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गोवा में कांग्रेस की किलेबंदी, प्रत्याशी 'सीक्रेट लोकेशन' पर शिफ्ट, केंद्रीय नेतृत्व ने संभाली कमान

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों की घोषणा (assembly election result 2022) से पहले किलेबंदी की कवायद शुरू हो चुकी है. गोवा में कांग्रेस प्रत्याशियों को अज्ञात स्थान पर ले जाने की खबर (goa congress candidates shifted to secret location) है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसी स्थिति से बचने के लिए कमर कस चुका है. चिदंबरम और दिनेश गुंडुराव जैसे नेता गोवा पहुंच चुके हैं. पढ़िए रिपोर्ट

goa leader of opposition Digambar Kamat
कांग्रेस नेता दिगंबर कामत
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Published : Mar 9, 2022, 12:55 PM IST

Updated : Mar 9, 2022, 1:18 PM IST

पणजी : गोवा विधानसभा चुनाव 2022 (elections 2022 goa) के नतीजे गुरुवार को घोषित किए जाएंगे. 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में विधायकों के दल-बदलने की आशंका के बीच कांग्रेस मुस्तैद है. कांग्रेस ने सभी उम्मीदवारों को अज्ञात स्थान पर पहुंचा दिया (goa congress candidates shifted to secret location) है. कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी गोवा पहुंच चुका है.

गोवा में हॉर्स ट्रेडिंग से बचने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों को एक निजी रिसॉर्ट में रखा है ताकि नतीजे आने के बाद विधायकों के बीच फूट से बचा जा सके. गोवा में इतिहास की हॉर्स ट्रेडिंग (2017 goa horse trading) से सबक लेते हुए कांग्रेस ने एहतियाती कदम उठाए हैं. चुनाव परिणाम घोषित होने तक सभी प्रत्याशी अज्ञात स्थान पर ही रहेंगे.

गोवा चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद कांग्रेस के विजयी उम्मीदवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा. केंद्रीय नेतृत्व ने दावा किया है कि गोवा में कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों को जीत मिलेगी और बहुमत की सरकार का गठन किया जाएगा. गोवा पहुंचने वाले शीर्ष कांग्रेस नेताओं में पी चिदंबरम और दिनेश गुंडुराव शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिगंबर कामत फिलहाल सबसे आगे चल रहे हैं. कामत गोवा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (goa leader of opposition Digambar Kamat) हैं.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिगंबर कामत का बयान

पिछली बार की घटना से सबक
बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजों की घोषणा के बाद कांग्रेस सरकार बनाने में नाकाम रही थी. हालांकि, सबसे ज्यादा 17 विधायक कांग्रेस के ही चुने गए थे, लेकिन सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. इसी बीच कांग्रेस की कमजोरी का फायदा उठाकर बीजेपी ने स्थानीय पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के सहयोग से बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया. इसके बाद गोवा में भाजपा सरकार बनी. जुलाई, 2019 में कांग्रेस के 10 विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी.

गोवा में भाजपा विधायकों का असंतोष !
यह भी दिलचस्प है कि सत्ताधारी भाजपा ने 40 में से 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. भाजपा के चार विधायकों - माइकल लोबो, अलीना सल्दान्हा, कार्लोस अल्मेडा और प्रवीण जांटे - के पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद वर्तमान में भाजपा गोवा में 23 विधायकों के साथ शासन कर रही है.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस नेता डी के. शिवकुमार करेंगे गोवा में कैंप, बीजेपी MGP से समर्थन लेने को तैयार

गोवा में मतदान
विगत 14 फरवरी को गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर 80 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था. 2017 में 83 प्रतिशत मतदान हुआ था. चुनाव अधिकारी के मुताबिक गोवा विधानसभा के लिए 78.94 प्रतिशत मतदान हुआ, डाक मत यानी पोस्टल बैलेट को मिलाने पर कुल मतदान 80 प्रतिशत पाया गया. सबसे अधिक मतदान मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के निर्वाचन क्षेत्र में हुआ, जबकि सबसे कम 70.02 प्रतिशत बनावली निर्वाचन क्षेत्र में हुआ.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस उम्मीदवारों पर प्रमोद सावंत का तंज, बार-बार साबित करनी होगी वफादारी

गोवा विधानसभा चुनाव 2022 (Goa Assembly Election 2022)
गौरतलब है कि 2017 में 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में कांग्रेस 17 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट नहीं रख पाई. नतीजतन गोवा में बीजेपी की सरकार बन गई. बीजेपी ने साल 2017 में मात्र 13 सीटें जीती थीं. गोवा में 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए कुछ निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर लिया था. पर्रिकर का 2019 में निधन हो गया. पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा ने प्रमोद सावंत को मुख्यमंत्री बनाया. सावंत उत्तरी गोवा के संखालिम से विधायक हैं.

यह भी पढ़ें- 'टिकट के लिए सिर्फ पर्रिकर का पुत्र होना ही पर्याप्त नहीं', फडणवीस के इस बयान पर भड़के उत्पल पर्रिकर

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा विधायकों के बीच सीएम कैंडिडेट को लेकर खटपट जैसी खबरें भी सामने आई थीं. पर्रिकर के निधन के बाद भी गोवा में सत्ता भाजपा के पास ही बरकरार रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अहम भूमिका रही थी. गोवा की राजनीतिक अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आम तौर पर दिन के उजाले में होने वाला शपथ ग्रहण आधी रात को कराना पड़ा. गोवा में एक असामान्य घटनाक्रम में प्रमोद सांवत ने रात एक बजकर 50 मिनट पर गोवा के राजभवन में शपथ ली थी. राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने सावंत को शपथ दिलाई थी.

