ETV Bharat / bharat

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें

फूलों के लदालद बेलें ना सिर्फ देखने में बहुत सुंदर लगती हैं बल्कि ज्यादातर बेलों पर उगने वाले फूल बेहद खूशबुदार भी होते है. आमतौर पर फूलदार पौधों की तरह इन्हे ज्यादा धूप की जरूरत होती है लेकिन अधिकांश बेलों को फलने फूलने के लिए ज्यादा देखभाल या रखरखाव की जरूरत नही होती है.

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें
author img

By

Published : Feb 2, 2022, 1:11 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 2:11 PM IST

बगीचों में , दीवारों पर,हैंगिंग पॉट में या रेलिंग पर लटकती फूलों से लदी बेल या लताएं देखने में काफी सुंदर लगती हैं. बेलों की सबसे खास बात यह होती हैं कि उन्हे बढ़ने तथा फलने फूलने के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत नही होती है. बाकी पौधों की तरह यह वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाती ही हैं, साथ ही गर्मियों के मौसम में यदि बेल या लताएं दीवारों या छत पर फैली हुई हों तो घर के तापमान को नियंत्रित रखने में भी मदद करती है. आज के लेख में हम आपकों कुछ ऐसी ही फूलदार लताओं के बारें में बताने जा रहें है जो ज्यादातर सभी मौसम में सरलता से उग सकती हैं.

बोगनवेलिया की बेल

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
बोगनवेलिया की बेल

बोगनवेलिया देश के लगभग सभी हिस्सों में आमतौर पर नजर आने वाली बेल है. जो लगभग पूरे वर्ष ही फूलों से भरी रहती है. इसे देखभाल की काफी कम जरूरत होती है इसलिए यह ना सिर्फ घरों में बल्कि पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी आमतौर पर नजर आ जाती है. बोगनवेलिया की अलग अलग किस्मों पर गहरे गुलाबी, लाल, नारंगी, बैंगनी,सफेद, तथा पीले रंग के फूल आते हैं. इस काँटेदार बेल की औसत लंबाई 3-4 फुट से लेकर अधिकतम 40 फुट तक देखी गई है. बोगनवेलिया को ज्यादा खुली धूप की जरूरत होती है इसलिए इसे हमेशा ऐसे स्थान पर जमीन या गमले में लगाना चाहिए जहां धूप ज्यादा आती हो.

अपराजिता

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
अपराजिता

बोगनवेलिया की भांति यह बेल भी देश के लगभग सभी हिस्सों में सरलता से पाई जाती है. इस बेल की अलग अलग किस्मों पर नीले, बैंगनी, गुलाबी तथा व सफेद रंग के फूल आते हैं. इस बेल को पनपने के लिये ज्यादा देखभाल की जरूरत नही होती है , बस इसे ऐसे स्थान पर लगाना जरूरी होता है जहां इसे दिन में कुछ घंटों की धूप मिल सके. इसे गर्मियों में रोजाना पानी देने की जरूरत होती है. अपराजिता की बेल 5-10 फुट तक बढ़ सकती है. बहुत से लोग इसके नीले फूलों की चाय भी बना कर पीते हैं. जिसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है.

मधुमालती लता

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
मधुमालती लता

मधुमालती की बेल भी बहुत आसनी से कही भी उग जाती है. इस पर काफी ज्यादा खुशबू वाले छोटे-छोटे लाल, गुलाबी और सफेद रंगों के फूल आते हैं. मधुमालती का पौधा एक बार जड़ पकड़ लेने के बाद तेजी से बढ़ता, फलता-फूलता है, तथा पनपने के लिए इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नही होती है।

फ्लेम वाइन बेल

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
फ्लेम वाइन बेल

फ्लेम वाइन भी एक सदाबहार बेल है जिस पर चटकीले नारंगी रंग के पतले-लंबे ट्यूब जैसे आकार वाले फूल आते हैं. इस बेल पर बारह महीने फूल आते हैं. यह बहुत तेजी से बढ़ने वाली बेल है. लेकिन इसे ऐसे स्थान पर ही लगाना चाहिए जहां इसे सीधी-खुली धूप मिले. लेकिन इस बेल के साथ इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इसकी जड़ों में फालतू पानी न रुके. इस बेल को गर्मियों में छँटाई की जरूरत होती है.

