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शिक्षक भर्ती घोटाला: ईडी का दावा, अर्पिता मुखर्जी के 31 जीवन बीमा में पार्थ चटर्जी नॉमिनी

शिक्षक भर्ती घोटाला मामले की सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कोर्ट में दावा किया है कि अर्पिता मुखर्जी के 31 जीवन बीमा में पार्थ चटर्जी नॉमिनी हैं. फिलहाल दोनों से संबंधित खातों की जांच की जा रही है.

SSC recruitment corruption case
शिक्षक भर्ती घोटाला
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Published : Aug 4, 2022, 10:35 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ा खुलासा किया है. कोलकाता में बुधवार को बैंकशॉल कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने यह दावा किया कि अर्पिता मुखर्जी के 31 जीवन बीमा में नॉमिनी की जगह पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम है. पिछले 8-10 दिनों में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के विभिन्न फ्लैट से कई सारे दस्तावेज सामने आए हैं, जिससे मामाले में कई खुलासे हो रहे हैं. अर्पिता के जीवन बीमा के दस्तावेज भी इन्हीं में से एक हैं.

वकील ने यह भी दावा किया है कि अब तक कुल नौ फ्लैट के कागजात मिले हैं, जिनमें से पांच अर्पिता के नाम पर पंजीकृत हैं, जबकि अन्य चार संयुक्त रूप से अर्पिता और पार्थ दोनों के नाम पर पंजीकृत हैं. साथ ही, यह भी सामने आया है कि 'अपा यूटिलिटीज' नाम की कंपनी में दोनों की 50 फीसदी हिस्सेदारी भी है. इसके साथ ही उनके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है. उधर ईडी के वकील ने आगे की जांच के लिए दोनों को हिरासत में लेने का अनुरोध किया.

यह भी पढ़ें-शिक्षक भर्ती घोटाला : अर्पिता मुखर्जी ने कहा- मेरी जानकारी के बिना मेरे आवासों पर पैसा रखा गया

सुनवाई के दौरान ईडी ने पार्थ चटर्जी की चार दिन की और अर्पिता मुखर्जी की तीन दिन की हिरासत की मांग की. वहीं, पार्थ चटर्जी के वकील ने उनकी बीमारियों का हवाला देकर हिरासत का विरोध किया. हालांकि अर्पिता के वकील ने हिरासत का विरोध नहीं किया, लेकिन सुनवाई के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कानूनी सलाह के लिए उन्हें अर्पिता से मिलने नहीं दिया गया. साथ ही वकील ने यह अनुरोध भी किया कि अर्पिता के हिरासत में रहते हुए दिन में कम से कम 20 मिनट उन्हें मिलने दिया जाए. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बैंकशॉल कोर्ट विशेष अदालत के न्यायाधीश जीवन कुमार साधु ने फैसले को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया. बाद में उन्होंने दोनों को पांच अगस्त तक हिरासत में रखने का आदेश दिया.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ा खुलासा किया है. कोलकाता में बुधवार को बैंकशॉल कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने यह दावा किया कि अर्पिता मुखर्जी के 31 जीवन बीमा में नॉमिनी की जगह पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम है. पिछले 8-10 दिनों में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के विभिन्न फ्लैट से कई सारे दस्तावेज सामने आए हैं, जिससे मामाले में कई खुलासे हो रहे हैं. अर्पिता के जीवन बीमा के दस्तावेज भी इन्हीं में से एक हैं.

वकील ने यह भी दावा किया है कि अब तक कुल नौ फ्लैट के कागजात मिले हैं, जिनमें से पांच अर्पिता के नाम पर पंजीकृत हैं, जबकि अन्य चार संयुक्त रूप से अर्पिता और पार्थ दोनों के नाम पर पंजीकृत हैं. साथ ही, यह भी सामने आया है कि 'अपा यूटिलिटीज' नाम की कंपनी में दोनों की 50 फीसदी हिस्सेदारी भी है. इसके साथ ही उनके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है. उधर ईडी के वकील ने आगे की जांच के लिए दोनों को हिरासत में लेने का अनुरोध किया.

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सुनवाई के दौरान ईडी ने पार्थ चटर्जी की चार दिन की और अर्पिता मुखर्जी की तीन दिन की हिरासत की मांग की. वहीं, पार्थ चटर्जी के वकील ने उनकी बीमारियों का हवाला देकर हिरासत का विरोध किया. हालांकि अर्पिता के वकील ने हिरासत का विरोध नहीं किया, लेकिन सुनवाई के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कानूनी सलाह के लिए उन्हें अर्पिता से मिलने नहीं दिया गया. साथ ही वकील ने यह अनुरोध भी किया कि अर्पिता के हिरासत में रहते हुए दिन में कम से कम 20 मिनट उन्हें मिलने दिया जाए. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बैंकशॉल कोर्ट विशेष अदालत के न्यायाधीश जीवन कुमार साधु ने फैसले को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया. बाद में उन्होंने दोनों को पांच अगस्त तक हिरासत में रखने का आदेश दिया.

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