नई दिल्ली : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 19-20 जनवरी को युगांडा के कंपाला में होने वाले गैर-संरेखित आंदोलन (एनएएम) के 19 वें शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर यह विचार -विमर्श शिखर सम्मेलन से पहले आयोजित हो रहा है. विदेश राज्य मंत्री, डॉ. राजकुमार रंजन सिंह एनएएन विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. यह बैठक एनएएम शिखर सम्मेलन से पहले हो रही है. विदेश राज्य मंत्री, मुरलीधरान, G-77 तीसरे दक्षिण शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे जो 21-22 जनवरी को कंपाला में आयोजित होने वाला है.
युगांडा के नेतृत्व में 19 वें एनएएम शिखर सम्मेलन को 'साझा वैश्विक संपन्नता के लिए गहन सहयोग' विषय के तहत आयोजित किया जा रहा है. इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व के मंच पर 120 से अधिक विकासशील देश एक साथ उपस्थित रहेंगे. एक बयान में भारत के की ओर से कहा गया है कि भारत युगांडा के नेतृत्व में एनएएम के साथ जुड़ने के लिए तत्पर है.
बयान में कहा गया है कि एनएएम के प्रमुख और संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में, भारत आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है. एनएएम शिखर सम्मेलन के मौके पर, विदेश मंत्री जयशंकर ने उम्मीद जतायी है कि युगांडा के नेतृत्व और एनएएम सदस्य राज्यों के समकक्षों मुलाकात हो सकती है.
विदेश मंत्री 21 से 23 जनवरी तक आधिकारिक यात्रा पर नाइजीरिया की यात्रा करेगा. जयशंकर छठवीं इंडिया-नाइजीरिया संयुक्त आयोग की बैठक (जेसीएम) को अपने समकक्ष के साथ सह-अध्यक्षता करेंगे और अन्य नेताओं के साथ मिलेंगे. जयशंकर नाइजीरिया-इंडिया बिजनेस काउंसिल की बैठक के तीसरे संस्करण का उद्घाटन भी करेंगे.
वह नाइजीरियाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में एक सभा को संबोधित करेंगे. वहां व्यवसाय प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे और महात्मा गांधी के बस्ट का उद्घाटन करेंगे. वह भारतीय प्रमुख मिशन के क्षेत्रीय सम्मेलन की भी अध्यक्षता करेंगे.
बता दें कि पारंपरिक रूप से भारत और नाइजीरिया के बीच करीबी और दोस्ताना संबंध रहे हैं. यह विदेश मंत्री जयशंकर की पहली नाइजीरिया यात्रा है. जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत प्रदान करेगी.