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विदेश मंत्री जयशंकर गुरुवार को गोवा में चीन और रूस के विदेश मंत्री के साथ करेंगे द्विपक्षीय वार्ता

विदेश मंत्री एस जयशंकर ( External Affairs Minister s Jaishankar) गोवा में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्री स्तर की बैठक से पहले गुरुवार को गोवा में चीन के विदेश मंत्री छिन कांग (Chinese Foreign Minister Qin Gang), रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव (Russian foreign minister Sergey Lavrov) के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

External Affairs Minister s Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : May 3, 2023, 9:54 PM IST

नई दिल्ली : गोवा में शुरू होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्री स्तर की दो दिवसीय बैठक की मेजबानी करेगा. इसी क्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ( External Affairs Minister s Jaishankar ) भारत की अध्यक्षता में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक की तैयारी की समीक्षा करने के लिए बुधवार को गोवा पहुंचे. विदेश मंत्री शुक्रवार को होने वाली एससीओ विदेश मंत्री बैठक से पहले गुरुवार, 4 मई को गोवा में चीन के विदेश मंत्री छिन कांग (Chinese Foreign Minister Qin Gang), रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव (Russian foreign minister Sergey Lavrov) के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक सीमा मुद्दे के समाधान पर केंद्रित होने की उम्मीद है. हालांकि, बैठक के एजेंडे में शामिल विषयों के बारे में किसी भी पक्ष की ओर से कोई विवरण नहीं दिया गया है. बता दें कि इस साल चीन और रूस दोनों के विदेश मंत्रियों की यह दूसरी भारत यात्रा होगी. दोनों नेताओं ने इस साल की शुरुआत में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत का दौरा किया था.

बैठक के महत्व पर टिप्पणी करते हुए, पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार (former diplomat Ashok Sajjanhar) ने कहा कि जयशंकर और चीनी एफएम छिन कांग के बीच बैठक होगी. आखिरकार, हम चीनी सरकार के साथ संपर्क कर रहे हैं, पहले भी मंत्री स्तर पर हमारे नेताओं की मुलाकात हो चुकी है. उन्होंने कहा कि लेकिन स्‍पष्‍ट रूप से मैं एलएसी के समाधान के संदर्भ में किसी भी प्रगति की आशा नहीं करता. दोनों पक्ष वही स्थिति दोहराएंगे.

लद्दाख क्षेत्र में दो सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध सबसे निम्न स्तर पर रहे हैं, जिसकी वजह से भारतीय सैनिकों के साथ-साथ चीनी सैनिकों की संख्या बढ़ती चली गई. वहीं अरुणाचल प्रदेश राज्य को अपने क्षेत्र के रूप में दावा करने के चीन के दोहराए जाने के प्रयास के बाद दो दक्षिण एशियाई दिग्गजों के बीच संबंध में खटास आ गई है.

इस बीच, विदेश मंत्री जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव के बीच गुरुवार को द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार और रूसी-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है. रूसी विदेश मंत्री की यात्रा पिछले तीन हफ्तों में रूसी उप प्रधान मंत्री और रूसी रक्षा मंत्री की यात्रा के बाद रूस से तीसरी उच्च स्तरीय यात्रा है.

हालांकि भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बातचीत की अभी पुष्टि नहीं हुई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए गोवा में होंगे. एक दशक में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा होगी. भारत द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का फैसला करने के बाद पाकिस्तान की ओर से यह पहली यात्रा भी है. पाकिस्तान विदेश मंत्री की यात्रा को एक महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में भारी गिरावट आई है, खासकर पुलवामा आतंकी हमले के बाद. हालांकि, दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सबसे बड़ा प्रश्न चिह्न है.

आगे पूर्व राजनयिक सज्जनहार ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री का दौरा विशुद्ध रूप से एससीओ के संदर्भ में है न कि द्विपक्षीय संदर्भ में. उन्होंने कहा कि वह द्विपक्षीय यात्रा के लिए विदेश मंत्री के निमंत्रण पर यहां नहीं आ रहे हैं, बल्कि मूल रूप से एससीओ बैठक में भाग लेने के लिए आ रहे हैं. अभी तक के हिसाब से ऐसा प्रतीत होता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय संबंध नहीं होने जा रहा है क्योंकि आम तौर पर यह अतिथि गणमान्य व्यक्ति होता है जो मेजबान देश से मिलने या मिलने के लिए अनुरोध करता है, मैं समझता हूं कि ऐसा नहीं किया गया है. जहां तक भारत का संबंध है, हम भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंध के इच्छुक नहीं हैं.

बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2001 में स्थापित एक अंतर सरकारी संगठन है. एससीओ की सदस्यता में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. 2017 में सदस्य बनने के बाद से यह पहली बार है जब भारत ने समूह की अध्यक्षता संभाली है. दिल्ली जुलाई में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

ये भी पढ़ें - SCO Meet : राजनाथ ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, कहा- आतंकवाद का समर्थन मानवता के खिलाफ बड़ा अपराध

नई दिल्ली : गोवा में शुरू होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्री स्तर की दो दिवसीय बैठक की मेजबानी करेगा. इसी क्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ( External Affairs Minister s Jaishankar ) भारत की अध्यक्षता में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक की तैयारी की समीक्षा करने के लिए बुधवार को गोवा पहुंचे. विदेश मंत्री शुक्रवार को होने वाली एससीओ विदेश मंत्री बैठक से पहले गुरुवार, 4 मई को गोवा में चीन के विदेश मंत्री छिन कांग (Chinese Foreign Minister Qin Gang), रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव (Russian foreign minister Sergey Lavrov) के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक सीमा मुद्दे के समाधान पर केंद्रित होने की उम्मीद है. हालांकि, बैठक के एजेंडे में शामिल विषयों के बारे में किसी भी पक्ष की ओर से कोई विवरण नहीं दिया गया है. बता दें कि इस साल चीन और रूस दोनों के विदेश मंत्रियों की यह दूसरी भारत यात्रा होगी. दोनों नेताओं ने इस साल की शुरुआत में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत का दौरा किया था.

बैठक के महत्व पर टिप्पणी करते हुए, पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार (former diplomat Ashok Sajjanhar) ने कहा कि जयशंकर और चीनी एफएम छिन कांग के बीच बैठक होगी. आखिरकार, हम चीनी सरकार के साथ संपर्क कर रहे हैं, पहले भी मंत्री स्तर पर हमारे नेताओं की मुलाकात हो चुकी है. उन्होंने कहा कि लेकिन स्‍पष्‍ट रूप से मैं एलएसी के समाधान के संदर्भ में किसी भी प्रगति की आशा नहीं करता. दोनों पक्ष वही स्थिति दोहराएंगे.

लद्दाख क्षेत्र में दो सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध सबसे निम्न स्तर पर रहे हैं, जिसकी वजह से भारतीय सैनिकों के साथ-साथ चीनी सैनिकों की संख्या बढ़ती चली गई. वहीं अरुणाचल प्रदेश राज्य को अपने क्षेत्र के रूप में दावा करने के चीन के दोहराए जाने के प्रयास के बाद दो दक्षिण एशियाई दिग्गजों के बीच संबंध में खटास आ गई है.

इस बीच, विदेश मंत्री जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव के बीच गुरुवार को द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार और रूसी-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है. रूसी विदेश मंत्री की यात्रा पिछले तीन हफ्तों में रूसी उप प्रधान मंत्री और रूसी रक्षा मंत्री की यात्रा के बाद रूस से तीसरी उच्च स्तरीय यात्रा है.

हालांकि भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बातचीत की अभी पुष्टि नहीं हुई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए गोवा में होंगे. एक दशक में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा होगी. भारत द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का फैसला करने के बाद पाकिस्तान की ओर से यह पहली यात्रा भी है. पाकिस्तान विदेश मंत्री की यात्रा को एक महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में भारी गिरावट आई है, खासकर पुलवामा आतंकी हमले के बाद. हालांकि, दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सबसे बड़ा प्रश्न चिह्न है.

आगे पूर्व राजनयिक सज्जनहार ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री का दौरा विशुद्ध रूप से एससीओ के संदर्भ में है न कि द्विपक्षीय संदर्भ में. उन्होंने कहा कि वह द्विपक्षीय यात्रा के लिए विदेश मंत्री के निमंत्रण पर यहां नहीं आ रहे हैं, बल्कि मूल रूप से एससीओ बैठक में भाग लेने के लिए आ रहे हैं. अभी तक के हिसाब से ऐसा प्रतीत होता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय संबंध नहीं होने जा रहा है क्योंकि आम तौर पर यह अतिथि गणमान्य व्यक्ति होता है जो मेजबान देश से मिलने या मिलने के लिए अनुरोध करता है, मैं समझता हूं कि ऐसा नहीं किया गया है. जहां तक भारत का संबंध है, हम भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंध के इच्छुक नहीं हैं.

बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2001 में स्थापित एक अंतर सरकारी संगठन है. एससीओ की सदस्यता में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. 2017 में सदस्य बनने के बाद से यह पहली बार है जब भारत ने समूह की अध्यक्षता संभाली है. दिल्ली जुलाई में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

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