नई दिल्ली : कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन ने रेलवे के राजस्व को बुरी तरह प्रभावित किया है. रेलवे ने कोविड-19 महामारी के कारण पैसेंजर ट्रेनों का संचालन रद्द कर दिया था, जिस कारण रेलवे को पिछले साल की तुलना में 90 प्रतिशत का घाटा हुआ है.
एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग के दौरान रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेलवे ने पैसेंजर सेगमेंट से 3,322 करोड़ रुपये कमाए हैं, जो कि कोविड-19 के कारण पिछले वर्ष की तुलना में 90 प्रतिशत कम है.
वर्तमान में 736 विशेष ट्रेनें संचालित की जा रही हैं. रेलवे ने हाल ही में त्योहारी सीजन को देखते हुए 20 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 436 स्पेशल ट्रेनें शुरू की हैं. इसके अलावा जुलाई 2020 में रेलवे ने कोलकाता मेट्रो की 200 सेवाओं की भी शुरुआत की थी.
पूर्ण यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि रेलवे राज्य सरकारों के साथ संपर्क में है. कोरोना की स्थिति का आकलन किया जा रहा है, जिसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने उल्लेख किया कि महामारी की अनिश्चितता के कारण अंतिम तिथि अभी नहीं बताई जा सकती है.
रेलवे ने माल ढुलाई में 9 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की है. रेलवे अधिकारी ने कहा कि सभी वस्तुओं के लिए माल लोडिंग में 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसके कारण 9 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 869 करोड़ रुपये अधिक है.
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उन्होंने आगे कहा कि हमने ऑटोमोबाइल लोडिंग में भी जबर्दस्त वृद्धि देखी है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में 162 रेक लोडिंग की तुलना में अक्टूबर में 320 रेक लोड किए गए हैं. यादव ने यह भी कहा है कि 736 विशेष ट्रेनों में से 327 ट्रेनों में यात्रियों की प्रतीक्षा सूची की संख्या में वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, और वेटिंग लिस्ट पर कितनी मांग है, इसे देखते हुए हम इन मार्गों पर क्लोन ट्रेनें चलाएंगे. हालांकि, यह केवल आरक्षित ट्रेनें होंगी और सभी कोरोनो वायरस प्रोटोकॉल का पालन करेंगी.
रेलवे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी काम करने की योजना बना रहा है, जिसके तहत हैदराबाद में डेटा एनालिटिक्स के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी और प्रत्येक डिवीजन में एक मुख्य तकनीकी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. इसके लिए इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
बुलेट ट्रेन परियोजना पर यादव ने कहा कि कुल आवश्यक भूमि का 66 प्रतिशत अधिग्रहण हो चुका है. उम्मीद है कि गुजरात में 95 प्रतिशत भूमि अगले महीने तक अधिग्रहित कर ली जाएगी.