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सृजन घोटाला मामले में ईडी ने चार करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की - प्रवर्तन निदेशालय

बिहार के कथित सृजन एनजीओ कोष घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय ने 4.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. देशालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.

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Published : Jun 30, 2021, 6:15 PM IST

नई दिल्ली : ईडी ने बिहार के सृजन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच में 4.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. गौरतलब है कि एक हजार करोड़ रुपये के सरकारी कोष की हेराफेरी की खबर 2017 में सामने आने के बाद गैर सरकारी संगठन सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड (एसएमवीएसएसएल) के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रहा है.

जांच एजेंसी ने बयान जारी कर बताया कि कुर्क की गई संपत्ति में एक दर्जन फ्लैट हैं जो बिहार के भागलपुर, पटना एवं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित है जिनकी कीमत तीन करोड़ नौ लाख रुपये है. बयान में कहा गया है कि इन फ्लैटों के अलावा पांच भूखंड एवं घर भी कुर्क किए गए हैं जो भागलपुर, सीतामढी (बिहार) एवं देवघर (झारखंड) में स्थित है और इनकी कीमत 87 लाख रुपये है.

इसमें कहा गया है कि जांच एजेंसी ने 11.87 लाख रुपये की एक एसयूवी कार तथा 1.20 लाख रुपये के एक बैंक खाते को भी जब्त किया है. बयान में कहा गया है कि उपरोक्त जब्ती धन शोधन रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत जारी औपबंधिक आदेश के बाद की गई है. सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने एसएमवीएसएसएल के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने मामले में कई आरोप पत्र दायर किए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसकी जांच में यह पाया गया कि कि एसएमवीएसएसएल, भागलपुर के बैंक खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित किए जाने के बाद सरकारी खातों से भारी धनराशि की निकासी की गई.

इसमें कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों एंव अन्य लोगों की मिलीभगत से एसएमवीएसएसएल सरकारी कोष की हेराफेरी का एक माध्यम बन गया. एजेंसी ने दावा किया कि एसएमवीएसएसएल के खाते में जिस धनराशि का स्थानांतरण किया गया था. उसे बाद में आरटीजीएस/नकद/चेक के माध्यम से अलग अलग लोगों एवं संस्थाओं के खातों में भेजा गया था. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि मामले की मुख्य आरोपी एवं एसएमवीएसएसएल की सचिव मनोरमा देवी सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों की मिलीभगत से सरकारी धन के दुरुपयोग एवं हेराफेरी में सक्रिय रूप से शामिल थीं.

यह भी पढ़ें-ममता का केंद्र पर हमला, कहा- गृह मंत्रालय रच रहा 'षड्यंत्र', भाजपा फैला रही गलत सूचना

एसएमवीएसएसएल की स्थापना के बाद से लेकर मृत्यु तक मनोरमा देवी इसकी सचिव थी. मनोरमा का निधन दो फरवरी 2017 को हो गया था. एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल मई में पहली बार संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया था और उस वक्त 14 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी. जांच एजेंसी ने उस वक्त कहा था कि उसकी जांच में यह पता चला है कि 2003-04 से गैर सरकारी संगठन (सृजन) के बैंक खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित किए जाने के बाद सरकारी खातों से करीब 557 करोड़ रुपये की धनराशि की निकासी की गई.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : ईडी ने बिहार के सृजन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच में 4.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. गौरतलब है कि एक हजार करोड़ रुपये के सरकारी कोष की हेराफेरी की खबर 2017 में सामने आने के बाद गैर सरकारी संगठन सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड (एसएमवीएसएसएल) के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रहा है.

जांच एजेंसी ने बयान जारी कर बताया कि कुर्क की गई संपत्ति में एक दर्जन फ्लैट हैं जो बिहार के भागलपुर, पटना एवं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित है जिनकी कीमत तीन करोड़ नौ लाख रुपये है. बयान में कहा गया है कि इन फ्लैटों के अलावा पांच भूखंड एवं घर भी कुर्क किए गए हैं जो भागलपुर, सीतामढी (बिहार) एवं देवघर (झारखंड) में स्थित है और इनकी कीमत 87 लाख रुपये है.

इसमें कहा गया है कि जांच एजेंसी ने 11.87 लाख रुपये की एक एसयूवी कार तथा 1.20 लाख रुपये के एक बैंक खाते को भी जब्त किया है. बयान में कहा गया है कि उपरोक्त जब्ती धन शोधन रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत जारी औपबंधिक आदेश के बाद की गई है. सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने एसएमवीएसएसएल के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने मामले में कई आरोप पत्र दायर किए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसकी जांच में यह पाया गया कि कि एसएमवीएसएसएल, भागलपुर के बैंक खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित किए जाने के बाद सरकारी खातों से भारी धनराशि की निकासी की गई.

इसमें कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों एंव अन्य लोगों की मिलीभगत से एसएमवीएसएसएल सरकारी कोष की हेराफेरी का एक माध्यम बन गया. एजेंसी ने दावा किया कि एसएमवीएसएसएल के खाते में जिस धनराशि का स्थानांतरण किया गया था. उसे बाद में आरटीजीएस/नकद/चेक के माध्यम से अलग अलग लोगों एवं संस्थाओं के खातों में भेजा गया था. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि मामले की मुख्य आरोपी एवं एसएमवीएसएसएल की सचिव मनोरमा देवी सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों की मिलीभगत से सरकारी धन के दुरुपयोग एवं हेराफेरी में सक्रिय रूप से शामिल थीं.

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एसएमवीएसएसएल की स्थापना के बाद से लेकर मृत्यु तक मनोरमा देवी इसकी सचिव थी. मनोरमा का निधन दो फरवरी 2017 को हो गया था. एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल मई में पहली बार संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया था और उस वक्त 14 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी. जांच एजेंसी ने उस वक्त कहा था कि उसकी जांच में यह पता चला है कि 2003-04 से गैर सरकारी संगठन (सृजन) के बैंक खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित किए जाने के बाद सरकारी खातों से करीब 557 करोड़ रुपये की धनराशि की निकासी की गई.

(पीटीआई-भाषा)

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