मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को उनके और अन्य के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को पेश होने के लिए नया समन जारी किया है. वहीं, अनिल देशमुख के वकील ने बताया कि उन्होंने ईडी से मामले की सुनवाई होने तक इंतजार करने को कहा है. वकील ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में ईडी को पत्र लिखा है, जिसमें हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईडी के समक्ष पेश होने की बात कही है. वकील इंद्रपाल सिंह देशमुख की ओर से आज ईडी दफ्तर पहुंचे. देशमुख को दिया गया इस तरह का यह पांचवां समन नोटिस है.
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने हालांकि कहा था कि देशमुख अदालत में जाने के लिए स्वतंत्र हैं. एक कानूनी विशेषज्ञ ने कहा कि इसका मतलब है कि नेता अग्रिम जमानत या इसी तरह की राहत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
सूत्रों ने बताया कि यह समन धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है क्योंकि एजेंसी इस मामले में उनका बयान दर्ज करना चाहती है.
देशमुख ईडी की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए मामले में पूछताछ के लिए पिछली बार पेश नहीं हुए थे. उनके पुत्र ऋषिकेश और पत्नी को भी समन जारी किया गया था और वे भी उपस्थित नहीं हुए.
देशमुख ने पिछले महीने एक वीडियो बयान जारी कर कहा था कि वह अपनी याचिका पर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ईडी के समक्ष पेश होंगे. देशमुख ने कहा था, मुझे ईडी का समन मिला था जिसके बाद मैंने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की. मैं अपनी याचिका पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अपना बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के पास जाऊंगा.
गौरतलब है कि समन महाराष्ट्र पुलिस में कथित 100 करोड़ रुपये के रिश्वत-सह-जबरन वसूली रैकेट से संबंधित पीएमएलए के तहत दर्ज आपराधिक मामले के संबंध में जारी किए गए हैं, जिसके कारण अप्रैल में देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था.
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एजेंसी ने जून में देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित परिसरों पर छापेमारी की थी. बाद में जांच एजेंसी ने उनके दो सहयोगियों, निजी सचिव संजीव पलांडे (51) और निजी सहायक कुंदन शिंदे (45) को गिरफ्तार किया था.
ईडी ने हाल ही में देशमुख और उनके परिवार की 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की थी.