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निर्वाचन आयोग को भंग किया जाए, इसके सदस्यों की जांच हो: आनंद शर्मा - इसके सदस्यों की जांच हो

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि वर्तमान निर्वाचन आयोग को भंग करने के साथ इसके सदस्यों की जांच होनी चाहिए. उन्होंने निर्वाचन आयोग पर मतदाताओं के विश्वास के साथ धोखा देने का भी आरोप लगाया.

आनंद शर्मा
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Published : May 3, 2021, 7:35 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोमवार को कहा कि वर्तमान निर्वाचन आयोग को भंग किया जाए और इसके सदस्यों के कदमों की जांच होनी चाहिए क्योंकि इसने मतदाताओं के विश्वास के साथ कथित तौर पर धोखा किया है.

उन्होंने यह मांग भी की है कि उच्चतम न्यायालय की एक संविधान पीठ को मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों के लिए पात्रता के बारे में फैसला करना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब एक दिन पहले ही चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए हैं.

शर्मा ने एक बयान में कहा, वर्तमान निर्वाचन आयोग को भंग किया जाना चाहिए और इसके सदस्यों के कदमों की जांच होनी चाहिए. निर्वाचन आयोग ने खुद को कलंकित किया है और मतदाताओं के विश्वास के साथ धोखा किया है.

पढ़ें - जबरन शादी समारोह रूकवाने वाले जिलाधिकारी को पद से मुक्त किया गया

उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए संख्या तथा पात्रता पर निर्णय करने तथा आयोग के निष्पक्ष एवं स्वतंत्र ढंग से काम करने के लिए दिशानिर्देश तय करने को लेकर सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ को फैसला करना चाहिए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने अनुच्छेद 324 के तहत मिले अधिकार का हनन किया है. उन्होंने दावा किया, 'पश्चिम बंगाल में उसके कदमों में सरेआम पक्षपात दिखना स्तब्धकारी और निंदनीय है. कई बार वह भाजपा के सहयोगी की तरह नजर आया.'

शर्मा ने कहा कि बिना किसी पाबंदी के बड़ी जनसभाओं करने की अनुमति देकर आयोग कोविड संबंधी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का दोषी है तथा इसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोमवार को कहा कि वर्तमान निर्वाचन आयोग को भंग किया जाए और इसके सदस्यों के कदमों की जांच होनी चाहिए क्योंकि इसने मतदाताओं के विश्वास के साथ कथित तौर पर धोखा किया है.

उन्होंने यह मांग भी की है कि उच्चतम न्यायालय की एक संविधान पीठ को मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों के लिए पात्रता के बारे में फैसला करना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब एक दिन पहले ही चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए हैं.

शर्मा ने एक बयान में कहा, वर्तमान निर्वाचन आयोग को भंग किया जाना चाहिए और इसके सदस्यों के कदमों की जांच होनी चाहिए. निर्वाचन आयोग ने खुद को कलंकित किया है और मतदाताओं के विश्वास के साथ धोखा किया है.

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उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए संख्या तथा पात्रता पर निर्णय करने तथा आयोग के निष्पक्ष एवं स्वतंत्र ढंग से काम करने के लिए दिशानिर्देश तय करने को लेकर सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ को फैसला करना चाहिए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने अनुच्छेद 324 के तहत मिले अधिकार का हनन किया है. उन्होंने दावा किया, 'पश्चिम बंगाल में उसके कदमों में सरेआम पक्षपात दिखना स्तब्धकारी और निंदनीय है. कई बार वह भाजपा के सहयोगी की तरह नजर आया.'

शर्मा ने कहा कि बिना किसी पाबंदी के बड़ी जनसभाओं करने की अनुमति देकर आयोग कोविड संबंधी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का दोषी है तथा इसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

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