नई दिल्ली : एक नवीनतम सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि भारत में 10 में से आठ परिवार सामाजिक दूरी का अनुपालन कर और मास्क लगाकर संक्रमण से बचने में सफल रहे. यह सर्वेक्षण लोकल सर्कल ने भारत के 345 जिलों के करीब 29 हजार प्रतिभागियों से मिले जवाब के आधार पर किया. लोकल सर्कल ने दावा किया है कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि 57 प्रतिशत भारतीय परिवारों में से कम से कम एक या दो लोग गत दो साल में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए.
यह सर्वेक्षण यह समझने के लिए किया था कि किस उपाय ने इतनी बड़ी आबादी में जागरूकता पैदा करने का काम किया और मास्क लगाने, सामाजिक दूरी रखने और घरों में हवा का प्रवाह सुनिश्चित करने के उपायों ने गत दो साल में कोविड-19 महामारी के दौरान क्या भूमिका निभाई. यह सर्वेक्षण ऐसे समय किया गया है जब कई राज्यों ने कोविड-19 संबंधी पाबंदियों को हटा लिया है.
सर्वेक्षण के मुताबिक, '10,200 प्रतिभागियों में से कुल 57 प्रतिशत ने कहा कि महामारी की पहली, दूसरी और तीसरी लहर के दौरान या गत दो साल में उनके परिवार का एक या इससे अधिक सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ.' सर्वेक्षण के मुताबिक, '10 में से आठ परिवारों ने कहा कि गत दो साल में उनके कुटुम्ब का कोई सदस्य संक्रमित नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने सामाजिक संपर्क कम से कम रखा और मास्क और सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन किया.'
अगर गत दो साल में संक्रमित नहीं होने वाले नागरिकों का विश्लेषण किया जाए तो 80 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने जब कोविड महामारी की लहर आई तो सामाजिक संपर्क न्यूनतम रखा, मास्क लगाया और सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन किया. लोकल सर्कल के सर्वेक्षण में शामिल 53 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने इस अवधि में सक्रिय और स्वस्थ दिनचर्या का अनुपालन किया.
ये भी पढ़ें - Covid-19: देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 11,058 हुई
सर्वेक्षण में 33 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने 'केवल घर से बाहर लोगों से मुलाकात की या सुनिश्चित किया कि घर में हवा की आवाजाही (वेंटिलेशन) सुनिश्चित हो.' गत दो साल में परिवार के एक या अधिक सदस्यों के संक्रमित होने वाले परिवारों में 74 प्रतिशत ने कहा कि वे सामाजिक संपर्क न्यूनतम कर, मास्क लगा और सामाजिक दूरी का अनुपालन कर इस स्थिति से बच सकते थे.
सर्वेक्षण में सामने आया कि अब भी कोविड से बचने का सबसे प्रभावी तरीका मास्क, सामाजिक दूरी और घरों का हवादार होना है. लोकल सर्कल के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल प्रतिभागियों में 61 प्रतिशत पुरुष और 39 प्रतिशत महिलाएं थीं. सर्वेक्षण कर्ता ने बताया कि अध्ययन में शामिल 45 प्रतिभागी प्रथम श्रेणी शहरों के, 31 प्रतिशत प्रतिभागी द्वितीय श्रेणी शहरों के और 24 प्रतिशत प्रतिभागी तृतीय, चतुर्थ श्रेणी और ग्रामीण जिलों के निवासी हैं. सर्वेक्षण लोकल सर्कल मंच के जरिये किया गया और इसके प्रतिभागियों को पंजीकरण के जरिए सत्यापित किया गया.
(पीटीआई-भाषा)