रायपुर : छत्तीसगढ़ के तथाकथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आरोपी आबकारी विभाग के विशेष सचिव एपी त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक सिंह उर्फ पप्पू ढिल्लन कोर्ट में पेश हुए, जहां से कोर्ट ने दोनों को ईडी रिमांड पर भेज दिया है. कारोबारी त्रिलोक सिंह उर्फ पप्पू ढिल्लन को दो दिन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव एपी त्रिपाठी को तीन दिन की ईडी रिमांड पर भेजा गया है. विशेष न्यायाधीश अजय प्रताप सिंह राजपूत की कोर्ट में दोनों की पेशी हुई थी.
कितने लोगों की हुई गिरफ्तारी : इस मामले में अब तक अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और दो अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया है. ईडी ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की हर बोतल के लिए अवैध रूप से धन जुटाया गया था. इसमें अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले शराब सिंडिकेट का खुलासा हुआ. इसमें अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और 2000 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग के सबूतों का पता चला है.
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ईडी ने कुर्क की संपत्ति : ईडी के मुताबिक प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कुर्क की गई संपत्तियों में अनवर ढेबर की 98.78 करोड़ रुपए की संपत्ति शामिल है. उसके अलावा 69 संपत्तियां, 8.83 करोड़ रुपए की अनिल टुटेजा की 14 संपत्तियां हैं. इसमें भारतीय दूरसंचार सेवा, आईटीएस के अधिकारी एपी त्रिपाठी की एक संपत्ति भी शामिल है. इसकी कीमत 1.35 करोड़ रुपए है. अनिल टुटेजा 2003 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में राज्य के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में तैनात हैं.
अनवर ढेबर की फर्म ढेबर बिल्डकॉन के तहत चलाए जा रहे होटल वेनिंग्टन कोर्ट को भी कुर्क कर लिया गया है. सोमवार को ईडी ने आईएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह और विकास अग्रवाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. ईडी ने कुल 121.87 करोड़ की संम्पतियों को कुर्क किया है. इसके अलावा और भी संपत्तियां अटैच की गई थीं. कुल मिलाकर 180 करोड़ की संपत्ति को अटैच करने का दावा ईडी ने किया है.