे रात के समय भी देर तक पढ़ाई कर सकते हैं. इससे उनकी आंखों पर भी असर नहीं पड़ेगा. बच्चों के अच्छे भविष्य को लेकर भी ये परिवार खुश हैं.

मुश्किल भरा काम समय पर किया पूरा
विद्युतीकरण योजना के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि जिले में सभी जगह भौगोलिक परिस्थितियां अलग-अलग हैं. ऐसे में बिजली लाइन खींचना सबसे मुश्किल भरा काम रहा. लेकिन सरकार की योजना के मुताबिक समय रहते 100 प्रतिशत बिजली कनेक्शन के टारगेट को पूरा कर लिया गया है. योजना के तहत 1 लाख 31 हजार परिवारों का बिजली कनेक्शन कर दिया गया है. इतना ही नहीं बल्कि योजना के लिए जो बजट निर्धारित था उसमें भी 22 करोड़ रुपये बचा लिए गए हैं. यह बड़ी उपलब्धि है.

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