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उत्तराखंड के हल्द्वानी में गौला नदी की चपेट में आई इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन, रेल यातायात प्रभावित

उत्तराखंड के हल्द्वानी में गौला नदी की बाढ़ ने रौद्र रूप धारण किया हुआ है. गौला की बाढ़ में इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन ध्वस्त हो गई है. इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन गौला में समा जाने से प्लेटफार्म नंबर 3 से ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया है. प्लेटफार्म नंबर 3 की ट्रेनों को प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 से चलाया जा रहा है.

Electric train line
रेल समाचार
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Published : Oct 11, 2022, 8:24 AM IST

उत्तराखंड: पहाड़ों पर हो रही लगातार भारी बारिश के चलते गौला नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर बढ़ने का असर रेलवे की इलेक्ट्रिक लाइन पर भी पड़ा है. हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से महज कुछ दूरी पर रेलवे द्वारा लगाई गई इलेक्ट्रिक लाइन और रेलवे ट्रैक को गौला नदी ने अपनी चपेट में ले लिया है.

रेलवे ट्रैक के पास जमीन का कुछ हिस्सा भू कटाव में आ गया है. इससे रेलवे लाइन को भी खतरा बन गया है. यहां तक कि भू कटाव के चपेट में रेलवे का इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन आ गया है. रेल कर्मी इसे ठीक करने में लगे हुए हैं.

Electric train line
बाढ़ से रेल सेवा प्रभावित

इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन क्षतिग्रस्त हुई है. इलेक्ट्रिक लाइन की पोल पूरी तरह से भू कटाव में आने से झुक गई है. ऐसे में रेलवे के अधिकारियों को जब इसकी सूचना मिली तो वो मौके पर पहुंचे. रेलवे के अधिकारियों ने तत्काल इलेक्ट्रिक लाइन को शिफ्ट करने की ओर काम शुरू कर दिया है. रेलवे प्रशासन ने हल्द्वानी रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 3 से चलने वाली ट्रेनों का संचालन बदल दिया है.

Electric train line
इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन बाढ़ की चपेट में आने से रेल यातायात प्रभावित

अब प्लेटफार्म नंबर 3 से चलने वाली ट्रेनों को प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 से चलाया जा रहा है. फिलहाल रेलवे प्रशासन लाइन को दुरुस्त करने में लगा हुआ है.
ये भी पढ़ें: भारी बारिश से गौला बैराज का बढ़ा जलस्तर, अलर्ट मोड पर प्रशासन

पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि भारी बरसात एवं गौला नदी में जल प्रवाह को देखते हुए रेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से प्लेटफार्म नंबर 3 से ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है.

Electric train line
गौला नदी में आई बाढ़

रेल प्रशासन का कहना है कि जब तक गौला नदी का जल प्रवाह कम नहीं होता, तब तक रेल प्रशासन नदी पर बराबर नजर बनाए हुए है. बताते चलें कि हल्द्वानी और काठगोदाम उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के आखिरी रेलवे स्टेशन हैं. यहां से अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों के लोग मैदानी इलाकों में जाने के लिए ट्रेन पकड़ते हैं.

उत्तराखंड: पहाड़ों पर हो रही लगातार भारी बारिश के चलते गौला नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर बढ़ने का असर रेलवे की इलेक्ट्रिक लाइन पर भी पड़ा है. हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से महज कुछ दूरी पर रेलवे द्वारा लगाई गई इलेक्ट्रिक लाइन और रेलवे ट्रैक को गौला नदी ने अपनी चपेट में ले लिया है.

रेलवे ट्रैक के पास जमीन का कुछ हिस्सा भू कटाव में आ गया है. इससे रेलवे लाइन को भी खतरा बन गया है. यहां तक कि भू कटाव के चपेट में रेलवे का इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन आ गया है. रेल कर्मी इसे ठीक करने में लगे हुए हैं.

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बाढ़ से रेल सेवा प्रभावित

इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन क्षतिग्रस्त हुई है. इलेक्ट्रिक लाइन की पोल पूरी तरह से भू कटाव में आने से झुक गई है. ऐसे में रेलवे के अधिकारियों को जब इसकी सूचना मिली तो वो मौके पर पहुंचे. रेलवे के अधिकारियों ने तत्काल इलेक्ट्रिक लाइन को शिफ्ट करने की ओर काम शुरू कर दिया है. रेलवे प्रशासन ने हल्द्वानी रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 3 से चलने वाली ट्रेनों का संचालन बदल दिया है.

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इलेक्ट्रिक ट्रेन लाइन बाढ़ की चपेट में आने से रेल यातायात प्रभावित

अब प्लेटफार्म नंबर 3 से चलने वाली ट्रेनों को प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 से चलाया जा रहा है. फिलहाल रेलवे प्रशासन लाइन को दुरुस्त करने में लगा हुआ है.
ये भी पढ़ें: भारी बारिश से गौला बैराज का बढ़ा जलस्तर, अलर्ट मोड पर प्रशासन

पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि भारी बरसात एवं गौला नदी में जल प्रवाह को देखते हुए रेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से प्लेटफार्म नंबर 3 से ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है.

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गौला नदी में आई बाढ़

रेल प्रशासन का कहना है कि जब तक गौला नदी का जल प्रवाह कम नहीं होता, तब तक रेल प्रशासन नदी पर बराबर नजर बनाए हुए है. बताते चलें कि हल्द्वानी और काठगोदाम उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के आखिरी रेलवे स्टेशन हैं. यहां से अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों के लोग मैदानी इलाकों में जाने के लिए ट्रेन पकड़ते हैं.

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