अलामांडा या पीलाघंटी बेल

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
अलामांडा या पीलाघंटी बेल

इस सदाबहार बेल की अलग-अलग किस्मों पर पीले, क्रीम, गुलाबी, नारंगी तथा सफेद रंग के घंटी के आकार वाले फूल आते हैं जो देखने में काफी हद तक कनेर के फूलों जैसे लगते हैं. आमतौर पर इसकी पीले रंग के फूलों को लोग कनेर का फूल भी समझ लेते हैं. इस बेल को भी ज्यादा देखभाल की जरूरत नही होती है. साथ ही इसे ज्यादा तेज धूप की जरूरत भी नही होती है. यह बेल गमले में 3-5 फुट तक बढ़ सकती है .

मॉर्निंग ग्लोरी

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
मॉर्निंग ग्लोरी

मॉर्निंग ग्लोरी भी भारत के लगभग सभी हिस्सों में आमतौर पर नजर आने वाली बेल है. लेकिन इस बेल पर फूल मई से सितंबर तक ही खिलते हैं. चटक नीले या आसमानी रंग,गुलाबी, बैंगनी, पीले तथा सफेद रंग के फूलों वाली इस बेल पर फूल सुबह के समय ही खिलते हैं, इसीलिए इसे मॉर्निंग ग्लोरी कहा जाता है. मॉर्निंग ग्लोरी की खास बात यह है की इसके फलों से निकले बीजों का उपयोग कई तरह के आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता हैं. इस बेल को गमलों तथा हैंगिंग पॉट यानी लटकने वाले बास्केट गमलों में भी लगाया जा सकता हैं.

हरी चम्पा या यलैंग-यलैंग बेल

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
हरी चम्पा या यलैंग-यलैंग बेल

यलैंग-यलैंग या हरी चंपा नाम से मशहूर इस बेल पर अनोखी खुशबू वाले पीले धानी रंग के फूल आते हैं जिनका उपयोग अरोमाथेरपी में इस्तेमाल आने वाले तेल तथा परफ्यूम बनाने में किया जाता है. हालांकि इसे पूर्णतः बेल कहना गलत होगा क्योंकि इसे झाड़ी वाले पौधों में भी गिना जाता है. यह एक सदाबहार बेल/पौधा है जिस पर साल भर फूल आते है तथा इसे ज्यादा रख-रखाव की जरूरत भी नही होती है.

पढ़ें: बेहतर तकनीक से करें बोनसाई की देखभाल

बगीचों में , दीवारों पर,हैंगिंग पॉट में या रेलिंग पर लटकती फूलों से लदी बेल या लताएं देखने में काफी सुंदर लगती हैं. बेलों की सबसे खास बात यह होती हैं कि उन्हे बढ़ने तथा फलने फूलने के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत नही होती है. बाकी पौधों की तरह यह वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाती ही हैं, साथ ही गर्मियों के मौसम में यदि बेल या लताएं दीवारों या छत पर फैली हुई हों तो घर के तापमान को नियंत्रित रखने में भी मदद करती है. आज के लेख में हम आपकों कुछ ऐसी ही फूलदार लताओं के बारें में बताने जा रहें है जो ज्यादातर सभी मौसम में सरलता से उग सकती हैं.

बोगनवेलिया की बेल

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
बोगनवेलिया की बेल

बोगनवेलिया देश के लगभग सभी हिस्सों में आमतौर पर नजर आने वाली बेल है. जो लगभग पूरे वर्ष ही फूलों से भरी रहती है. इसे देखभाल की काफी कम जरूरत होती है इसलिए यह ना सिर्फ घरों में बल्कि पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी आमतौर पर नजर आ जाती है. बोगनवेलिया की अलग अलग किस्मों पर गहरे गुलाबी, लाल, नारंगी, बैंगनी,सफेद, तथा पीले रंग के फूल आते हैं. इस काँटेदार बेल की औसत लंबाई 3-4 फुट से लेकर अधिकतम 40 फुट तक देखी गई है. बोगनवेलिया को ज्यादा खुली धूप की जरूरत होती है इसलिए इसे हमेशा ऐसे स्थान पर जमीन या गमले में लगाना चाहिए जहां धूप ज्यादा आती हो.

