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धनशोधन मामले में पश्चिम बंगाल और झारखंड में ईडी की छापेमारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मी की जमीन हथियाने के मामले में यह छापेमारी चल रही है. ईडी के संयुक्त दलों द्वारा कुछ रियल एस्टेट डीलर, निजी व्यक्तियों और संबंधित संस्थाओं पर छापेमारी की जा रही है.

झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर ईडी की छापेमारी
झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर ईडी की छापेमारी
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Published : Nov 4, 2022, 9:00 AM IST

Updated : Nov 4, 2022, 11:51 AM IST

रांची/कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को भारतीय सेना की भूमि की बिक्री के लिए जाली कागजातों के कथित इस्तेमाल में धनशोधन मामले की जांच के तहत झारखंड और पश्चिम बंगाल में एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय एजेंसी गिरफ्तार कारोबारी अमित अग्रवाल से जुड़े परिसरों समेत रांची और आसपास के इलाकों में करीब आठ जगहों और कोलकाता में चार जगहों पर छापेमारी कर रही है.

उन्होंने कहा कि ईडी के संयुक्त दलों द्वारा कुछ रियल एस्टेट डीलर, निजी व्यक्तियों और संबंधित संस्थाओं पर छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जांच झारखंड पुलिस द्वारा भारतीय सेना की भूमि की बिक्री और खरीद में जाली कागजातों के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए दायर प्राथमिकी से उपजी है. अग्रवाल को ईडी ने पिछले महीने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर दो जनहित याचिकाओं में एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील राजीव कुमार को 'फंसाने' की कथित साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था.

क्या है मामलाः रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री का ईडी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. ईडी के द्वारा गिरफ्तार अमित अग्रवाल से मिले इनपुट के आधार पर ईडी की टीम झारखंड और पश्चिम बंगाल में अमित अग्रवाल और विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. जमीन की खरीद बिक्री को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल पर ईडी मामले की पूर्व से जांच कर रही थी. जिसमें पर्याप्त कागजात हाथ लगने के बाद शुक्रवार की सुबह 3 बजे से ही ईडी की टीम छापेमारी पर निकल (army land case ED raid) पड़ी.

पढ़ें: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को लेकर याचिका, 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

झारखंड-पश्चिम बंगाल में रेड जारीः मिली जानकारी के अनुसार सेना के जमीन के मामले में रांची में स्थित एक आईएएस अधिकारी, दो सब रजिस्ट्रार और दो सीओ के यहां भी रेड चल रही है. रांची के बरियातू, पुनदाग, जवाहर नगर और कांके रोड में ईडी की टीम रेड कर रही है. वहीं अमित और विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर भी रांची में रेड चल रही है. अमित और विष्णु अग्रवाल के पश्चिम बंगाल के कई ठिकानों पर भी ईडी रेड कर रही है.

अमित अग्रवाल हैं किंगपिनः कोलकाता के चर्चित कारोबारी अमित अग्रवाल को रिमांड पर लेकर ईडी ने पूछताछ की थी. इसी दौरान यह जानकारी मिली थी कि अमित अग्रवाल ने बड़े नेताओं-नौकरशाहों के काले धन को सफेद बनाने के लिए जमीन की खरीद-बिक्री में भी निवेश किया है. यही वजह है कि ईडी ने अब रांची के कई अन्य बड़े जमीन की खरीद-बिक्री मामले को मनी लॉन्ड्रिंग के नजरिये से अनुसंधान के अधीन रखा और जानकारी पुख्ता होते ही छापेमारी शुरू कर दी.

रांची में भारी पैमाने पर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में भी अमित अग्रवाल की भूमिका की जानकारी ईडी को मिली थी. अमित अग्रवाल फिलहाल अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार करवाने के मामले में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया और फिलहाल वो जेल में हैं. ईडी अमित अग्रवाल के निवेश और उसके पास आने वाले रुपयों के स्रोत की जानकारी जुटा चुकी है. ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि संथाल के क्षेत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन में मिले काले धन को अमित अग्रवाल ने जमीन की खरीद-बिक्री में खपाया है.

