कोरबा: ईडी रेड के दौरान माइनिंग विभाग और खनिज न्यास के दफ्तर को सील कर दिया गया है. जहां किसी को भी भीतर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में ईडी की टीम दस्तावेज खंगाल रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी की टीम में 8 अधिकारी शामिल हैं. हालांकि कार्रवाई की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
एसपी, कलेक्टर दोनों कलेक्ट्रेट में मौजूद: ईडी की टीम कोरबा कलेक्ट्रेट के प्रथम तल पर मौजूद माइनिंग विभाग के दफ्तर में दस्तावेज खंगाल रही है. इसके ठीक बगल में कलेक्टर कोरबा कलेक्टर संजीव झा का चैंबर है. पूरे समय कलेक्टर भी अपने चैंबर में मौजूद हैं. जिनके साथ जिले के नवपदस्थ एसपी उदय किरण भी कलेक्टर के चैंबर में बने हुए हैं. ईडी के अधिकारियों ने कलेक्टर और एसपी से भी इस दौरान कुछ चर्चा की है. ईडी की कार्रवाई के बाद एक बार फिर से अफसरों में हड़कंप मच गया है. जिले के कोयला कारोबारी भी इसपर नजर बनाए हुए.
कोरबा से जुड़े हैं कोल स्कैम के तार: छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक सुर्खियों में रहे कोल लेवी वसूली का केंद्र बिंदु कोरबा रहा है. कोयला ट्रांसपोर्टिंग के खेल की शुरुआत कोरबा से ही हुई थी. यहां एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट संचालित हैं. जो कोल इंडिया के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं. ईडी ने जब यह घोटाला उजागर किया था. तब पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से ईडी का एक प्रेस नोट जारी करते हुए कोल स्कैम की बात कही थी.
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करोड़ों रुपये की वसूली का हुआ था खुलासा: इस प्रेस विज्ञप्ति में रोजाना करोड़ों रुपये के वसूली किए जाने का उल्लेख था. जिसका मुख्य सरगना कोयला व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को बताया गया था. जो कि फिलहाल अभी जेल में है. इस मामले में सीएम भूपेश बघेल की निजी सचिव सौम्या चौरसिया के साथ ही कोरबा में जिला खनिज अधिकारी के तौर पर पदस्थ रहे एसएस नाग फिलहाल रिमांड पर जेल में हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा आईएएस अधिकारियों की भी गिरफ्तारी ईडी ने की थी. वहीं कई अन्य लोग अब भी ईडी के रडार पर हैं.