अपराजिता

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
अपराजिता

बोगनवेलिया की भांति यह बेल भी देश के लगभग सभी हिस्सों में सरलता से पाई जाती है. इस बेल की अलग अलग किस्मों पर नीले, बैंगनी, गुलाबी तथा व सफेद रंग के फूल आते हैं. इस बेल को पनपने के लिये ज्यादा देखभाल की जरूरत नही होती है , बस इसे ऐसे स्थान पर लगाना जरूरी होता है जहां इसे दिन में कुछ घंटों की धूप मिल सके. इसे गर्मियों में रोजाना पानी देने की जरूरत होती है. अपराजिता की बेल 5-10 फुट तक बढ़ सकती है. बहुत से लोग इसके नीले फूलों की चाय भी बना कर पीते हैं. जिसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है.

मधुमालती लता

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
मधुमालती लता

मधुमालती की बेल भी बहुत आसनी से कही भी उग जाती है. इस पर काफी ज्यादा खुशबू वाले छोटे-छोटे लाल, गुलाबी और सफेद रंगों के फूल आते हैं. मधुमालती का पौधा एक बार जड़ पकड़ लेने के बाद तेजी से बढ़ता, फलता-फूलता है, तथा पनपने के लिए इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नही होती है।

फ्लेम वाइन बेल

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
फ्लेम वाइन बेल

फ्लेम वाइन भी एक सदाबहार बेल है जिस पर चटकीले नारंगी रंग के पतले-लंबे ट्यूब जैसे आकार वाले फूल आते हैं. इस बेल पर बारह महीने फूल आते हैं. यह बहुत तेजी से बढ़ने वाली बेल है. लेकिन इसे ऐसे स्थान पर ही लगाना चाहिए जहां इसे सीधी-खुली धूप मिले. लेकिन इस बेल के साथ इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इसकी जड़ों में फालतू पानी न रुके. इस बेल को गर्मियों में छँटाई की जरूरत होती है.

अलामांडा या पीलाघंटी बेल

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
अलामांडा या पीलाघंटी बेल

इस सदाबहार बेल की अलग-अलग किस्मों पर पीले, क्रीम, गुलाबी, नारंगी तथा सफेद रंग के घंटी के आकार वाले फूल आते हैं जो देखने में काफी हद तक कनेर के फूलों जैसे लगते हैं. आमतौर पर इसकी पीले रंग के फूलों को लोग कनेर का फूल भी समझ लेते हैं. इस बेल को भी ज्यादा देखभाल की जरूरत नही होती है. साथ ही इसे ज्यादा तेज धूप की जरूरत भी नही होती है. यह बेल गमले में 3-5 फुट तक बढ़ सकती है .

मॉर्निंग ग्लोरी

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
मॉर्निंग ग्लोरी

मॉर्निंग ग्लोरी भी भारत के लगभग सभी हिस्सों में आमतौर पर नजर आने वाली बेल है. लेकिन इस बेल पर फूल मई से सितंबर तक ही खिलते हैं. चटक नीले या आसमानी रंग,गुलाबी, बैंगनी, पीले तथा सफेद रंग के फूलों वाली इस बेल पर फूल सुबह के समय ही खिलते हैं, इसीलिए इसे मॉर्निंग ग्लोरी कहा जाता है. मॉर्निंग ग्लोरी की खास बात यह है की इसके फलों से निकले बीजों का उपयोग कई तरह के आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता हैं. इस बेल को गमलों तथा हैंगिंग पॉट यानी लटकने वाले बास्केट गमलों में भी लगाया जा सकता हैं.

हरी चम्पा या यलैंग-यलैंग बेल

कम रखरखाव में घर और बगीचे को ज्यादा सुंदर और खुशबूदार बनाती हैं बेलें, vines to grow at home, gardening basics, gardening tips, which plants are low maintenance plants
हरी चम्पा या यलैंग-यलैंग बेल

यलैंग-यलैंग या हरी चंपा नाम से मशहूर इस बेल पर अनोखी खुशबू वाले पीले धानी रंग के फूल आते हैं जिनका उपयोग अरोमाथेरपी में इस्तेमाल आने वाले तेल तथा परफ्यूम बनाने में किया जाता है. हालांकि इसे पूर्णतः बेल कहना गलत होगा क्योंकि इसे झाड़ी वाले पौधों में भी गिना जाता है. यह एक सदाबहार बेल/पौधा है जिस पर साल भर फूल आते है तथा इसे ज्यादा रख-रखाव की जरूरत भी नही होती है.

पढ़ें: बेहतर तकनीक से करें बोनसाई की देखभाल

Last Updated : Feb 2, 2022, 2:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.