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ईडी ने बीपीएसएल के पूर्व सीएमडी के खिलाफ मामले में 190 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की - bank fraud case

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजय सिंघल के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़़ी धनशोधन जांच के तहत मुंबई में ₹190 करोड़ से अधिक मूल्य की एक इमारत कुर्क की है.

प्रवर्तन निदेशालय
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Published : Oct 2, 2021, 8:35 PM IST

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजय सिंघल के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़़ी धनशोधन जांच के तहत मुंबई में ₹190 करोड़ से अधिक मूल्य की एक इमारत कुर्क की है. ईडी ने एक बयान में कहा कि आवासीय संपत्ति वर्ली में अल्ट्रा मॉल, पूनम चैंबर्स के सामने सीजे हाउस में स्थित है और इसकी कीमत ₹190.62 करोड़ है.

एजेंसी ने कहा, इस संपत्ति की खरीद के लिए एश्योरिटी रियल एस्टेट एलएलपी द्वारा उपयोग किया गया धन बीपीएसएल से आया था और इसे मुखौटा कंपनियों के माध्यम से भेजा गया था तथा इसे असुरक्षित ऋण दिखाया गया था.

सिंघल और अन्य के खिलाफ ईडी का धनशोधन का मामला अप्रैल, 2019 में दर्ज केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया था. एजेंसी ने दावा किया कि कंपनियों या मुखौटा कंपनियों और अन्य संस्थाओं के माध्यम से बेईमानी से और धोखाधड़ी से बैंक धन की हेराफेरी के लिए एक आपराधिक साजिश रची गई थी और ऋण राशि का पुनर्भुगतान जानबूझकर नहीं किया गया था.

एजेंसी ने कहा, उन्होंने उस उद्देश्य के लिए बैंक धन का उपयोग नहीं किया जिसके लिए वह मंजूर की गई थी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी की, जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और खातों में धोखाधड़ी की गई जिससे उधार देने वाले बैंकों, वित्तीय संस्थानों, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा और इससे खुद उन्हें गलत तरीके से लाभ हुआ. सीबीआई की प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि बीपीएसएल ने 33 विभिन्न बैंकों या वित्तीय संस्थानों से विभिन्न ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया और 30 जनवरी, 2018 तक बकाया राशि ₹47,204 करोड़ थी.

इसे भी पढ़ें-बैंक धोखाधड़ी मामला : अदालत का शिवसेना नेता अडसुल को अंतरिम राहत देने से इनकार

एजेंसी ने दावा किया कि बीपीएसएल और उसके निदेशकों ने ऋणदाता बैंकों या वित्तीय संस्थानों को समय-सीमा के अनुसार ऋण राशि के पुनर्भुगतान में जानबूझकर चूक की और उनके खाते लगातार अनियमित बने रहे. उसने कहा कि इसके बाद बैंकों के समूह में अग्रणी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 31 दिसंबर, 2015 को बीपीएसएल के खाते को एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) घोषित कर दिया, उसके बाद अन्य बैंकों या वित्तीय संस्थानों ने ऐसा किया.

सिंघल को ईडी ने नवंबर, 2019 में गिरफ्तार किया था और एजेंसी ने बाद में ₹4,420 करोड़ से अधिक की संपत्तियां कुर्क की और इस मामले में एक अदालत के समक्ष आरोपपत्र भी दायर किया गया.

(पीटीआई:भाषा)

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजय सिंघल के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़़ी धनशोधन जांच के तहत मुंबई में ₹190 करोड़ से अधिक मूल्य की एक इमारत कुर्क की है. ईडी ने एक बयान में कहा कि आवासीय संपत्ति वर्ली में अल्ट्रा मॉल, पूनम चैंबर्स के सामने सीजे हाउस में स्थित है और इसकी कीमत ₹190.62 करोड़ है.

एजेंसी ने कहा, इस संपत्ति की खरीद के लिए एश्योरिटी रियल एस्टेट एलएलपी द्वारा उपयोग किया गया धन बीपीएसएल से आया था और इसे मुखौटा कंपनियों के माध्यम से भेजा गया था तथा इसे असुरक्षित ऋण दिखाया गया था.

सिंघल और अन्य के खिलाफ ईडी का धनशोधन का मामला अप्रैल, 2019 में दर्ज केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया था. एजेंसी ने दावा किया कि कंपनियों या मुखौटा कंपनियों और अन्य संस्थाओं के माध्यम से बेईमानी से और धोखाधड़ी से बैंक धन की हेराफेरी के लिए एक आपराधिक साजिश रची गई थी और ऋण राशि का पुनर्भुगतान जानबूझकर नहीं किया गया था.

एजेंसी ने कहा, उन्होंने उस उद्देश्य के लिए बैंक धन का उपयोग नहीं किया जिसके लिए वह मंजूर की गई थी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी की, जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और खातों में धोखाधड़ी की गई जिससे उधार देने वाले बैंकों, वित्तीय संस्थानों, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा और इससे खुद उन्हें गलत तरीके से लाभ हुआ. सीबीआई की प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि बीपीएसएल ने 33 विभिन्न बैंकों या वित्तीय संस्थानों से विभिन्न ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया और 30 जनवरी, 2018 तक बकाया राशि ₹47,204 करोड़ थी.

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एजेंसी ने दावा किया कि बीपीएसएल और उसके निदेशकों ने ऋणदाता बैंकों या वित्तीय संस्थानों को समय-सीमा के अनुसार ऋण राशि के पुनर्भुगतान में जानबूझकर चूक की और उनके खाते लगातार अनियमित बने रहे. उसने कहा कि इसके बाद बैंकों के समूह में अग्रणी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 31 दिसंबर, 2015 को बीपीएसएल के खाते को एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) घोषित कर दिया, उसके बाद अन्य बैंकों या वित्तीय संस्थानों ने ऐसा किया.

सिंघल को ईडी ने नवंबर, 2019 में गिरफ्तार किया था और एजेंसी ने बाद में ₹4,420 करोड़ से अधिक की संपत्तियां कुर्क की और इस मामले में एक अदालत के समक्ष आरोपपत्र भी दायर किया गया.

(पीटीआई:भाषा)

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