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तेलंगाना विधानसभा चुनाव में वंशवाद का बोलबाला, एक परिवार के दो लोगों को दिए टिकट - telangna state election 2023

तेलंगाना विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है. आगामी 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाला है. तमाम पार्टियों के उम्मीदवारों ने अपना-अपना नामांकन दाखिल कर दिया. बता दें, इस चुनाव में एक ही परिवार के कई सदस्यों को मैदान में उतारा गया है. (telangna vidhansabha chunav 2023, telangna state election 2023, telangna election 30th nov, BRS, congress, BJP)

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तेलंगाना विधानसभा चुनाव
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 12, 2023, 1:43 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना विधानसभा चुनाव (telangna state election 2023) में देखने में एक ही परिवार के कई सदस्यों को मैदान में उतारा गया है. यह परिपाटी लगभग सभी पार्टियों में देखी गयी है. खासकर, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) और विपक्षी दल कांग्रेस में देखा जा रहा है. अक्सर वंशवादी शासन के आरोपों का सामना करने वाले बीआरएस की ओर से मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव इस बार गजवेल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव फिर सिरसिला से चुनाव लड़ रहे हैं.

केसीआर के भतीजे एवं राज्य के वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव भी सिद्दिपेट सीट से फिर चुनाव लड़ रहे हैं. रामा राव ने पूर्व में कहा था कि किसी प्रमुख नेता के परिवार के सदस्यों और उनके बच्चों का राजनीति में आना कोई असामान्य बात नहीं है क्योंकि डॉक्टर और अभिनेता के बच्चे भी तो अपने माता-पिता की विरासत को अपनाते हैं. कांग्रेस ने हुजूरनगर क्षेत्र में पार्टी सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी को मैदान में उतारा है, जबकि उनकी पत्नी एन पद्मावती वर्तमान विधानसभा चुनाव में कोडाद से चुनाव लड़ रही हैं.

मौजूदा विधायक मयनामपल्ली हनुमंत राव फिर से हैदराबाद के मलकाजगिरी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे रोहित राव मेदक सीट अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. हनुमंत राव को चुनाव लड़ने के लिए बीआरएस द्वारा फिर से नामित किया गया था. हालांकि, अपने और अपने बेटे के लिए टिकट मिलने के बाद उन्होंने बीआरएस छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए.

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी को नलगोंडा सीट से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया है, जबकि उनके भाई कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी अपनी किस्मत मुनुगोडे सीट से आजमा रहे हैं. कांग्रेस की ओर से दो भाइयों को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है. जी विवके को चेन्नूर और उनके भाई जी विनोद को बेल्लमपल्ली से टिकट दिया गया है. कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र के अनुरूप ‘एक परिवार, एक टिकट’ के संकल्प पर अमल नहीं करने को लेकर बीआरएस की ओर से उस पर लगातार निशाना साधा जा रहा है.

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने 10 नवंबर को कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) एक उदयपुर घोषणापत्र जारी करके कहा था कि प्रति परिवार केवल एक टिकट. क्या वे तेलंगाना में उस पर कायम हैं? उन्होंने कितने परिवारों को टिकट दिए हैं? मयनामपल्ली हनुमंत राव और उनके बेटे, उत्तम कुमार रेड्डी और उनकी पत्नी, कोमाटिरेड्डी बंधु और कई अन्य. रामा राव ने कहा कि घोषणाएं करने का क्या मतलब है? जब आप में घोषणाओं को लागू करने के प्रति ईमानदारी नहीं है. वरिष्ठ मीडियाकर्मी रामू सुरवज्जुला ने कहा कि एक नेता का बेटा या बेटी होने के नाते, उन्हें पारंपरिक पारिवारिक वोट बैंक से लेकर वित्तीय प्रभाव तक कई फायदे मिलते हैं.

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उन्होंने कहा कि वंशवाद की राजनीति यहां हमेशा रहेगी और हमें इसे स्वीकार कर लेना चाहिए. यह बुद्धिजीवियों और शिक्षित मतदाताओं की जिम्मेदारी है कि वे जनता को ऐसी राजनीति के नकारात्मक पहलुओं के बारे में जागरूक करें.

हैदराबाद : तेलंगाना विधानसभा चुनाव (telangna state election 2023) में देखने में एक ही परिवार के कई सदस्यों को मैदान में उतारा गया है. यह परिपाटी लगभग सभी पार्टियों में देखी गयी है. खासकर, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) और विपक्षी दल कांग्रेस में देखा जा रहा है. अक्सर वंशवादी शासन के आरोपों का सामना करने वाले बीआरएस की ओर से मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव इस बार गजवेल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव फिर सिरसिला से चुनाव लड़ रहे हैं.

केसीआर के भतीजे एवं राज्य के वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव भी सिद्दिपेट सीट से फिर चुनाव लड़ रहे हैं. रामा राव ने पूर्व में कहा था कि किसी प्रमुख नेता के परिवार के सदस्यों और उनके बच्चों का राजनीति में आना कोई असामान्य बात नहीं है क्योंकि डॉक्टर और अभिनेता के बच्चे भी तो अपने माता-पिता की विरासत को अपनाते हैं. कांग्रेस ने हुजूरनगर क्षेत्र में पार्टी सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी को मैदान में उतारा है, जबकि उनकी पत्नी एन पद्मावती वर्तमान विधानसभा चुनाव में कोडाद से चुनाव लड़ रही हैं.

मौजूदा विधायक मयनामपल्ली हनुमंत राव फिर से हैदराबाद के मलकाजगिरी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे रोहित राव मेदक सीट अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. हनुमंत राव को चुनाव लड़ने के लिए बीआरएस द्वारा फिर से नामित किया गया था. हालांकि, अपने और अपने बेटे के लिए टिकट मिलने के बाद उन्होंने बीआरएस छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए.

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी को नलगोंडा सीट से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया है, जबकि उनके भाई कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी अपनी किस्मत मुनुगोडे सीट से आजमा रहे हैं. कांग्रेस की ओर से दो भाइयों को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है. जी विवके को चेन्नूर और उनके भाई जी विनोद को बेल्लमपल्ली से टिकट दिया गया है. कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र के अनुरूप ‘एक परिवार, एक टिकट’ के संकल्प पर अमल नहीं करने को लेकर बीआरएस की ओर से उस पर लगातार निशाना साधा जा रहा है.

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने 10 नवंबर को कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) एक उदयपुर घोषणापत्र जारी करके कहा था कि प्रति परिवार केवल एक टिकट. क्या वे तेलंगाना में उस पर कायम हैं? उन्होंने कितने परिवारों को टिकट दिए हैं? मयनामपल्ली हनुमंत राव और उनके बेटे, उत्तम कुमार रेड्डी और उनकी पत्नी, कोमाटिरेड्डी बंधु और कई अन्य. रामा राव ने कहा कि घोषणाएं करने का क्या मतलब है? जब आप में घोषणाओं को लागू करने के प्रति ईमानदारी नहीं है. वरिष्ठ मीडियाकर्मी रामू सुरवज्जुला ने कहा कि एक नेता का बेटा या बेटी होने के नाते, उन्हें पारंपरिक पारिवारिक वोट बैंक से लेकर वित्तीय प्रभाव तक कई फायदे मिलते हैं.

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उन्होंने कहा कि वंशवाद की राजनीति यहां हमेशा रहेगी और हमें इसे स्वीकार कर लेना चाहिए. यह बुद्धिजीवियों और शिक्षित मतदाताओं की जिम्मेदारी है कि वे जनता को ऐसी राजनीति के नकारात्मक पहलुओं के बारे में जागरूक करें.

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