लेह: भारतीय सेना ने दुश्मन को नेस्तेनाबूत करने के लिए पूर्वी लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची नदी और घाटी में बड़ी संख्या में टैंक और बख्तरबंद वाहन तैनात किए हैं. भारतीय सेनाओं ने सिंधु नदी को पार करने और दुश्मन के ठिकानों पर हमले के लिए पूर्वी लद्दाख में अभ्यास किया. समाचार एजेंसी एएनआई की टीम ने सिंधु नदी को पार करने के लिए टी-90, टी-72 टैंकों और बीएमपी पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों सहित भारतीय सेना के टैंक के विशेष अभ्यास को देखा. सिंधु नदी पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले पूरे लद्दाख सेक्टर से होकर गुजरती है.
सेना के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के अभ्यास आकस्मिक परिस्थितियों की तैयारी के लिए किए जाते हैं, जहां उन्हें इस क्षेत्र में घाटियों के मार्गों का उपयोग करके भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा करने की कोशिश करने पर विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होती है. भारतीय सेना दुनिया की उन चुनिंदा सेनाओं में से एक है जो 16,000 फीट तक की ऊंचाई पर और बड़ी संख्या में टैंकों का संचालन करती है.
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#WATCH | Captain V Mishra, says, "This equipment is a 155 mm x 45 calibre Dhanush Made in India Howitzer. This modern two-system is made by a gun carriage factory in Jabalpur under the Make in-India scheme and it is stationed here since last year. It has the ability to target… pic.twitter.com/5EQA77jDWH
— ANI (@ANI) July 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 8, 2023#WATCH | Captain V Mishra, says, "This equipment is a 155 mm x 45 calibre Dhanush Made in India Howitzer. This modern two-system is made by a gun carriage factory in Jabalpur under the Make in-India scheme and it is stationed here since last year. It has the ability to target… pic.twitter.com/5EQA77jDWH
— ANI (@ANI) July 8, 2023
जब चीनी सेना ने अपने प्रशिक्षण अभ्यास सैनिकों को हटाकर पूर्वी लद्दाख सेक्टर में आक्रामकता दिखाना शुरू कर दिया है, तो भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में बड़ी संख्या में टैंक और बख्तरबंद लड़ाकू वाहन तैनात किए हैं. खुली घाटियों में तैनात किए गए टैंक युद्ध के लिए बहुत अनुकूल हैं. पहले भारतीय सेना पाकिस्तान के मोर्चे पर पंजाब सेक्टर में इस तरह के अभ्यास करती थी क्योंकि ऐसा माना जाता था कि केवल मैदानी और रेगिस्तानी इलाकों में ही टैंक युद्ध होंगे लेकिन बाद में इनको घाटियों में तैनात किया जाने लगा है.
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#WATCH | Indian Army tanks and combat vehicles carry out drills of crossing the Indus River in the eastern Ladakh sector to attack enemy positions. pic.twitter.com/FsonVC5sT9
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2013-14 के बाद से पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने टैंकों और बख्तबंद गाड़ियों की तैनाती शुरू कर दी है. साल 2020 में गलवान घाटी झड़प की घटना के बाद संख्या कई गुना बढ़ गई है. उस घटना के बाद भारतीय वायुसेना के सी-17 और इल्युशिन-76 परिवहन विमान बड़ी संख्या में यहां तैनात किए गए हैं.
(एएनआई)