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Jharkhand: रांची में 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से निकले 8 भ्रूण, दुनिया का पहला मामला!

रांची में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से 8 भ्रूण निकले हैं (Eight fetus from stomach of Newborn). बच्ची को पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो फिटस इन फेटु के कारण भ्रूण बन जाते हैं. दुनिया में ऐसे बहुत कम मामले हैं, जहां एक भ्रूण मिला है लेकिन नवजात के पेट से एक साथ 8 भ्रूण का मिलना दुनिया का पहला केस माना जा रहा है.

Eight fetus from stomach of Newborn
Eight fetus from stomach of Newborn
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Published : Nov 2, 2022, 10:34 PM IST

रांची: रांची के एक निजी अस्पताल में 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से 8 भ्रूण निकाले गए (Eight fetus from stomach of Newborn). नवजात बच्ची का जन्म 10 अक्टूबर 2022 को रामगढ़ में हुआ और पेट में दर्द की शिकायत पर रांची के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत उसका ऑपरेशन बीते 1 नवंबर को किया गया. इस दौरान बच्ची के आहारनली ट्यूमर से जुड़े आठ भ्रूण निकाले गए.

ये भी पढ़ें: मां मेरा क्या कसूर था जो छोड़ गई मुझे.. जाने क्या है मामला


पहले लगा ट्यूमर है: नवजात बच्ची की तबीयत खराब होने पर जब उसे रामगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया तो नवजात का सीटी स्कैन किया गया. सिटी स्कैन की रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों को लगा कि उसके पेट में ट्यूमर है. जिसके बाद इलाज के लिए नवजात को रांची लाया गया, जहां नवजात के पेट से 8 भ्रूण निकलने के बाद सब हैरान हैं.

देखें वीडियो

दुनिया का पहला मामला!: प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार ने कहा कि सीटी स्कैन के दौरान पता चला कि बच्ची के पेट में ट्यूमर है, लेकिन जब ऑपरेशन हुआ तो उसके पेट के अंदर से आठ अविकसित भ्रूण निकाले गए. उन्होंने कहा कि संभवतः ये दुनिया का पहला मामला होगा जब एक साथ आठ अविकसित भ्रूण निकाले गए हैं. उन्होंने कहा कि फिटस इन फेटु (Fetus in Fetu) के दुनिया भर में 100 से भी कम केस मिले हैं, वो भी पेट से एक भ्रूण निकाला गया है, लेकिन 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से आठ भ्रूण निकालना अचंभित करता है.

आठ भ्रूण को निकालना हमारे लिए भी आश्चर्यजनक-डॉ इमरान: पीडियाट्रिक सर्जन डॉ मोहम्मद इमरान ने कहा कि ट्यूमर की शिकायत लेकर बच्ची के परिजन अस्पताल आए थे. बच्ची को अपने निगरानी में रखकर 21 दिन बाद ऑपरेशन किया गया. उन्होंने कहा कि एक-एक कर आठ भ्रूण निकालना अचंभित करने वाला है, यह आश्चर्यजनक है. डॉ इमरान ने कहा कि आगे हमलोग इस पर रिसर्च करेंगे ताकि दुनिया भी जान सके कि झारखंड में एक ऐसा मामला भी सामने आया है.

ऑपरेशन में लगा डेढ़ घंटे का समय: इस ऑपरेशन में डेढ़ घंटे का वक्त लगा है, पीडिया सर्जन डॉ मोहम्मद इमरान के नेतृत्व में ऑपरेशन किया गया. डॉक्टरों की टीम में एनेस्थेटिस्ट डॉ विकास गुप्ता, डीएनबी स्टूडेंट डॉ उदय के अलावा नर्सों ने भी नवजात बच्ची की जान बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

रांची: रांची के एक निजी अस्पताल में 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से 8 भ्रूण निकाले गए (Eight fetus from stomach of Newborn). नवजात बच्ची का जन्म 10 अक्टूबर 2022 को रामगढ़ में हुआ और पेट में दर्द की शिकायत पर रांची के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत उसका ऑपरेशन बीते 1 नवंबर को किया गया. इस दौरान बच्ची के आहारनली ट्यूमर से जुड़े आठ भ्रूण निकाले गए.

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पहले लगा ट्यूमर है: नवजात बच्ची की तबीयत खराब होने पर जब उसे रामगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया तो नवजात का सीटी स्कैन किया गया. सिटी स्कैन की रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों को लगा कि उसके पेट में ट्यूमर है. जिसके बाद इलाज के लिए नवजात को रांची लाया गया, जहां नवजात के पेट से 8 भ्रूण निकलने के बाद सब हैरान हैं.

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दुनिया का पहला मामला!: प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार ने कहा कि सीटी स्कैन के दौरान पता चला कि बच्ची के पेट में ट्यूमर है, लेकिन जब ऑपरेशन हुआ तो उसके पेट के अंदर से आठ अविकसित भ्रूण निकाले गए. उन्होंने कहा कि संभवतः ये दुनिया का पहला मामला होगा जब एक साथ आठ अविकसित भ्रूण निकाले गए हैं. उन्होंने कहा कि फिटस इन फेटु (Fetus in Fetu) के दुनिया भर में 100 से भी कम केस मिले हैं, वो भी पेट से एक भ्रूण निकाला गया है, लेकिन 21 दिन की नवजात बच्ची के पेट से आठ भ्रूण निकालना अचंभित करता है.

आठ भ्रूण को निकालना हमारे लिए भी आश्चर्यजनक-डॉ इमरान: पीडियाट्रिक सर्जन डॉ मोहम्मद इमरान ने कहा कि ट्यूमर की शिकायत लेकर बच्ची के परिजन अस्पताल आए थे. बच्ची को अपने निगरानी में रखकर 21 दिन बाद ऑपरेशन किया गया. उन्होंने कहा कि एक-एक कर आठ भ्रूण निकालना अचंभित करने वाला है, यह आश्चर्यजनक है. डॉ इमरान ने कहा कि आगे हमलोग इस पर रिसर्च करेंगे ताकि दुनिया भी जान सके कि झारखंड में एक ऐसा मामला भी सामने आया है.

ऑपरेशन में लगा डेढ़ घंटे का समय: इस ऑपरेशन में डेढ़ घंटे का वक्त लगा है, पीडिया सर्जन डॉ मोहम्मद इमरान के नेतृत्व में ऑपरेशन किया गया. डॉक्टरों की टीम में एनेस्थेटिस्ट डॉ विकास गुप्ता, डीएनबी स्टूडेंट डॉ उदय के अलावा नर्सों ने भी नवजात बच्ची की जान बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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