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चुनाव अधिकारियों की तैनाती के लिए चुनाव आयोग ने जारी किए दिशानिर्देश

भारत निर्वाचन आयोग ने इस साल असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले चुनावों के दौरान उन अधिकारियों को चुनाव-संबंधी कार्य नहीं सौंपे जाने चाहिए, जिन पर पूर्व में चुनाव के दौरान चूक करने के आरोप लगे हों, या जिन पर अतीत में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी.

भारत निर्वाचन आयोग
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Published : Jan 11, 2021, 7:40 PM IST

नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनाव से जुड़े राज्यों के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने अपने निर्देशों में चुनाव-बाध्य राज्यों को यह याद दिलाया कि वे उन अधिकारियों को चुनाव-संबंधी कर्तव्य नहीं सौंपेंगे, जिन पर पूर्व में किसी भी चुनाव में कोई चूक करने का आरोप लगाया गया हो.

निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष के पहली छमाही के दौरान आयोजित होने वाले चुनावों को लेकर असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी जारी की है.

एडवाइजरी में आयोग ने कहा है कि जिन अधिकारियों पर पूर्व में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी और जो लंबित हैं या जिनपर जुर्माना लगाया गया हो, उन्हें चुनाव से संबंधित कार्य के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए.

आयोग ने अपने निर्देश में यह भी सलाह दी कि जो भी अधिकारी अगले छह महीनों के भीतर सेवानिवृत्त होने वाला है, उसे भी चुनाव संबंधी किसी भी कार्य के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए.

चुनाव आयोग ने जारी किए दिशानिर्देश

इसके अलावा चुनाव आयोग राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि चुनाव के संचालन से सीधे जुड़े अधिकारी अपने गृह जिलों में और जिन लोगों ने पिछले चार वर्षों में एक जिले में तीन साल बिताए हैं, उन्हें भी ड्यूटी पर तैनात न किया जाए.

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए, आयोग एक सुसंगत नीति का पालन कर रहा है.

पढ़ें - कर्नाटक : 13 जनवरी को 7 नए मंत्री ले सकते हैं शपथ, कैबिनेट विस्तार पर आज फैसला

आयोग का कहना है कि चुनाव से जुड़े अधिकारी सीधे राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के चुनावों में अपने गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं हो सकते हैं, जहां उन्होंने लंबे समय तक सेवा की है.

असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में राज्य सरकारों की वर्तमान शर्तें इस साल मई और जून में अलग-अलग तारीखों में समाप्त हो जाएंगी.

उल्लेखनीय है कि इस साल इन पांच राज्यों में अप्रैल-मई के दौरान चुनाव होने की संभावना है.

नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनाव से जुड़े राज्यों के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने अपने निर्देशों में चुनाव-बाध्य राज्यों को यह याद दिलाया कि वे उन अधिकारियों को चुनाव-संबंधी कर्तव्य नहीं सौंपेंगे, जिन पर पूर्व में किसी भी चुनाव में कोई चूक करने का आरोप लगाया गया हो.

निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष के पहली छमाही के दौरान आयोजित होने वाले चुनावों को लेकर असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी जारी की है.

एडवाइजरी में आयोग ने कहा है कि जिन अधिकारियों पर पूर्व में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी और जो लंबित हैं या जिनपर जुर्माना लगाया गया हो, उन्हें चुनाव से संबंधित कार्य के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए.

आयोग ने अपने निर्देश में यह भी सलाह दी कि जो भी अधिकारी अगले छह महीनों के भीतर सेवानिवृत्त होने वाला है, उसे भी चुनाव संबंधी किसी भी कार्य के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए.

चुनाव आयोग ने जारी किए दिशानिर्देश

इसके अलावा चुनाव आयोग राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि चुनाव के संचालन से सीधे जुड़े अधिकारी अपने गृह जिलों में और जिन लोगों ने पिछले चार वर्षों में एक जिले में तीन साल बिताए हैं, उन्हें भी ड्यूटी पर तैनात न किया जाए.

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए, आयोग एक सुसंगत नीति का पालन कर रहा है.

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आयोग का कहना है कि चुनाव से जुड़े अधिकारी सीधे राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के चुनावों में अपने गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं हो सकते हैं, जहां उन्होंने लंबे समय तक सेवा की है.

असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में राज्य सरकारों की वर्तमान शर्तें इस साल मई और जून में अलग-अलग तारीखों में समाप्त हो जाएंगी.

उल्लेखनीय है कि इस साल इन पांच राज्यों में अप्रैल-मई के दौरान चुनाव होने की संभावना है.

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