पणजी : गोवा विधानसभा चुनाव 2022 (elections 2022 goa) के नतीजे गुरुवार को घोषित किए जाएंगे. 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में विधायकों के दल-बदलने की आशंका के बीच कांग्रेस मुस्तैद है. कांग्रेस ने सभी उम्मीदवारों को अज्ञात स्थान पर पहुंचा दिया (goa congress candidates shifted to secret location) है. कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी गोवा पहुंच चुका है.

गोवा में हॉर्स ट्रेडिंग से बचने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों को एक निजी रिसॉर्ट में रखा है ताकि नतीजे आने के बाद विधायकों के बीच फूट से बचा जा सके. गोवा में इतिहास की हॉर्स ट्रेडिंग (2017 goa horse trading) से सबक लेते हुए कांग्रेस ने एहतियाती कदम उठाए हैं. चुनाव परिणाम घोषित होने तक सभी प्रत्याशी अज्ञात स्थान पर ही रहेंगे.

गोवा चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद कांग्रेस के विजयी उम्मीदवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा. केंद्रीय नेतृत्व ने दावा किया है कि गोवा में कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों को जीत मिलेगी और बहुमत की सरकार का गठन किया जाएगा. गोवा पहुंचने वाले शीर्ष कांग्रेस नेताओं में पी चिदंबरम और दिनेश गुंडुराव शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिगंबर कामत फिलहाल सबसे आगे चल रहे हैं. कामत गोवा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (goa leader of opposition Digambar Kamat) हैं.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिगंबर कामत का बयान

पिछली बार की घटना से सबक
बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजों की घोषणा के बाद कांग्रेस सरकार बनाने में नाकाम रही थी. हालांकि, सबसे ज्यादा 17 विधायक कांग्रेस के ही चुने गए थे, लेकिन सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. इसी बीच कांग्रेस की कमजोरी का फायदा उठाकर बीजेपी ने स्थानीय पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के सहयोग से बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया. इसके बाद गोवा में भाजपा सरकार बनी. जुलाई, 2019 में कांग्रेस के 10 विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी.

गोवा में भाजपा विधायकों का असंतोष !
यह भी दिलचस्प है कि सत्ताधारी भाजपा ने 40 में से 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. भाजपा के चार विधायकों - माइकल लोबो, अलीना सल्दान्हा, कार्लोस अल्मेडा और प्रवीण जांटे - के पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद वर्तमान में भाजपा गोवा में 23 विधायकों के साथ शासन कर रही है.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस नेता डी के. शिवकुमार करेंगे गोवा में कैंप, बीजेपी MGP से समर्थन लेने को तैयार

गोवा में मतदान
विगत 14 फरवरी को गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर 80 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था. 2017 में 83 प्रतिशत मतदान हुआ था. चुनाव अधिकारी के मुताबिक गोवा विधानसभा के लिए 78.94 प्रतिशत मतदान हुआ, डाक मत यानी पोस्टल बैलेट को मिलाने पर कुल मतदान 80 प्रतिशत पाया गया. सबसे अधिक मतदान मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के निर्वाचन क्षेत्र में हुआ, जबकि सबसे कम 70.02 प्रतिशत बनावली निर्वाचन क्षेत्र में हुआ.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस उम्मीदवारों पर प्रमोद सावंत का तंज, बार-बार साबित करनी होगी वफादारी

गोवा विधानसभा चुनाव 2022 (Goa Assembly Election 2022)
गौरतलब है कि 2017 में 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में कांग्रेस 17 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट नहीं रख पाई. नतीजतन गोवा में बीजेपी की सरकार बन गई. बीजेपी ने साल 2017 में मात्र 13 सीटें जीती थीं. गोवा में 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए कुछ निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर लिया था. पर्रिकर का 2019 में निधन हो गया. पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा ने प्रमोद सावंत को मुख्यमंत्री बनाया. सावंत उत्तरी गोवा के संखालिम से विधायक हैं.

यह भी पढ़ें- 'टिकट के लिए सिर्फ पर्रिकर का पुत्र होना ही पर्याप्त नहीं', फडणवीस के इस बयान पर भड़के उत्पल पर्रिकर

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा विधायकों के बीच सीएम कैंडिडेट को लेकर खटपट जैसी खबरें भी सामने आई थीं. पर्रिकर के निधन के बाद भी गोवा में सत्ता भाजपा के पास ही बरकरार रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अहम भूमिका रही थी. गोवा की राजनीतिक अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आम तौर पर दिन के उजाले में होने वाला शपथ ग्रहण आधी रात को कराना पड़ा. गोवा में एक असामान्य घटनाक्रम में प्रमोद सांवत ने रात एक बजकर 50 मिनट पर गोवा के राजभवन में शपथ ली थी. राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने सावंत को शपथ दिलाई थी.

Last Updated : Mar 9, 2022, 1:18 PM IST
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