फर्जी दस्तावेज पर जमीन की खरीद-बिक्री का हुआ था खुलासाः सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा का खुलासा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हुई थी. उस रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को आर्मी की जमीन बेच दी थी. जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले. जिसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने कराई थी प्राथमिकी दर्जः रांची नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर प्रदीप बागची के विरुद्ध जालसाजी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था. आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाले जमीन का असली रैयत जयंत करनाड था.

रांची/कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को भारतीय सेना की भूमि की बिक्री के लिए जाली कागजातों के कथित इस्तेमाल में धनशोधन मामले की जांच के तहत झारखंड और पश्चिम बंगाल में एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय एजेंसी गिरफ्तार कारोबारी अमित अग्रवाल से जुड़े परिसरों समेत रांची और आसपास के इलाकों में करीब आठ जगहों और कोलकाता में चार जगहों पर छापेमारी कर रही है.

उन्होंने कहा कि ईडी के संयुक्त दलों द्वारा कुछ रियल एस्टेट डीलर, निजी व्यक्तियों और संबंधित संस्थाओं पर छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जांच झारखंड पुलिस द्वारा भारतीय सेना की भूमि की बिक्री और खरीद में जाली कागजातों के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए दायर प्राथमिकी से उपजी है. अग्रवाल को ईडी ने पिछले महीने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर दो जनहित याचिकाओं में एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील राजीव कुमार को 'फंसाने' की कथित साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था.

क्या है मामलाः रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री का ईडी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. ईडी के द्वारा गिरफ्तार अमित अग्रवाल से मिले इनपुट के आधार पर ईडी की टीम झारखंड और पश्चिम बंगाल में अमित अग्रवाल और विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. जमीन की खरीद बिक्री को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल पर ईडी मामले की पूर्व से जांच कर रही थी. जिसमें पर्याप्त कागजात हाथ लगने के बाद शुक्रवार की सुबह 3 बजे से ही ईडी की टीम छापेमारी पर निकल (army land case ED raid) पड़ी.

पढ़ें: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को लेकर याचिका, 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

झारखंड-पश्चिम बंगाल में रेड जारीः मिली जानकारी के अनुसार सेना के जमीन के मामले में रांची में स्थित एक आईएएस अधिकारी, दो सब रजिस्ट्रार और दो सीओ के यहां भी रेड चल रही है. रांची के बरियातू, पुनदाग, जवाहर नगर और कांके रोड में ईडी की टीम रेड कर रही है. वहीं अमित और विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर भी रांची में रेड चल रही है. अमित और विष्णु अग्रवाल के पश्चिम बंगाल के कई ठिकानों पर भी ईडी रेड कर रही है.

अमित अग्रवाल हैं किंगपिनः कोलकाता के चर्चित कारोबारी अमित अग्रवाल को रिमांड पर लेकर ईडी ने पूछताछ की थी. इसी दौरान यह जानकारी मिली थी कि अमित अग्रवाल ने बड़े नेताओं-नौकरशाहों के काले धन को सफेद बनाने के लिए जमीन की खरीद-बिक्री में भी निवेश किया है. यही वजह है कि ईडी ने अब रांची के कई अन्य बड़े जमीन की खरीद-बिक्री मामले को मनी लॉन्ड्रिंग के नजरिये से अनुसंधान के अधीन रखा और जानकारी पुख्ता होते ही छापेमारी शुरू कर दी.

रांची में भारी पैमाने पर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में भी अमित अग्रवाल की भूमिका की जानकारी ईडी को मिली थी. अमित अग्रवाल फिलहाल अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार करवाने के मामले में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया और फिलहाल वो जेल में हैं. ईडी अमित अग्रवाल के निवेश और उसके पास आने वाले रुपयों के स्रोत की जानकारी जुटा चुकी है. ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि संथाल के क्षेत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन में मिले काले धन को अमित अग्रवाल ने जमीन की खरीद-बिक्री में खपाया है.

फर्जी दस्तावेज पर जमीन की खरीद-बिक्री का हुआ था खुलासाः सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा का खुलासा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हुई थी. उस रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को आर्मी की जमीन बेच दी थी. जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले. जिसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने कराई थी प्राथमिकी दर्जः रांची नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर प्रदीप बागची के विरुद्ध जालसाजी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था. आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाले जमीन का असली रैयत जयंत करनाड था.

Last Updated : Nov 4, 2022, 11:51 AM IST
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