कोलकाता : पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में फर्जी मतदाताओं की पहचान करने, एवं चुनाव प्रक्रिया के ब्योरे तत्काल सामने लाने के लिए निर्वाचन आयोग अपने बूथ मोबाइल एप का पूरी तरह से इस्तेमाल कर सकता है. यह जानकारी एक अधिकारी ने मंगलवार को दी.
अगर ऐसा होता है तो पश्चिम बंगाल पहला राज्य होगा जहां की चुनावी प्रक्रिया में इस एप का पूरी तरह से इस्तेमाल किया जाएगा.
निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने बताया, ‘ यह अभी योजना के स्तर पर है. अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. हमें उम्मीद है कि इससे पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिलेगी.’
उन्होंने बताया कि एप निर्वाचन आयोग के सर्वर से जुड़ा है एवं कूट (इनक्रिएड) तरीके से आंकड़े देगा.
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अधिकारी ने बताया, ‘यह लिंग एवं आयु आधारित मतदान की जानकारी देता है. यह मतदान की गति और चुनाव संबंधी अन्य जानकारी भी देता है.’ उन्होंने बताया, ‘फोटो मतदाता पर्ची पर कूटबद्ध क्यूआर कोड होगा जिसे मतदाता को मतदान केंद्र में प्रवेश देने से पहले स्कैन किया जाएगा. मतदान करने से पहले इस कोड को दूसरी बार स्कैन किया जाएगा.’
अधिकारी ने बताया, ‘जैसे ही मतदाता मतदान करेगा , उसका डाटा निर्वाचन आयोग के सर्वर पर चला जाएगा जिससे पीठासीन अधिकारी वास्तविक समय में मतदान प्रतिशत एवं अन्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.’
उन्होंने कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया को न केवल गति मिलेगी बल्कि सही जानकारी दर्ज हो यह सुनिश्चित होगा.
अधिकारी ने बताया, 'बूथ एप मतदान के दोहराव का पता लगाने में सक्षम है और ऐसा होने पर वह चुनाव अधिकारियों के फोन में तेज आवाज करके उन्हें आगाह कर देगा.'
उन्होंने बताया कि इस एप का इस्तेमाल प्रायोगिक तौर पर वर्ष 2019 के चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के पांच, महाराष्ट्र ,बिहार और पंजाब के तीन बूथों एवं झारखंड की 10 सीटों पर किया गया था.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने हैं.