नई दिल्ली : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) से जुड़े एक सवाल पर संसद में आज सरकार ने अहम जानकारी दी. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) ने कहा है कि नई शिक्षा नीति में सरकार ने प्रावधान किया है कि स्थानीय भाषा में सीखना और सिखाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है.
दरअसल, संसद के मानसून सत्र में पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होने के बाद लोक सभा में प्रश्नकाल शुरू हुआ. झारखंड की जमशेदपुर सीट से बीजेपी सांसद विद्युत वरण महतो ने पहला प्रश्न शिक्षा अनुसंधान और कौशल विकास पर वेबिनार को लेकर किया. महतो के सवाल पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब दिया. महतो के पूरक प्रश्न पर शिक्षा मंत्री प्रधान ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर सरकार का रूख स्पष्ट किया.
महतो के एक अन्य सवाल पर शिक्षा मंत्री ने रिसर्च को लेकर सरकार की ओर से किए जाने वाले आवंटन की जानकारी दी. उन्होंने यूरोपीय देशों में अनुसंधान पर होने वाले खर्च का भी हवाला देते हुए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन को लेकर सवाल किया. इस पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की घोषणा की गई है. सरकार इसके गठन को कटिबद्ध है.
प्रधान ने कहा कि पीएम मोदी ने गत वर्ष 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में भी नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का जिक्र किया था. उन्होंने बताया कि सरकार नेशनल रिसर्च फाउंडेशन को लेकर प्रिसिंपल साइंटिफिक एडवाइजर और अन्य संबंधित विभागों के साथ गहन विचार विमर्श किया जा रहा है.
बकौल प्रधान, केंद्र सरकार बजट और अन्य विभागों के रिसर्च संबंधी फंड को मिलाकर आने वाले पांच साल में 50 हजार रुपये रिसर्च के लिए देगी. उन्होंने कहा कि देश की मौलिक जरूरतों को पूरा करने वाले इनोवेशन, सामान्य लोगों के जीवन में सुविधा और छात्रों को नई खोज के लिए सहयोग देने की दिशा में सरकार कई उपक्रम कर रही है.
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झारखंड से निर्वाचित भाजपा सांसद संजय सेठ ने कोरोना महामारी और छात्रों के प्रवेश से जुड़ा प्रश्न पूछा. उन्होंने देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में सीटों में वृद्धि को लेकर भी सवाल किया. इस पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब दिया कि केंद्र सरकार सीटों की संख्या बढ़ाने की जरूरत की समीक्षा कर रही है.