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पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान हुई सबसे अधिक हिंसा : रिपोर्ट

चुनाव के दौरान हिंसा की खबर आम बात हो गई है. पश्चिम बंगाल चुनाव में चौथे चरण में कूच बिहार जिले में चार लोगों की मौत हो गई. आइए चुनावों में हुई हिंसा और मौतें पर एक नजर डालते हैं...

हिंसा
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Published : Apr 10, 2021, 9:06 PM IST

हैदराबाद : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में शनिवार को मतदान के दौरान सीआईएसएफ की कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो जाने के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया. राज्य में हिंसा में कुल पांच व्यक्तियों की मौत हुई है. पुलिस ने बताया कि कूच बिहार जिले में स्थानीय लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सीआईएसएफ जवानों ने गोलियां चलाईं, जिसमें चार लोग मारे गए, स्थानीय लोगों ने उनकी राइफलें छीनने की कोशिश की थी.

एक अन्य घटना में सीतलकूची के पठानतुली इलाके में मतदान केंद्र संख्या 85 पर भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद आनंद बर्मन नामक एक मतदाता की गोली मार कर हत्या कर दी गई.

लोक सभा और विधानसभा चुनावों में हुई हिंसा और मौतें

2019 लोक सभा चुनाव : पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट अनुसार 2019 लोक सभा चुनावों में 693 हिंसक घटनाएं और 11 मौतों हुई थीं.

2014 लोक सभा चुनाव : 2014 के लोक सभा चुनावों के दौरान हुई हिंसा में देशभर में 16 राजनीतिक कार्यकर्ता मारे गए थे. पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं. बंगाल की हिस्सेदारी 44 फीसदी (7 मौतें) थी.

पढ़ें :- कूचबिहार फायरिंग : ममता ने अमित शाह को ठहराया जिम्मेदार, मांगा इस्तीफा

हिंसा पर चुनाव आयोग की रिपोर्ट बताती है कि 2014 के आम चुनावों के दौरान हिंसा में 2,008 राजनीतिक कार्यकर्ता और 1,354 आम लोग घायल हुए थे. घायल हुए 2,008 राजनीतिक कार्यकर्ताओं में से 1,298 (यानी 64 फीसदी) पश्चिम बंगाल से थे.

पंचायत चुनाव के दौरान बंगाल में हुई हिंसा

  • राज्य में 2018 के पंचायत चुनावों में अलग-अलग राजनीतिक दलों के 29 लोगों की मौत हुई थी.
  • 2013 के पंचायत चुनावों के दौरान 39 मौतें हुई थीं.
  • 2003 के पंचायत चुनाव में कथित तौर पर 76 लोगों की मौत हुई थी.

हैदराबाद : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में शनिवार को मतदान के दौरान सीआईएसएफ की कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो जाने के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया. राज्य में हिंसा में कुल पांच व्यक्तियों की मौत हुई है. पुलिस ने बताया कि कूच बिहार जिले में स्थानीय लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सीआईएसएफ जवानों ने गोलियां चलाईं, जिसमें चार लोग मारे गए, स्थानीय लोगों ने उनकी राइफलें छीनने की कोशिश की थी.

एक अन्य घटना में सीतलकूची के पठानतुली इलाके में मतदान केंद्र संख्या 85 पर भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद आनंद बर्मन नामक एक मतदाता की गोली मार कर हत्या कर दी गई.

लोक सभा और विधानसभा चुनावों में हुई हिंसा और मौतें

2019 लोक सभा चुनाव : पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट अनुसार 2019 लोक सभा चुनावों में 693 हिंसक घटनाएं और 11 मौतों हुई थीं.

2014 लोक सभा चुनाव : 2014 के लोक सभा चुनावों के दौरान हुई हिंसा में देशभर में 16 राजनीतिक कार्यकर्ता मारे गए थे. पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं. बंगाल की हिस्सेदारी 44 फीसदी (7 मौतें) थी.

पढ़ें :- कूचबिहार फायरिंग : ममता ने अमित शाह को ठहराया जिम्मेदार, मांगा इस्तीफा

हिंसा पर चुनाव आयोग की रिपोर्ट बताती है कि 2014 के आम चुनावों के दौरान हिंसा में 2,008 राजनीतिक कार्यकर्ता और 1,354 आम लोग घायल हुए थे. घायल हुए 2,008 राजनीतिक कार्यकर्ताओं में से 1,298 (यानी 64 फीसदी) पश्चिम बंगाल से थे.

पंचायत चुनाव के दौरान बंगाल में हुई हिंसा

  • राज्य में 2018 के पंचायत चुनावों में अलग-अलग राजनीतिक दलों के 29 लोगों की मौत हुई थी.
  • 2013 के पंचायत चुनावों के दौरान 39 मौतें हुई थीं.
  • 2003 के पंचायत चुनाव में कथित तौर पर 76 लोगों की मौत हुई थी.
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