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SCO की 21वीं बैठक: जयशंकर ने किया भारत का प्रतिनिधित्व, बेहतर संपर्क की हिमायत की

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Published : Nov 1, 2022, 5:38 PM IST

Updated : Nov 1, 2022, 7:14 PM IST

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सरकार के प्रमुखों की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) परिषद की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जो आज संपन्न हुआ. उन्होंने ट्वीट किया, "बैठक में इस बात को रेखांकित किया कि हमें मध्य एशियाई राज्यों के हितों की केंद्रीयता पर निर्मित एससीओ क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता है."

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नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में बेहतर संपर्क की मंगलवार को हिमायत की, लेकिन यह भी रेखांकित किया कि इस तरह की परियोजनाओं को सदस्य देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए. एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि चाबहार बंदरगाह और इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरीडोर क्षेत्र में सुगम संपर्क प्रदान करने वाले बन सकते हैं.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "हाल में संपन्न हुए एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया. यह रेखांकित किया कि हमें मध्य एशियाई देशों के हितों को महत्व देते हुए एससीओ क्षेत्र में बेहतर संपर्क स्थापित करने की जरूरत है." विदेश मंत्री ने कहा, "संपर्क परियोजनाओं को सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता तथा अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए."

  • The 21st Meeting of the SCO Council of Heads of Government was held today, in which EAM Dr. S Jaishankar represented India.

    A Joint Communique of SCO Heads of Government and other Decisions was adopted at the conclusion of the Meeting. pic.twitter.com/vHhA1bTtFs

    — ANI (@ANI) November 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उनकी इस टिप्पणी को चीन के 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' के संदर्भ में देखा जा रहा है. जयशंकर ने कहा, "एससीओ सदस्य देशों के साथ हमारा कुल व्यापार 141 अरब डॉलर का है और इसमें कई गुना वृद्धि होने की संभावना है. निष्पक्ष बाजार पहुंच हमारे परस्पर हित में है और आगे बढ़ने का यह एकमात्र जरिया है." यह बैठक सालाना आयोजित की जाती है और इसमें संगठन के व्यापार एवं आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित किया जाता है तथा इसके वार्षिक बजट को मंजूरी दी जाती है. एससीओ का गठन 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया गया था. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में बेहतर संपर्क की मंगलवार को हिमायत की, लेकिन यह भी रेखांकित किया कि इस तरह की परियोजनाओं को सदस्य देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए. एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि चाबहार बंदरगाह और इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरीडोर क्षेत्र में सुगम संपर्क प्रदान करने वाले बन सकते हैं.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "हाल में संपन्न हुए एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया. यह रेखांकित किया कि हमें मध्य एशियाई देशों के हितों को महत्व देते हुए एससीओ क्षेत्र में बेहतर संपर्क स्थापित करने की जरूरत है." विदेश मंत्री ने कहा, "संपर्क परियोजनाओं को सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता तथा अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए."

  • The 21st Meeting of the SCO Council of Heads of Government was held today, in which EAM Dr. S Jaishankar represented India.

    A Joint Communique of SCO Heads of Government and other Decisions was adopted at the conclusion of the Meeting. pic.twitter.com/vHhA1bTtFs

    — ANI (@ANI) November 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उनकी इस टिप्पणी को चीन के 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' के संदर्भ में देखा जा रहा है. जयशंकर ने कहा, "एससीओ सदस्य देशों के साथ हमारा कुल व्यापार 141 अरब डॉलर का है और इसमें कई गुना वृद्धि होने की संभावना है. निष्पक्ष बाजार पहुंच हमारे परस्पर हित में है और आगे बढ़ने का यह एकमात्र जरिया है." यह बैठक सालाना आयोजित की जाती है और इसमें संगठन के व्यापार एवं आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित किया जाता है तथा इसके वार्षिक बजट को मंजूरी दी जाती है. एससीओ का गठन 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया गया था. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने थे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 1, 2022, 7:14 PM IST
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