हैदराबाद : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच से पता चला है कि हाल ही में पूर्व सांसद और चेन्नुरु कांग्रेस उम्मीदवार जी विवेक से संबंधित विशाखा इंडस्ट्रीज के माध्यम से 100 करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण किया गया था. फेमा ने शुरू में धन के हस्तांतरण में उल्लंघन पाया. मालूम हो कि ईडी ने जांच की शुरुआत पुलिस द्वारा दी गई जानकारी से की थी कि विवेक के बैंक खाते से विजिलेंस सिक्योरिटीज में 8 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे.
इसी क्रम में ईडी की टीमों ने मंगलवार को विवेक के हैदराबाद, रामागुंडम और मंचेरियल स्थित घरों और कार्यालयों की तलाशी ली. उन इलाकों में मिले सबूतों के आधार पर विशाखा इंडस्ट्रीज द्वारा विवेक और उनकी पत्नी के लेनदेन की जांच की गई. विजिलेंस सिक्योरिटी ने पाया कि उसने अपनी बैलेंस शीट में खुलासा किया था कि उसे अपनी व्यावसायिक गतिविधियों से लगभग 20 लाख रुपये की आय प्राप्त हुई थी. पता चला है कि कंपनी में 200 करोड़ रुपये का वित्तीय लेनदेन किया गया है. हालाँकि, एक जांच से पता चला कि विजिलेंस सिक्योरिटीज का विशाखा इंडस्ट्रीज के साथ कोई वास्तविक व्यापारिक लेनदेन नहीं था. विजिलेंस सिक्योरिटी के भी विवेक के नियंत्रण में होने की बात सामने आई है.
यशवन्त रियल्टर्स मामला: ईडी की जांच में पता चला कि यशवंत रियल्टर्स विजिलेंस सिक्योरिटीज की मूल कंपनी है. यह पाया गया है कि इन रियलटर्स के अधिकांश शेयर एक विदेशी के नाम पर हैं. फेमा ने शुरू में विजिलेंस सिक्योरिटीज के एक विदेशी इकाई के साथ विलय में उल्लंघन पाया. यह पता चला कि समूह की कंपनियों की संपत्ति सौदों में बेहिसाब नकदी का इस्तेमाल किया गया था. 'सतर्कता' एजेंसी ने उल्लिखित पते पर इसकी गैर-मौजूदगी पाई.
एचसीए (HCA) की जांच में 'विशाखा' लिंक: हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) घोटाले में ईडी की जांच में अप्रत्याशित रूप से विवेक की संस्था के लिंक सामने आए हैं. विशाखा इंडस्ट्रीज समूह की कंपनियों के रियल एस्टेट कारोबार लेनदेन के दस्तावेज ईडी ने जब्त कर लिए हैं. तेलंगाना एसीबी ने पहले हैदराबाद के उप्पल में राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण अनुबंध में 20 करोड़ रुपये की अनियमितता के मामले दर्ज किए थे.
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उन मामलों के आधार पर ईडी ने मंगलवार को एचसीए के पूर्व अध्यक्ष बेल्लमपल्ली कांग्रेस उम्मीदवार जी विनोद, पूर्व एचसीए उपाध्यक्ष शिवलाल यादव, पूर्व सचिव अरशद अयूब, एसएस कंसल्टेंट्स के कार्यालय, उस कंपनी के एमडी सत्यनारायण के आवास पर तलाशी ली. यहां से डिजिटल उपकरण, विभिन्न दस्तावेज बरामद किए गए. साथ ही 10.39 लाख रुपये नकद जब्त किए गए. ईडी ने निष्कर्ष निकाला कि विनोद के एक घर का इस्तेमाल उनके भाई विवेक द्वारा अपनी विशाखा इंडस्ट्रीज गतिविधियों के लिए किया जा रहा था.