नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ और गुरुग्राम समेत कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. सूत्रों के अनुसार चीनी लोन ऐप से संबंधित मामले में छापेमारी हुुई है. सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि पेमेंट गेटवे यानी पेटीएम और पेयू से संबंधित कई स्थानों पर ईडी की टीम पहुंची है.
ईडी ने इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. 3 सितंबर को रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स और पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड सहित ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के परिसरों पर छापे मारे गए थे. यह मामला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, बेंगलुरु सिटी द्वारा दर्ज की गई 18 प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें उन संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे मोबाइल ऐप के माध्यम से छोटे ऋण लेने वाली जनता के जबरन वसूली और उत्पीड़न में शामिल होने के लिए कई लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है.
ईडी ने कहा, "पूछताछ के दौरान, यह सामने आया था कि इन संस्थाओं को चीनी व्यक्तियों द्वारा संचालित किया जाता है. इन संस्थाओं की कार्यप्रणाली यह है कि भारतीयों के जाली दस्तावेजों का उपयोग करके और उन्हें उन संस्थाओं के डमी निदेशक बनाकर, वे अपराध की आय उत्पन्न कर रहे हैं." ईडी ने कहा था कि उनके संज्ञान में आया है कि ये संस्थाएं पेमेंट गेटवे/बैंकों के पास मौजूद विभिन्न मर्चेट आईडी/खातों के जरिए अपना संदिग्ध कारोबार कर रही थीं.
रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित/संचालित संस्थाओं के परिसरों को तलाशी अभियान में शामिल किया गया था. ईडी अधिकारी ने कहा, "तलाशी अभियान के दौरान, यह पाया गया कि उक्त संस्थाएं भुगतान गेटवे/बैंकों के पास रखे गए विभिन्न मर्चेट आईडी/खातों के माध्यम से अपराध की आय अर्जित कर रही थीं और वे एमसीए की वेबसाइट/पंजीकृत पते पर दिए गए पते से भी काम नहीं कर रही हैं और नकली पते हैं। इन चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के मर्चेट आईडी और बैंक खातों में 17 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है."
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